नई दिल्ली। राष्ट्रीय राजधानी के अस्पतालों में कोरोनावायरस (Coronavirus) कोविड-19 मरीजों की बढ़ती संख्या की पृष्ठभूमि में मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने सोमवार को अधिकारियों को निर्देश दिया कि वे शहर
में गृह-पृथकवास प्रणाली को और मजबूत बनाएं। उन्होंने अधिकारियों से यह सुनिश्चित करने को कहा कि कोविड-19 के मरीजों को संक्रमण की पुष्टि होने के 24 घंटे के भीतर सरकार द्वारा नियुक्त डॉक्टरों की टीम से कॉल किया जाए।
उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया और शीर्ष अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक में केजरीवाल ने कहा कि अस्पताल जाने वाले और घर में ही अपना इलाज करा रहे कोविड-19 के मरीजों का स्पष्ट रिकॉर्ड रखा जाए।
मुख्यमंत्री और उनके कैबिनेट सहयोगियों ने कई मौकों पर शहर की आम आदमी पार्टी की सरकार की गृह-पृथकवास नीति की सराहना की है। पिछले साल सितंबर में गृहमंत्री सत्येंद्र जैन ने कहा था कि जून में संक्रमण के प्रसार पर काबू पाने में इस नीति ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। सरकार अभी भी इस नीति को अपना रही है।
सोमवार को समीक्षा बैठक में केजरीवाल ने निर्देश दिया कि गृह-पृथकवास में रह रहे जिन मरीजों के पास ऑक्सीमीटर नहीं है, उन्हें कोविड-19 किट के साथ यह उपकरण भी दिया जाएगा। सरकारी आंकड़ों के अनुसार, दिल्ली में रविवार तक कोविड-19 के 50,742 मरीज गृह-पृथकवास में थे जबकि 20,136 मरीजों का अस्पतालों में इलाज चल रहा है।
आप सरकार ने एक बयान में कहा, मुख्यमंत्री ने निर्देश दिया कि गृह-पृथकवास में इलाज करा रहे लोगों को संक्रमण की पुष्टि होने से 24 घंटे के भीतर डॉक्टर का कॉल जाएगा और उनकी काउंसलिंग भी शुरू हो जाएगी।
उसने कहा, मुख्यमंत्री ने यह भी निर्देश दिया कि कोविड-19 के कितने मरीज अस्पताल जा रहे हैं और कितनों का इलाज घर में हो रहा है, इसका स्पष्ट रिकॉर्ड रखा जाए।दिल्ली में रविवार को कोविड-19 से 407 लोगों की मौत हुई है, जबकि 20,394 नए मामले आए हैं। शहर में संक्रमण की दर 28.33 प्रतिशत है, जो 19 अप्रैल के बाद सबसे कम है।(भाषा)