नई दिल्ली। भारतीय क्रिकेट बोर्ड (बीसीसीआई) ने अगस्त से शुरू होने वाले 2020-21 के घरेलू सत्र के लिए कोई ठोस वैकल्पिक योजना तैयार नहीं की है लेकिन बोर्ड के क्रिकेट संचालन महाप्रबंधक सबा करीम ने कहा कि कोविड-19 महामारी से पैदा हुई चुनौतियों के बावजूद अधिक से अधिक मैचों का आयोजन करना उनकी प्राथमिकता होगी।
इंग्लैंड एवं वेल्स क्रिकेट बोर्ड (ईसीबी) ने अपनी सभी खेल गतिविधियों को जुलाई तक निलंबित रखने की घोषणा कर दी है। इसमें घरेलू सत्र भी शामिल है। कोविड-19 महामारी के कारण दुनियाभर में खेल गतिविधियां ठप्प पड़ी हैं। करीम ने कहा, ‘इस तरह की कोई वैकल्पिक योजना नहीं है। अगस्त आने में अभी समय है। हम महीने दर महीने आकलन कर रहे हैं।’
पिछला सत्र (2019-20) दलीप ट्रॉफी के साथ अगस्त में शुरू हुआ और पिछले महीने रणजी ट्रॉफी के साथ उसका समापन हुआ था। सत्र का आखिरी टूर्नामेंट हालांकि ईरानी कप था जो रणजी फाइनल के चार दिन बाद शुरू होना था लेकिन कोरोना वायरस महामारी के कारण उसे अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दिया गया।
इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) को भी अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दिया गया है और इसका आयोजन सितंबर में होने की संभावना है। तब घरेलू सत्र भी चल रहा होता है। अभी तक आईपीएल के दौरान भारत में किसी तरह की अन्य क्रिकेट गतिविधियां नहीं चलती हैं।
आईपीएल और घरेलू सत्र की तिथियों में संभावित टकराव के बारे में पूछे जाने पर पूर्व भारतीय विकेटकीपर बल्लेबाज ने कहा, ‘अभी इस पर बात करना मुश्किल है। यह इस पर निर्भर करता है कि हम इस स्थिति से कितनी जल्दी पार पाते हैं।’
उन्होंने कहा, ‘अभी सुरक्षित रहना अधिक महत्वपूर्ण है। मुझे विश्वास है कि धीरे धीरे स्थिति सामान्य होती जाएगी। इसलिए हम सकारात्मक हैं।’ करीम ने कहा, ‘हम परिस्थितियों के हिसाब से अपनी तरफ से सर्वश्रेष्ठ प्रयास करेंगे। जहां भी मौका मिलेगा हम अधिक से अधिक मैचों के आयोजन की कोशिश करेंगे।’
पिछले साल बीसीसीआई ने पुरुष और महिला वर्ग में आयु वर्ग से सीनियर स्तर तक के कुल 2035 मैचों का आयोजन किया। इनमें से 470 मैच पुरुष सीनियर वर्ग के थे। घरेलू क्रिकेट में 2018 में नई टीमें जोड़ी गई थी और इसलिए मैचों की संख्या भी बढ़ गई। (भाषा)