चीन के बाद कई देशों में फैला कोरोना वायरस अब पूरी दुनिया के लिए खतरा बन गया है। डब्लूएचओ (WHO) यानी विश्व स्वास्थ्य संगठन ने इसे अंतरराष्ट्रीय आपदा घोषित किया है।
प्रदेश के सबसे बड़े और करीब 30 लाख जनसंख्या वाले शहर इंदौर के अस्पतालों में क्या स्थिति है। इलाज को लेकर क्या सुविधाएं मौजूद हैं, और पूरी तरह से इस महामारी से निपटने के लिए प्रशासन कितना तैयार और मुस्तैद है। इन सब को लेकर पेश है वेबदुनिया डॉट कॉम की खास रिपोर्ट।
एयरपोर्ट पर स्क्रिनिंग शुरू
अधिकारियों की माने तो कोरोना के खतरे से बचने के लिए इंदौर के स्वास्थ्य विभाग ने इसकी प्राथमिक तैयारियां कर रखी है। इस संबंध में सीएमएचओ डॉ प्रवीण जड़िया ने बताया कि सबसे पहले हमने बाहर से आने वाले लोगों की स्क्रिनिंग का काम शुरू कर दिया है।
इसके लिए अंतराष्ट्रीय फ्लाइट से उतरने वाले लोगों की एयरपोर्ट पर जांच की जा रही है। डॉ जड़िया ने बताया कि हमारी मेडिकल टीम वहां यात्रियों की स्क्रिनिंग कर रही है। खासतौर से दुबई से आने वाली टीम के यात्रियों की हर हफ्ते जांच की जा रही है।
संक्रमित देशों की सूची दी
डॉ जड़िया के मुताबिक शासन ने सीएमएचओ विभाग को दुनिया में संक्रिमत होने वाले देशों के नामों की सूची उपलब्ध करवाई है, इन देशों से आने वाले यात्रियों की खास मॉनिटरिंग की जा रही है।
अब तक भेज 6 सेंपल
कोरोना वायरस के 6 संदिग्ध मरीजों के सेंपल जांच के लिए पुणे भेजें गए हैं। डॉक्टरों के मुताबिक इनमें से 5 की जांच रिपोर्ट आ गई है, जो कि नेगेटिव निकली है, एक रिपोर्ट आना अभी बाकी है।
उन्होंने बताया कि सर्दी, खांसी और जुकाम वाले मरीजों को एमवाय समेत अन्य अस्पतालों में 14 दिनों तक आइसोलेटेड वॉर्ड में रखा जाता है, इससे ज्यादा लक्षण पाए जाने पर ज्यादा दिनों तक आइसोलेटेड रखने की सुविधा की गई है। रिपोर्ट नेगेटिव आने पर भी घर पर कुछ दिनों तक मरीज को ‘होम आइसोलेटेड’ कर निगरानी के लिए कहा जा रहा है।
कहां-कहां बनाए आइसोलेटेड वार्ड?
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एमवाय अस्पताल (महाराजा यशवंत राव) में 1 वार्ड है।
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पीसी सेठी अस्पताल में 1 वार्ड है।
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एयरपोर्ट पर एक स्पेशल रैन बसेरा बनाया गया, स्थिति बिगड़ने पर यहां शिफ्ट करने की सुविधा है।
अस्पतालों में क्या है सुविधा?
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पर्सनल प्रोटेक्शन कीट- 4500
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एन-95 मास्क 2000 (मरीजों के लिए)
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सेंपल की कीट-1500 (जिसमे सेंपल भेजे जाते हैं)
अब नहीं लैब की सुविधा
इतनी भयावह महामारियों के बावजूद इंदौर में या प्रदेश में सेंपल की जांच के लिए अब तक कोई सुविधा नहीं हो सकी है। कई सालों से इंदौर के एमजीएम परिसर में एक वायरोलॉजी लैब प्रस्तावित थी, जो अभी बनकर तैयार हुई है, लेकिन वहां सिर्फ स्वाइन फ्लू की ही जांच हो सकती है। कोरोना जैसे वायरस के लिए प्रदेश को पुणे पर निर्भर रहना पड़ रहा है।
कैसे बचे कोरोना वायरस से
पूर्व आईडीपीएस, स्वास्थ्य विभाग डॉ आशा पंडित ने बताया कि कोरोना वायरस एयर बोर्न है, यानी ये हवा में फैलता है। छुने से होता है, खुले में छींकने और खांसने से होता है। इन्फैक्टेड मरीज के संपर्क से होता है। संक्रमित हाथ यदि नाक, आंख और मुंह में लग जाए तो भी इन्फैक्ट कर सकता है। इसलिए रुमाल रखकर छींकना चाहिए। खांसी हो तो तुरंत डॉक्टर से मिले। किसी भी चीज को छूने के बाद हाथ बार- बार धोए। लोगों से हाथ न मिलाए।