मुंबई। दक्षिण अफ्रीका और कुछ अन्य देशों में पाया गया कोरोनावायरस (Coronavirus) का एक नया स्वरूप सी.1.2 वायरस के पहले के स्वरूपों की तुलना में अधिक संक्रामक हो सकता है और कोविड-19 टीके द्वारा प्रदान किए जाने वाले सुरक्षा कवच को भेद सकता है।
संक्रामक रोग विशेषज्ञ और महाराष्ट्र कोविड-19 कार्यबल के सदस्य डॉ. वसंत नागवेकर ने बृहस्पतिवार को यह बात कही। डॉ. नागवेकर ने कहा कि कोरोनावायरस के नए स्वरूप की उत्परिवर्तन दर वायरस के अन्य स्वरूपों के मुकाबले दोगुणा अधिक है।
हालांकि उन्होंने कहा कि कोरोनावायरस के इस नए स्वरूप के बारे में अभी बहुत कम जानकारी ही उपलब्ध है और इसके विस्तृत अध्ययन की आवश्यकता है। डॉ. नागवेकर ने एक वक्तव्य में कहा, सार्स-कोव-2 वायरस के एक नए स्वरूप सी.1.2 की दक्षिण अफ्रीका और कुछ अन्य देशों में पहचान की गई है।
इसको लेकर चिंता जताई जा रही है कि यह अधिक संक्रामक हो सकता है और कोविड-19 टीके द्वारा प्रदान किए जाने वाले सुरक्षा कवच को भेद सकता है। कोरोनावायरस का यह स्वरूप पहले पाए गए अन्य स्वरूपों की अपेक्षा अधिक तेज गति से उत्परिवर्तन करता है।(भाषा)