दुनियाभर में कोरोना वायरस के कारण हालात बेहद खराब हैं। लेकिन कुछ देश ऐसे भी हैं, जो वैक्सीनेशन के दम पर इस महामारी से जीत रहे हैं। ये आठ देश जल्द ही ग्रीन ट्रैवल लिस्ट में शामिल हो सकते हैं। इसे लेकर ब्रिटेन में एक रिसर्च की गई है। जिसमें बताया गया है कि 17 मई से छुट्टियां मनाने पर लगा प्रतिबंध हटा दिया जाएगा।
रिसर्च रॉबर्ट बेयले ने की है, जो ब्रिटिश एयरवेज में स्ट्रैटेजी चीफ रह चुके हैं। रिपोर्ट के अनुसार, कोरोना वायरस से सुरक्षित देश की लिस्ट में जिब्राल्टर, इजरायल, आइसलैंड और अमेरिका का नाम शामिल होगा। हालांकि यूरोप के करीब सभी देश सरकार की 'एंबर लिस्ट' में शामिल हो सकते हैं, जहां पहुंचने पर लोगों को दस दिन के लिए आइसोलेट होना होगा।
ऐसा भी हो सकता है कि यूरोप के देशों को रेड लिस्ट में डाल दिया जाए, जहां पहुंचने पर लोगों को होटल में क्वारंटीन होगा पड़ेगा और इसके लिए 1,750 पाउंड का भुगतान करना होगा। नई रिसर्च के अनुसार, जिन देशों को ग्रीन लिस्ट में शामिल किया जा सकता है, उनमें माल्टा, ऑस्ट्रेलिया, न्यूजीलैंड और आयरलैंड का नाम भी शामिल हैं।
इस समय ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड विदेशी पर्यटकों के लिए बंद हैं। आइसलैंड, जिब्राल्टर, इजरायल, माल्टा और अमेरिका में छुट्टियां मनाने पर अभी प्रतिबंध लगा हुआ है। आयरलैंड की सरकार ने गैर जरूरी यात्रा नहीं करने के लिए कहा है, इसके साथ ही वहां पहुंचने पर लोगों को 14 दिन क्वारंटीन होने के लिए कहा गया है।
रिसर्च में पता चला है कि कोरोना वायरस के अधिक मामलों के कारण स्पेन, ग्रीस, इटली और सिपरस एंबर लिस्ट में आ सकते हैं। हालांकि सरकार द्वारा समीक्षा करने के बाद ये 28 जून तक ग्रीन लिस्ट में शामिल किए जा सकते हैं। इस लिस्ट को कथित तौर पर आंकड़ों के साथ ट्रैवल इंडस्ट्री में प्रसारित किया जा रहा है।
लिस्ट में 52 देशों को रैंक के हिसाब से रखा गया है। इन देशों के आगे इनके यहां का वैक्सीनेशन रेट, इन्फेक्शन रेट और वहां मिले कोविड वेरिएंट लिखे गए हैं। लिस्ट में पहले स्थान पर जिब्राल्टर को रखा गया है, जहां मामले ना के बराबर हैं और पूरी जनसंख्या को वैक्सीन लग गई है।
लिस्ट में अगले नंबर पर इजरायल है, जहां करीब पूरी आबादी को वैक्सीन लग गई है और बीते साल से भी कम मामले बचे हैं। ट्रैवल को लेकर बीते महीने भी अमेरिका और ब्रिटेन की सरकार ने बातचीत की थी। ट्रैवल करने के लिए सुरक्षित देश वाली लिस्ट में वही देश शामिल किए जा रहे हैं, जहां वैक्सीनेशन बेहतर तरीके से किया गया है।