अलीगढ़ (उत्तर प्रदेश)। जिले में जहरीली शराब पीने से 11 और लोगों की मौत के साथ इस घटना में मरने वालों की संख्या बढ़कर 36 हो गई है। इस बीच, उत्तर प्रदेश शासन ने एक पुलिस उपाधीक्षक को निलंबित कर दिया और 2 अन्य से स्पष्टीकरण मांगा गया है। इसके अलावा आबकारी विभाग के 2 वरिष्ठ अधिकारियों को निलंबित कर दिया गया है।
दूसरी तरफ, पुलिस ने तीसरे दिन भी छापेमारी जारी रखी और प्रत्यक्ष एवं अप्रत्यक्ष रूप से शराब कारोबार में शामिल 10 और लोगों को गिरफ्तार कर लिया। अलीगढ़ के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक कलानिधि नैथानी ने सोमवार को बताया कि आज 10 लोगों की गिरफ्तारी के साथ ही शुक्रवार से गिरफ्तार किए गए आरोपियों की कुल संख्या तीस तक पहुंच गई है। उन्होंने कहा कि अवैध शराब के धंधे में लिप्त पाए जाने वालों की संपत्ति कुर्क करने की प्रक्रिया भी शुरू कर दी गई है।
जिला मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉक्टर भानु प्रताप कल्याणी ने सोमवार को कहा, पिछले शुक्रवार को जहरीली शराब से मौतों का मामला सामने आने के बाद से सोमवार पूर्वाह्न तक कुल 71 शव पोस्टमॉर्टम के लिए लाए गए, जिनमें से 36 लोगों की मौत की वजह जहरीली शराब पीना है। बाकी 35 शवों के बारे में पूछे जाने पर मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने कहा कि इस बात का संदेह है कि उनकी मौत भी जहरीली शराब पीने से ही हुई हो, लेकिन जब तक उनके विसरा की अंतिम रिपोर्ट नहीं आ जाती तब तक इसकी पुष्टि नहीं की जा सकती।
अपर मुख्य सचिव (गृह) अवनीश अवस्थी ने सोमवार की शाम बताया कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने घटना में प्रथम दृष्टया दोषी पाए गए पुलिस अधिकारियों के विरुद्ध सख्त कार्रवाई के आदेश दिए हैं। अवस्थी ने बताया कि अलीगढ़ जिले के पुलिस उपाधीक्षक (क्षेत्राधिकारी गभाना) कर्मवीर सिंह को निलंबित कर विभागीय कार्यवाही किए जाने का निर्णय लिया गया है और इसके साथ ही क्षेत्राधिकारी (खैर) शिवप्रताप सिंह व क्षेत्राधिकारी (नगर तृतीय) विशाल चौधरी से घटना के संबंध में तीन दिन के अंदर स्पष्टीकरण मांगा गया है।
इससे पहले, अपर मुख्य सचिव, आबकारी संजय भूसरेड्डी ने सोमवार को बताया कि अलीगढ़ शराब प्रकरण में आबकारी विभाग के संयुक्त आबकारी आयुक्त (आगरा जोन) रविशंकर पाठक एवं उप-आबकारी आयुक्त, अलीगढ़ मंडल, ओपी सिंह को भी तत्काल प्रभाव से निलंबित कर विभागीय कार्रवाई शुरू की गई है।
शासन स्तर से पाठक को निलंबित करने के बाद धीरज सिंह, संयुक्त आबकारी आयुक्त, लखनऊ को आगरा जोन का अतिरिक्त प्रभार और ओपी सिंह को निलंबित करते हुए विजय कुमार मिश्र, उप आबकारी आयुक्त, आगरा को अलीगढ़ मंडल का अतिरिक्त प्रभार दिया गया है।
भूसरेड्डी ने शुक्रवार को बताया था कि अलीगढ़ के जिला आबकारी अधिकारी धीरज शर्मा, संबंधित क्षेत्र के आबकारी निरीक्षक राजेश कुमार यादव और चंद्रप्रकाश यादव, प्रधान आबकारी सिपाही अशोक कुमार, आबकारी सिपाही रामराज राना को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया है और इनके खिलाफ विभागीय कार्रवाई शुरू की गई है।
