बागली (देवास)। गुरुवार को अनुभाग के उत्कृष्ट विद्यालय में 18 प्लस आयु वर्ग समूह के लिए स्थापित कोरोना रोधी टीकाकरण केन्द्र में टीकाकरण की शुरुआत हुई। पहले दिन 74 युवाओं का टीकाकरण हुआ। जिसमें लगभग 90 प्रतिशत तक इंदौर सहित अन्य शहरों के युवा थे। जो कि शहरी आबादी में फैले कोरोना पैनिक और फोबिया को दर्शाने के लिए काफी थे।
बता दें कि केंद्र सरकार ने 18 प्लस आयु वर्ग समूह के लिए सेल्फ रजिस्ट्रेशन की सुविधा दी है। जिसमें रजिस्ट्रेशन करवाकर ही युवा यहां पहुंचे थे। हालांकि इससे ग्रामीण क्षेत्र के युवा टीकारण से वंचित रह गए। बागली में पहला टीका इंदौर की गृहणी श्वेता अरोड़ा को लगा जबकि दूसरे क्रम पर उनके पति संजीव थे।
समय से पहले पहुंचे युवा : 18 प्लस टीकाकरण की शुरुआत सुबह 11 बजे से होनी थी। लेकिन इंदौर और भोपाल जैसे शहरों के युवा समय से पहले ही टीकाकरण के लिए केन्द्र पर पहुंचने लगे थे। इसके लिए स्वास्थ्य विभाग ने वैक्सीन को कोल्ड चेन से बाहर लाने से पहले ही पहले स्लॉट में आए युवाओं को चिन्हांकित कर सूचीबद्ध कर क्रमवार कर दिया। सेल्फ रजिस्ट्रेशन के कारण स्लाट नहीं मिलने से नगर सहित क्षेत्र के उत्साहित युवा टीकाकरण से वंचित रह गए। केन्द्र पर बीई आरएस चैहान व सुपरवाईजर नंदकिशोर मोहवाल के निर्देशन में वैक्सीनेटर आरती सोनी ने टीकाकरण किया और वेरिफायर उमा राठौर, मीरा गोयल और सुनील जगताप ने फोटो युक्त पहचान पत्र वेरिफाई किए।
सुरक्षा कवच है टीका : पहले क्रम पर टीका लगाने वाली श्वेता अरोड़ा ने बताया कि वे गृहणी हैं और परिवार में बच्चों से लेकर बुजुर्ग तक हैं। इसलिए सभी की सेहत और कोरोना के प्रतिदिन बदलते स्वरूप से डर बना ही रहता है। टीकाकरण नुकसानदायक नहीं बल्कि एक प्रकार का सुरक्षा कवच है। उनके पति संजीव आरोड़ा ने कहा कि सरकार को टीकाकरण की गति बढ़ानी चाहिए, जिससे बहुत हद तक महामारी की चेन को तोड़ा जा सके।
बागली में 28 हजार 238 को लगा टीका : बागली अनुभाग में 25 जनवरी से टीकाकरण की शुरुआत हुई थी। जिसमें पहले पहल फ्रंटलाइन वर्कर्स का टीकाकरण हुआ था। उसके बाद जिला प्रशासन ने 1 मार्च से हाटपिपल्या प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र और 3 मार्च से बागली के सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र में सीनियर सिटीजन सहित 45 वर्ष से अधिक आयु के गंभीर मरीजों को टीकाकरण की शुरुआत की थी। अब तक बागली के 7 केन्द्रों पर 28 हजार 238 टीके लगाए जा चुके हैं। जिसमें 23220 को एक डोज और 5 हजार 18 को दूसरा डोज भी लग चुका है।
सेल्फ रजिस्ट्रेशन बड़ी विसंगति : टीकाकरण में सेल्फ रजिस्ट्रेशन एक बडी विसंगति बनकर उभरा है। क्योंकि इस प्रक्रिया के विभिन्न चरणों में टीकाकरण केन्द्र और स्लॉट चुनने के लिए पोस्टल इंडेक्स नंबर या सिटीवाइज विकल्प थे। कोरोना की दूसरी लहर की शुरुआत से ही कहा जा रहा था कि कोरोना से लडाई में टीकाकरण अहम है। साथ ही देश की मौजूदा स्वास्थ्य सेवाओं को दृष्टिगत रखते हुए भी यह बहुत जरूरी है। क्योंकि मसला हर खासो-आम से लेकर महानगर, शहर और गांव की आबादी की महामारी से जान की सुरक्षा को लेकर है।
ऐसे में इंदौर और भोपाल जैसे शहरों के लोग समीपवर्ती ग्रामीण क्षेत्रों में उपलब्ध स्लॉट बुक करके टीकाकरण के लिए पहुंच रहे हैं, जबकि स्थानीय रहवासियों को जिनके लिए टीकाकरण सेंटर शुरू किया गया है। उन्हें स्लॉट ही नहीं मिल पा रहा है। हालांकि आगामी दिनों में यह बहुत ज्यादा मजेदार या एक बड़े विरोध का कारण बनने वाला है।
मोबाइल का कवरेज ही नहीं मिलता : अनुभाग में अब भी ऐसे गांव हैं, जहां पर मोबाइल पर केवल बात करने के लिए ग्रामीणों को नेटवर्क तलाशने के लिए अन्य गांवों में जाना पड़ता है। ऐसे में स्मार्ट फोन की सहायता से सेल्फ रजिस्ट्रेशन वाली व्यवस्था में ग्रामों के आम युवा रजिस्ट्रेशन से वंचित ही रह जांएगे। क्योंकि बागली अनुभाग की हाटपिपल्या तहसील के टप्पा, जामिया, भीलूखेड़ी़, गूसठ व चकापुरा सहित लगभग 12 गांव संचार सेवाओं से वंचित हैं। क्योंकि यहां पर मोबाइल का नेटवर्क नहीं मिलता।
इसी प्रकार बागली विधायक पहाड़ सिंह कन्नौजे के गृहग्राम पटाड़ीपाला के दो ग्राम धूपघट्टा और पुतलीपुरा एवं ग्राम पंचाचत मगरादेह में मोबाइल कवरेज नहीं मिलता। कमलनाथ के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार के समय विधायक लगातार इन गांवों के लिए मोबाइल टॉवर लगाने की मांग करते रहे।
22 लोग स्थानीय, 52 बाहरी : स्कूल में बनाए गए टीकाकरण केंद्र पर बागली नगर के 9 लोगों ने टीका लगवाया। इसी तरह चापड़ा के 4, हाटपिपल्या के 5, लसुड़ियालाड़ के 1 एवं पुंजापुरा के 3 समेत कुल 22 लोगों ने टीका लगावाया, जबकि 60 किमी दूर इंदौर के 36, 200 किमी दूर भोपाल के 2, अस्सी किमी दूर पीथमपुर का एक, 92 किमी दूर उज्जैन के 6 एवं 60 किमी दूर देवास के 7 कुल 52 लोगों वैक्सीन लगवाई।
इन आंकड़ों को देखा जाए तो वैक्सीन लगाने में क्षेत्रीय लोगों को स्थान नहीं मिल सका। जबकि बागली क्षेत्र में कोरोना महामारी का प्रकोप काफी ज्यादा है। इसके बावजूद क्षेत्र के युवाओं ने पहले दिन वैक्सीन लगाने में कम रुचि ली। इसी के चलते आसपास के शहरों के लोगों ने ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन कर बागली सेंटर को चुन लिया।