नई दिल्ली। भारत में कोविड-19 की दूसरी लहर के दौरान केवल मई में कोरोनावायरस के 88.82 लाख से अधिक मामले सामने आए। यह देश में अब तक संक्रमित 2.8 करोड़ से अधिक लोगों का 31.67 प्रतिशत है। इस तरह, इस महामारी के चलते मई के 31 दिनों में इस बीमारी के चलते 1.17 लाख लोगों की जान भी गई। कोरोना से देश में अब तक 3 लाख 29 हजार 100 लोगों की मौत हो चुकी है। इस तरह देखा जाए तो कोरोना काल की 35.63 प्रतिशत मौतें तो केवल मई में हुई हैं।
13 बार 4000 से ज्यादा की मौत : मई में 13 बार 1 दिन में 4000 से ज्यादा लोगों की मौत हुई, जबकि 18 बार 3000 से ज्यादा लोग मारे गए। सबसे ज्यादा 4529 लोगों ने 18 मई को जान गंवाई। 31 मई को सबसे कम 3128 लोगों की मौत हुई।
बेहद डरावनी है मार्च से मई तक कोरोना की चाल : इससे पहले मार्च के 31 दिनों में कोरोना की वजह से 5830 लोग मारे गए थे और अप्रैल के 30 दिनों में देश में 45 हजार 403 लोग मारे जा चुके थे। मई में 1 लाख 17 हजार 247 लोग काल के गाल में समा गए। इस तरह देखा जाए तो मार्च से मई तक कोरोना की चाल बेहद डराने वाली रही।
9 मई के बाद संक्रमण पर नियंत्रण : वैसे तो भारत में 9 मई के बाद कोरोना संक्रमण के नए मामलों में कमी आने लगी। इस दिन 4.03 लाख नए कोरोना संक्रमित मिले थे। 31 मई को मात्र 1.52 लाख नए मामले ही दर्ज किए गए। इस तरह मात्र 22 दिन में कोरोना संक्रमण पूरी तरह नियंत्रण में नजर आए लगा।
कम नहीं हुई मरने वालों की संख्या : भले ही नए मामले कम हुए, लेकिन एक्टिव मरीजों की संख्या भी तेजी से कम हो रही थी, मरीजों के रिकवर होने की रफ्तार भी अचानक बढ़ सी गई। हालांकि मौत के आंकड़े अभी भी कम होने का नाम ही नहीं ले रहे थे। 9 मई के बाद 11 बार एक दिन में 4000 से ज्यादा लोगों की मौत हुई थी। इसके पहले मात्र 2 ही बार ऐसा हुआ था।
कुल मिलाकर जून में अब स्थिति मई की तुलना में बेहतर दिखाई दे रही है। 3 जून को 2887 लोगों की मौत हुई। बहरहाल कोरोना का खतरा कम जरूर हुआ है पर पूरी तरह टला नहीं है। अगर इस स्थिति में लापरवाही की गई तो स्थिति पहले से भी ज्यादा भयावह हो सकती है। अत: मास्क पहनें, सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करें, सैनिटाइजर का इस्तेमाल करें और अपनी बारी आने पर वैक्सीन जरूर लगवाएं।