इसके अलावा वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक कलानिधि नैथानी ने भी प्रभावित क्षेत्रों के दो थाना प्रभारियों और दो पुलिस निरीक्षकों को निलंबित कर दिया है। इस बीच, अलीगढ़ से भाजपा सांसद सतीश गौतम ने स्थानीय प्रशासन पर नाराजगी जाहिर करते हुए कहा कि प्रशासन जहरीली शराब से मौतों के मामले में आबकारी विभाग के कुछ भ्रष्ट अधिकारियों को बचाने की कोशिश कर रहा है और कुछ निर्दोष कारोबारियों को गलत ढंग से फंसा रहा है।
उन्होंने चेतावनी दी कि वह इस मसले को लेकर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से शिकायत करेंगे। जहरीली शराब से रविवार को ही 35 लोगों की मौत का दावा करने वाले सांसद ने कहा कि जिलाधिकारी इस कांड में मारे गए लोगों की पहचान करने और उनकी सूची बनाने की जिम्मेदारी से बच नहीं सकते।
गौतम ने कहा कि पुलिस को इस मामले की जांच में खुली छूट दी जानी चाहिए, ताकि वास्तविक अपराधी पकड़े जा सकें और वह निर्दोष लोगों पर मुकदमा दर्ज कर ध्यान हटाने की किसी भी कोशिश का खुला विरोध करेंगे।हालांकि जिलाधिकारी ने सांसद द्वारा लगाए गए आरोपों को सिरे से गलत ठहराया।
समाजवादी पार्टी के पूर्व विधायक जमीरउल्लाह खान ने सोमवार को 12 ऐसे लोगों के परिवारों को मीडिया के सामने पेश किया, जिनकी पिछले तीन दिनों के दौरान जहरीली शराब पीने से मौत हो गई और जिनका अंतिम संस्कार बिना किसी पोस्टमॉर्टम के दबाव में किया गया था।
बहुजन समाज पार्टी के जिलाध्यक्ष रतनदीप सिंह ने कहा कि उन्होंने लोधा, रैत और सुजापुर गांवों के 12 मामलों के संबंध में जिलाधिकारी को भी पत्र लिखा था जिसमें पीड़ितों का अंतिम संस्कार बिना पोस्टमार्टम के किया गया।उन्होंने कहा कि बड़ी संख्या में ऐसे मामले हैं जिनका पता जिले के प्रभावित गांवों का विस्तृत सर्वेक्षण करके ही लगाया जा सकता है।
उत्तर प्रदेश विधानसभा में कांग्रेस विधायक दल के पूर्व नेता प्रदीप माथुर ने रविवार को उन गांवों का दौरा किया, जहां से मौतों की सूचना मिली थी। माथुर ने कहा, हमने उन तीन गांवों का दौरा किया जहां से मौतों की सूचना मिली थी। स्थानीय प्रशासन तथ्यों को छिपा रहा है और मौतों की संख्या बहुत अधिक है।
उन्होंने कहा, हमने मांग की है कि मृतकों के परिजनों को पांच-पांच लाख रुपए की आर्थिक सहायता दी जाए और गांव में एक घर दिया जाए। जिलाधिकारी को तुरंत स्थानांतरित किया जाना चाहिए क्योंकि वह मौत के तथ्यों को छिपा रहे हैं।माथुर ने राज्य सरकार पर शराब माफिया को संरक्षण देने का भी आरोप लगाया। सोमवार सुबह जिले के क्वारसी थाना क्षेत्र के चंदना इलाके में शराब पीने के बाद अचानक बीमार होने के तीन नए मामले सामने आए।
तीनों ही लोगों को गंभीर हालत में अस्पताल में भर्ती कराया गया। इस बीच, आगरा के मंडलायुक्त गौरव दयाल ने हालात को लेकर एक उच्चस्तरीय समीक्षा बैठक की और शराब माफिया के खिलाफ छापेमारी को पुरजोर तरीके से जारी रखने के निर्देश दिए। रविवार को जिलाधिकारी ने स्पष्ट किया था कि शराब से मौत होना तभी माना जाएगा, जब मजिस्ट्रेट मेडिकल जांच के आधार पर इसकी पुष्टि करेंगे।(भाषा)