Covid-19 News : देश में कोरोना के मरीज लगातार बढ़ते जा रहे हैं। केरल और महाराष्ट्र के बाद अब पश्चिम बंगाल में भी सक्रिय मरीजों की संख्या बढ़ती जा रही है। पश्चिम बंगाल में पिछले 24 घंटे में कोविड-19 के 44 नये मामले सामने आए हैं। अधिकारियों ने सोमवार को यह जानकारी दी। इस बीच दिल्ली हाईकोर्ट ने कहा कि अगली कोविड महामारी अभी खत्म नहीं हुई है।
देश में 10 दिन में 15 गुना बढ़े मामले
स्वास्थ्य विभाग की वेबसाइट के मुताबिक 10 दिन में 15 गुना मामले बढ़े हैं। देशभर में कोराना संक्रमण के मामले बढ़ते जा रहे हैं, सोमवार सुबह तक कुल सक्रिय मामलों की संख्या 3961 तक पहुंच गयी। पिछले 24 घंटों में इसके संक्रमण से 4 मरीजों की मौत हो गई है। स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा है कि कोविड संक्रमण की स्थिति पर निरंतर नजर रखी जा रही है। मंत्रालय ने लोगों से अपील की है कि घबराने की आवश्यकता नहीं हैं और लोगों से भीड़भाड़ वाले इलाकों में मास्क का इस्तेमाल करने और कोरोना से सावधानी बरतने की जरूरत है।
क्या हैं बंगाल के हाल
पश्चिम बंगाल में कोविड के उपचाराधीन मरीजों की संख्या 331 है। स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय के नवीनतम आंकड़ों के अनुसार, इस अवधि के दौरान नौ मरीज संक्रमण मुक्त हुए। राज्य के स्वास्थ्य विभाग के एक अधिकारी ने कहा कि पिछले सात दिन में पश्चिम बंगाल में कोरोना वायरस की जांच में 319 लोगों के संक्रमित पाये जाने के बाद उपचाराधीन मरीजों की संख्या में वृद्धि हुई है।
दिल्ली हाईकोर्ट ने कहा कोविड महामारी अभी खत्म नहीं हुई
दिल्ली उच्च न्यायालय ने हाल में कहा कि अगली कोविड महामारी अभी खत्म नहीं हुई है। हाईकोर्ट ने नमूने एकत्र करने, केंद्रों और परिवहन नीति के लिए केंद्र सरकार की तैयारियों के बारे में विस्तृत जानकारी मांगी है। न्यायमूर्ति गिरीश कथपालिया ने कहा कि यह आशा है कि इस संबंध में कदम उठाए जाएंगे और प्रोटोकॉल लागू होंगे, लेकिन फिर भी संबंधित अधिकारियों को इसे रिकॉर्ड पर लाना चाहिए।
न्यायाधीश ने कहा कि यह देखते हुए कि अगली कोविड महामारी अभी खत्म नहीं हुई है और वास्तव में, समुदाय के बीच सक्रिय है। आज खबरों के अनुसार, 30 मई, 2023 की बैठक के बाद उठाए गए कदमों को लेकर कोई कमी है, तो यह एक गंभीर मुद्दा है।
अदालत के 28 मई के आदेश में कहा गया कि आज की तारीख में समुदाय में कोविड-19 के सक्रिय होने की व्यापक रिपोर्ट के मद्देनजर निश्चित रूप से यह अत्यावश्यक है; इसलिए, प्रतिवादी से यह अपेक्षा की जाएगी कि वह उपायों को निश्चित रूप प्रदान करें ताकि ये एसओपी लागू हो सकें और बैठक में जो भी निर्णय लिया गया था, वह अपने उचित निष्कर्ष पर पहुंच सके।
अदालत डॉ. रोहित जैन द्वारा दायर अवमानना याचिका पर सुनवाई कर रही थी, जिसमें आरोप लगाया गया था कि उच्च न्यायालय की खंडपीठ द्वारा 27 जनवरी, 2023 को पारित आदेश का अधिकारियों द्वारा पालन नहीं किया गया।
पीठ ने इस मुद्दे पर जैन की याचिका का निपटारा करते हुए केंद्र सरकार को इसे एक ज्ञापन के रूप में मानने और 12 सप्ताह के भीतर तर्कसंगत आदेश के माध्यम से इस पर निर्णय लेने का निर्देश दिया था। जैन ने कहा कि आदेशों के बावजूद, नमूना संग्रह, केंद्रों और परिवहन के लिए न्यूनतम मानक स्थापित करने के संबंध में केंद्र द्वारा कोई दिशानिर्देश तैयार नहीं किए गए।
अदालत ने कहा कि केंद्र की स्थायी वकील मोनिका अरोड़ा को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि संबंधित अधिकारियों को अदालत के निर्देशों से अवगत कराया जाए और 6 सप्ताह के भीतर स्थिति रिपोर्ट पेश की जाए। इसके बाद अदालत ने सुनवाई 18 जुलाई के लिए टाल दी।
अदालत को बताया गया कि 30 मई, 2023 को स्वास्थ्य सेवाओं के अतिरिक्त महानिदेशक की अध्यक्षता में एक बैठक आयोजित की गई थी और याचिकाकर्ता को भी आमंत्रित किया गया था। बैठक में पैथोलॉजी, बायोकेमिस्ट्री, हेमेटोलॉजी और माइक्रोबायोलॉजी के विशेषज्ञों की चार उप-समितियां गठित करने का निर्णय लिया गया।
केंद्र द्वारा संचालित अस्पतालों के समिति सदस्यों को नमूना संग्रह, नमूना संग्रह केंद्रों और नमूना परिवहन नीति के लिए प्रक्रिया के मानकों को परिभाषित करना था और एक रिपोर्ट प्रस्तुत करनी थी। इनपुट भाषा Edited by: Sudhir Sharma