अलीगढ़ (उत्तर प्रदेश)। अलीगढ़ जिले में नहर में फेंकी गई जहरीली शराब पीने से 6 ईंट भट्ठा श्रमिकों की मृत्यु हो गई तथा 24 अन्य गंभीर रूप से बीमार हो गए। वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक कलानिधि नैथानी ने गुरुवार को बताया कि बुधवार रात जवां थाना क्षेत्र के रोहेरा गांव के पास एक नहर में फेंकी गई संदिग्ध रूप से मिलावटी शराब पीने से बड़ी संख्या में ईंट भट्ठा श्रमिक बीमार हो गए।
जवाहरलाल नेहरू मेडिकल कॉलेज अस्पताल के मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डॉक्टर हारिस मंजूर ने बताया कि जहरीली शराब पीने से अब तक छह श्रमिकों की मौत हो चुकी है। इसके अलावा 24 अन्य श्रमिकों का इलाज किया जा रहा है। उन सभी की हालत नाजुक है।
हारिस ने बताया कि दो-तीन जून की दरमियानी रात को पांच श्रमिकों को अस्पताल लाया गया था जिनमें से तीन कि पहले ही मौत हो चुकी थी। रात से लेकर गुरुवार अभी तक कुल 30 लोगों को अस्पताल लाया गया है। वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक नैथानी के मुताबिक ऐसा लगता है कि मिलावटी शराब के कुछ कारोबारियों ने पुलिस की कार्रवाई से खौफजदा होकर अपना पूरा स्टॉक नहर में बहा दिया। उसी शराब को इन श्रमिकों ने नहर से निकालकर इस्तेमाल कर लिया जिसकी वजह से उनकी तबीयत खराब हुई।
स्थानीय लोगों के मुताबिक, कुछ ईट भट्ठा श्रमिक शाम को नहर में नहाने गए थे तभी उन्हें देसी शराब के कुछ पैकेट तैरते मिले। श्रमिकों ने उन्हें निकालकर पिया। इसके कुछ ही देर बाद उन सभी की तबीयत खराब होने लगी। सूचना मिलने पर मौके पर पहुंची पुलिस ने बीमार हुए सभी मजदूरों को अस्पताल पहुंचाया। इस मामले में अज्ञात लोगों के खिलाफ मामला दर्ज कर जांच की जा रही है। पुलिस ने जहरीली शराब का स्टॉक नहर में फेंकने के जिम्मेदार लोगों की गिरफ्तारी के प्रयास तेज कर दिए हैं।
गौरतलब है कि अलीगढ़ में जहरीली शराब से हो रही मौतों का मामला इस वक्त चर्चा में है। पिछले शुक्रवार को टप्पल तथा अकराबाद थाना क्षेत्रों के कई गांवों में जहरीली शराब पीने से बड़ी संख्या में लोगों की मौत हुई है। संदिग्ध रूप से यह शराब पीने के कारण मरे 85 लोगों का अब तक पोस्टमार्टम हो चुका है।
प्रशासन ने बुधवार तक जहरीली शराब पीने से 35 लोगों के मरने की पुष्टि की थी। बाकी की मौतों के बारे में उसका कहना है कि विसरा रिपोर्ट में पुष्टि होने के बाद ही यह माना जाएगा कि उनकी मौत जहरीली शराब पीने के कारण हुई है।
पिछले कुछ दिनों से अनेक अस्पतालों से ऐसी सूचना है कि जहरीली शराब पीने से बीमार हुए लोगों में से काफी लोगों के आंखों की रोशनी प्रभावित हुई है। मुख्य चिकित्सा अधिकारी भानु प्रताप कल्याणी ने बताया कि पिछले एक सप्ताह के दौरान कम से कम 13 ऐसे मरीजों की आंखों पर असर पड़ा है।
जवाहर लाल नेहरू मेडिकल कॉलेज अस्पताल के नेत्र रोग विशेषज्ञ डॉक्टर ज़िया सिद्दीकी ने कहा, गम्भीर दृष्टिहीनता से जूझ रहे कम से कम छह मरीजों का इलाज किया जा रहा है। उनमें से दो की आंखों की रोशनी पूरी तरह खत्म हो गई है बाकी की स्थिति में सुधार हो रहा है।
शहर के एक निजी अस्पताल के मालिक डॉक्टर संजय भार्गव ने बताया कि उनके अस्पताल में शराब पीने से आंखों की रोशनी प्रभावित होने के 18 मरीज भर्ती कराए गए थे, जिनमें से 16 की हालत अब ठीक हो रही है।