नई दिल्ली। मुख्यमंत्री ने कहा कि कई दिनों बाद दिल्ली में 10 हजार से कम 8500 कोरोनावायरस (Coronavirus) के केस आए हैं और संक्रमण दर 12 फीसदी है, जबकि 22 अप्रैल को यह 36 फीसदी थी। पिछले 10 दिनों में अस्पतालों में 3 हजार बेड खाली हुए हैं। दिल्लीवासियों ने लॉकडाउन का कड़ाई से पालन किया और उनके अनुशासित आचरण की वजह से केस कम हो रहे हैं। हम अगले एक-दो दिन में 1200 नए आईसीयू बेड चालू कर देंगे। कोरोना को पूरी तरह से खत्म करने के लिए हमें लॉकडाउन का कड़ाई से पालन करना है और किसी भी हालत में ढिलाई नहीं बरतनी है।
मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व में दिल्ली सरकार कोरोनावायरस के प्रकोप से अनाथ हुए बच्चों और बेसहारा हुए बुजुर्गों का सहारा बनेगी। मुख्यमंत्री केजरीवाल ने कहा कि ऐसे कई बच्चे जिनके माता-पिता दोनों चल बसे, उन बच्चों की पढ़ाई और परवरिश का सारा खर्चा दिल्ली सरकार उठाएगी। जिन बुजुर्गों ने अपने घर के युवाओं को खो दिया, उनका ख्याल दिल्ली सरकार रखेगी।
मुख्यमंत्री ने ऐसे बच्चों व बुजुर्गों को उनके पड़ोसियों और रिश्तेदारों से अपना प्यार और हमदर्दी देने की अपील की है। मुख्यमंत्री ने कहा कि इतनी मायूसी के माहौल में एक सुखद खबर है कि पिछले 24 घंटे में कोरोना के दिल्ली में 10,000 से कम केस आए हैं। पिछले 24 घंटे में दिल्ली में लगभग 8,500 केस आए हैं। पिछले कई दिनों से दिल्ली में बहुत ज्यादा केस आ रहे थे। 20 अप्रैल को तो 28 हजार से भी ज्यादा केस आए थे। आज 8,500 केस आए हैं।
कई दिनों बाद पहली बार 10,000 से नीचे केस आए हैं। दिल्ली में संक्रमण दर भी काफी कम हो गई है। पिछले 24 घंटे में संक्रमण दर केवल 12 फीसदी रह गई है। संक्रमण दर का मतलब यह है कि अगर हम 100 लोगों का टेस्ट करते हैं, तो उसमें कितने लोगों को कोरोना मिलता है? ज्यादा संक्रमण दर का मतलब होता है कि कोरोना बहुत ज्यादा फैला हुआ है। आज यह संक्रमण दर केवल 12 फीसदी आई है। 22 अप्रैल को दिल्ली में संक्रमण दर 36 फीसदी तक पहुंच गई थी। इसका मतलब यह है कि दिल्ली में अब कोरोना से काफी कम लोग बीमार पड़ रहे हैं।
एक-दो दिन में 1200 नए आईसीयू बेड होंगे चालू : मुख्यमंत्री केजरीवाल ने कहा कि दिल्ली के अस्पतालों में भर्ती होने वाले कोरोना मरीजों की संख्या भी अब कम हो गई है। पिछले 10 दिनों में दिल्ली के अस्पतालों में कोरोना के 3000 से ज्यादा मरीज कम हो गए हैं यानी कि अस्पतालों में 3000 से ज्यादा कोविड बेड और खाली हो गए हैं। अब कोविड मरीजों को दिल्ली के अस्पतालों में बेड मिलने में परेशानी नहीं हो रही है।
हालांकि एक बात देखने में आई है कि आईसीयू के बेड अभी भी भरे हुए हैं। इसका मतलब यह है कि गंभीर मरीजों की संख्या अभी ज्यादा कम नहीं हुई है। अभी भी दिल्ली के अस्पतालों में आईसीयू बेड लगभग सारे भरे हुए हैं। इस दिशा में भी आप की सरकार काम कर रही है। लगभग 1200 नए आईसीयू बेड बनकर तैयार हो गए हैं और यह आज या कल में चालू होने वाले हैं। इससे दिल्लीवासियों को काफी राहत मिलेगी।
कोरोना को पूरी तरह से खत्म करना है : मुख्यमंत्री ने कहा कि दिल्ली में जो केस कम हो रहे हैं, इसमें हर दिल्लीवासी का बहुत ज्यादा सहयोग रहा है। हमने दिल्ली में बहुत कड़ा लॉकडाउन लगाया है, लेकिन दिल्लीवासियों ने उसमें पूरा सहयोग किया। सबने पूरी तरह से लॉकडाउन का पालन किया। आज सब लोग बात कर रहे हैं कि दिल्लीवासियों ने इतने कम समय में कोरोना के केस कम कर कैसे कर लिए?
