मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी से वेबदुनिया की सीधी बात
इंदौर में कोरोना वायरस को लेकर स्थिति लगातार बिगड़ती जा रही है, शहर की मेडिकल टीम और स्टाफ को 24/7 काम करना पड़ रहा है, ऐसे में इंदौर में पसर रहे कोरोना वायरस के अन्य शहरों से अलग और ज्यादा खतरनाक होने की खबरों ने डॉक्टरों को चौंका दिया है। इस खबर से शहर में फैली दहशत के बाद हमने सीधे सीएमएचओ से इस बारे में स्थिति को स्पष्ट करने की कोशिश की।
इधर शहर में सेंपलिंग और सैनेटाइजेशन को लेकर भी व्यवस्थाएं ठीक नहीं है। कई इलाकों में जहां लोग पॉजिटिव मिले हैं, वहां भी स्वास्थ्य विभाग सेंपलिंग के लिए देरी से पहुंचा। ऐसे में स्वास्थ्य विभाग के आला अधिकारियों के स्टाफ और संसाधन को लेकर अपने तर्क हैं। हालांकि स्वास्थ्य अधिकारी बावजूद इसके आने वाले दिनों में स्थिति में सुधार को लेकर उम्मीदमंद हैं।
वेबदुनिया ने इंदौर के मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ प्रवीण जड़िया से सीधी बात की। देखिए ये रिपोर्ट।
सवाल: इंदौर में स्वास्थ्य विभाग का सिस्टम लगातार बिगड़ता जा रहा है
जवाब: नहीं, ऐसा नहीं है, हमारी टीमें लगातार काम कर रही है।
सवाल: इंदौर की प्रोफेसर ममता ओझा के पति अनिल ओझा की मौत के बाद टीम घर के बाकी सदस्यों की जांच के लिए नहीं गई, उन्हें फेसबुक पर पोस्ट डालकर अपनी पीड़ा जाहिर करना पड़ी।
जवाब: हां, उनके यहां हमने कल ही टीम भेज दी थी, जो जांच कर के आई है।
सवाल: इंदौर में सेंपलिंग नहीं हो पा रही है, ऐसे कई लोग हैं जो सेंपलिंग के लिए इंतजार कर रहे हैं।
जवाब: देखिए, सेंपलिंग का तरीका हमने अभी बदल दिया है। मामले ज्यादा आने की वजह से अब पहले उन लोगों के सेंपल ले रहे हैं, जिनमें लक्षण पाए जा रहे हैं।
सवाल: कई इलाकों में जहां मौतें हुई हैं, वहां सैनेटाइजेशन नहीं हो रहा है।
जवाब: फॉगिंग और सैनेटाइजेशन का काम नगर निगम का स्वास्थ्य अमला देख रहा है।
सवाल: पढ़े लिखे लोग तो जानते हैं कि संक्रमण या लक्षण मिलने पर कहां और किस से संपर्क करना है, लेकिन गरीब लोग तो स्वास्थ्य विभाग तक पहुंच ही नहीं पा रहे हैं, उनका क्या।
जवाब: हमारे पास स्टाफ और संसाधन की कमी है, टीम लगातार काम कर रही है, वो कितना काम करेंगे, उन्हें आराम की जरुरत है। कम से कम इतना ही स्टाफ और होना चाहिए जो रोटेशन में काम कर सकें, जिससे पहले वाले स्टाफ को रिलेक्सेशन मिल सकें।
सवाल: इससे मिशन प्रभावित हो रहा है
जवाब: टीम लगातार दो महीने से काम कर रही है। थोड़ा फर्क तो पड़ेगा।
सवाल: इंदौर में वायरस का अटैक ज्यादा है, या ज्यादा घातक है।
जवाब: ऐसी संभावना है कि यह वायरस ज्यादा घातक है, यह चीन के वुहान की तरह नजर आ रहा है, क्योंकि दूसरे शहरों से अलग नजर आ रहा है, इसलिए इसके स्तर की जानकारी के लिए मेडिकल टीम जांच में लगी हुई है।
सवाल: शहर में कितने अस्पतालों में इलाज हो रहा है।
जवाब: अलग-अलग श्रेणियों में अस्पताल काम कर रहे हैं, कहीं रेड जोन है, कहीं येलो जोन हैं।
सवाल: कोई ऐसा मरीज है जो ठीक होकर गया हो उसे फिर से यह संक्रमण हो गया हो।
जवाब: नहीं, अब तक ऐसा कोई केस सामने नहीं आया है।
सवाल: मौत और संक्रमण का आंकड़ा घटा है या बढ़ा है।
जवाब: मौत और संक्रमण दोनों का आंकड़ा कुछ दिनों से घटा है।
सवाल: कोरोना को लेकर अगले एक महीने में इंदौर की स्थिति क्या होगी।
जवाब: अगर हम इसी तरह काम करते रहे और लॉकडाउन का पालन करते रहे तो अगले एक महीने में स्थिति सामान्य होने की उम्मीद है।