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कोरोना पर मुख्यमंत्री शिवराज आज रात 8 बजे जनता को करेंगे संबोधित, भोपाल, इंदौर में लग सकता है नाइट कर्फ्यू

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हमें फॉलो करें कोरोना पर मुख्यमंत्री शिवराज आज रात 8 बजे जनता को करेंगे संबोधित, भोपाल, इंदौर में लग सकता है नाइट कर्फ्यू
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विकास सिंह

, गुरुवार, 25 फ़रवरी 2021 (11:34 IST)
भोपाल। मध्यप्रदेश में कोरोना के बढ़ते मामलों के बीच मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान आज रात आठ बजे प्रदेश की जनता को संबोधित करेंगे। आज शाम अपने संबोधन में मुख्यमंत्री कोरोना से सावधानी के साथ नाईट कर्फ्यू और प्रदेश में एक मार्च से शुरु होने वाले कोरोना वैक्सीन के दूसरे चरण के टीकाकरण को लेकर संबोधित कर सकते है।
 
मुख्यमंत्री ने एक बार फिर लोगों से कोरोना संबंधी सभी सावधानियाँ बरतने की अपील की है। उन्होंने लोगों से अपील की है कि सभी मास्क अनिवार्य रूप से लगाने के साथ फिजिकल डिस्टेंसिंग रखे। इसके साथ हाथ बार-बार धोएं और थोड़े भी लक्षण होने पर तुरंत जांच कराएं। 

'वेबदुनिया' भी अपने पाठकों से अपील करता है कि वह कोरोना को लेकर वह पूरी सावधानी बरतें। कोरोना के खिलाफ अब भी जंग जारी है और हमारी थोड़ी सी लापरवाही भारी पड़ सकती है।
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भोपाल,इंदौर में नाईट कर्फ्यू  संभव-वहीं दूसरी ओर मीडिया से बात में प्रदेश के गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने कहा कि इंदौर और भोपाल शहर में कोरोना के नए मामलों को देखते हुए नाईट कर्फ्यू का फैसला कल होने वाली बैठक में लिया जाएगा। गृहमंत्री ने कहा कि भोपाल और इंदौर पहले भी कोरोना से बेहद प्रभावित रहे है इसलिए दोनों ही जिलों में नाईट कर्फ्यू को लेकर सरकार फैसला करेगी। इसके साथ महाराष्ट्र से लगे बॉर्डर के जिलों को लेकर भी सरकार फैसला करेगी। इन जिलों की क्राइसिस मैनेजमेंट कमेटी की राय आने के बाद सरकार इस पर निर्णय लेगी। फिलहाल महाराष्ट्र से सटे 12 जिलों के लिए ही अलर्ट जारी किया गया है।
 
नहीं लगाया जाएगा लॉकडाउन-इससे पहले बुधवार को कोरोना समीक्षा बैठक में मुख्यमंत्री ने साफ किया था कि प्रदेश में लॉकडाउन नहीं लगाया जाएगा। उन्होंने सीमावर्ती क्षेत्रों के मजदूर मजदूरी के लिए अन्य राज्यों में ना जाएं। उन्हें मनरेगा के तहत गांव में ही रोजगार उपलब्ध कराया जाएगा। आर्थिक गतिविधियां प्रभावित ना हो इसके लिए प्रदेश में लॉकडाउन भी नहीं किया जाएगा। बैठक‌ में मुख्यमंत्री ‌ने अधिकारियों ‌को‌ निर्देश दिए कि बालाघाट, सिवनी, बैतूल आदि सीमावर्ती जिलों से मजदूर रोज महाराष्ट्र कार्य के लिए जाते हैं। मनरेगा में इन्हें गाँव में ही काम दिया‌ जाए।
 

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