नई दिल्ली। भारत में फिलहाल कोरोनावायरस की रफ्तार धीमी है और बड़ी आबादी को टीके की दो या एक खुराक लग चुकी है। इस बीच, एक खुशखबरी यह है कि सिंगल डोज रूसी वैक्सीन स्पूतनिक लाइट के तीसरे चरण के ट्रायल को भारत में मंजूरी मिल गई है।
ड्रग्स कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया (DCGI) की मंजूरी के बाद निकट भविष्य में भारत में कोरोना से लड़ने के लिए एक और हथियार मिल जाएगा। सिंगल डोज वैक्सीन के चलते टीकाकरण की गति में और इजाफा होगा। इस वैक्सीन का एक डोज लगवाने के बाद दूसरे डोज की जरूरत नहीं रहेगी।
अभी तक भारत में जितनी भी वैक्सीन हैं, उनके 2 डोज लगाए जाते हैं। भारत में लोगों को वर्तमान में कोविशील्ड, कोवैक्सिन, स्पूतनिक-वी आदि वैक्सीन प्रमुखता से लगाई जा रही हैं। स्पूतनिक लाइट के ट्रायल मंजूरी देने के लिए कोरोना पर बनी सब्जेक्ट एक्सपर्ट कमेटी (SEC) ने सिफारिश की थी।
उल्लेखनीय है कि जुलाई में स्पूतनिक लाइट वैक्सीन के आपात इस्तेमाल की मंजूरी के लिए की गई सिफारिश को CDSCO की विषय विशेषज्ञ समिति ने खारिज कर दिया था। उस समय समिति ने कहा था कि इस वैक्सीन का भारतीय आबादी पर ट्रायल नहीं है, अत: इसकी इजाजत नहीं दी जा सकती।
उस समय कंपनी ने कहा था कि स्पूतनिक लाइट में वही कंपोनेंट हैं, जो स्पूतनिक-वी में थे। हालांकि दोनों में सबसे बड़ा फर्क यह है कि स्पूतनिक-वी और स्पूतनिक लाइट में अहम फर्क डोज का ही है। एक के दो डोज लगते हैं, जबकि दूसरी में एक ही डोज काफी है। हालांकि लैंसेट की एक स्टडी के मुताबिक कोरोना के खिलाफ स्पूतनिक-वी का टीका ज्यादा असरदार है।