यह केवल और केवल दिल्लीवासियों के अनुशासित आचरण की वजह से हुआ है, लेकिन लड़ाई अभी जीती नहीं गई है, लड़ाई अभी भी बाकी है। अभी भी 8,500 केस आए हैं। इनको जीरो तक लेकर जाना है। हमें कोरोना को पूरी तरह से खत्म करना है। हम अगर अब ढीले पड़ गए, तो यह केस फिर बढ़ जाएंगे। यह कोई गारंटी नहीं है कि ये कम ही रहेंगे। ढील देने पर फिर से दिल्ली पर मुसीबत आ सकती है। इसीलिए किसी भी हालत में ढिलाई नहीं करनी है।
हमें कड़ाई से लॉकडाउन का पालन करना है और कोरोना से बचने के जितने भी उपाय हैं, वह सारे लागू रखने हैं। दिल्ली सरकार भी अपने इंतजामों में कोई कमी नहीं छोड़ रही है। हम अभी और नए ऑक्सीजन बेड बना रहे हैं। ऑक्सीजन के कई हजार सिलेंडर खरीद रहे हैं। नए-नए आईसीयू बेड बना रहे हैं, ताकि भगवान न करे, अगर कोरोना के केस फिर से बढ़ गए, तो हमारी तैयारी में कोई कमी नहीं होगी।
केजरीवाल बोले- बच्चों अपने आपको अनाथ मत समझना, मैं हूं ना : मुख्यमंत्री केजरीवाल ने कहा कि हम सभी के लिए पिछले कुछ दिन बेहद दुखदायी बीते हैं। सभी कोशिशों के बावजूद हम अपने कई दिल्लीवासियों को बचा नहीं पाए। कई परिवारों में तो एक से ज्यादा मौतें हुई हैं। मैं भगवान से प्रार्थना करता हूं कि इन सभी आत्माओं को शांति प्रदान करें। मैं ऐसे कई बच्चों को जानता हूं, जिनके दोनों माता-पिता चल बसे। अब इनका दुनिया में कोई नहीं है।
मैं ऐसे सभी बच्चों को कहना चाहता हूं कि मैं उनके दुख को समझता हूं, पर बच्चों, आप चिंता मत करना। आप अपने आपको अनाथ मत समझना। मैं हूं ना। हम किसी भी बच्चे की पढ़ाई बीच में छूटने नहीं देंगे। हर बच्चे की पढ़ाई जारी रहेगी। हर बच्चे की पढ़ाई और उन बच्चों की परवरिश का खर्चा सरकार उठाएगी। ऐसे कई बुजुर्ग हैं, जिनके जवान बच्चे थे, वे कमाते थे, तब उनका घर चलता था। अब वह कमाने वाले बच्चे नहीं रहे।
मैं ऐसे सभी बुजुर्गों को कहना चाहता हूं कि आपके बच्चे चले गए। मुझे इस बात का बेहद अफसोस है, लेकिन आप चिंता मत करना। अभी आपका यह बेटा जिंदा है। ऐसे सभी परिवार, जिनमें कमाने वाले व्यक्ति की मौत हो गई है, उनकी मदद सरकार करेगी। पड़ोसियों और रिश्तेदारों से अपील है कि वे बेसहारा हुए बच्चों व बुजुर्गों को अपना प्यार और हमदर्दी दें।
मुख्यमंत्री ने कहा कि हम ऐसे परिवारों की आर्थिक मदद तो कर देंगे, पर ऐसे बच्चों और बुजुर्गों को इस वक्त प्यार की जरूरत है, हमदर्दी की जरूरत है। ऐसे परिवारों के सभी पड़ोसियों और उनके रिश्तेदारों से मेरी विनती है कि इनका ख्याल रखना। ऐसे परिवारों पर बहुत बड़ी मुसीबत आई है। इन्हें अपना प्यार और हमदर्दी देना। दिल्ली के दो करोड़ लोग, हम सब एक परिवार हैं। इस दुख की घड़ी में हमें एक-दूसरे की मदद करनी है। आज ईद का त्यौहार है। ऊपर वाले से आपकी सेहत और आपकी खुशियों की प्रार्थना करता हूं।