कुशीनगर। देश में कोरोना के बढ़ते संक्रमण के मद्देनजर उत्तर प्रदेश के कुशीनगर में बाहर से आए करीब 8000 लोगों को अब तक होम क्वारंटाइन किया जा चुका है।
जिला प्रशासन ने जिले के लोगों से इस महामारी से बचाव के लिए उन्हें घरों में रहने की ताकीद की है। इसके अलावा 54 लोगों पर लॉक डाउन उल्लंघन के आरोप में कार्रवाई की गई है।
एहतियात के तौर पर आइसोलेशन वार्ड की क्षमता 10 बेड से बढ़ाकर 50 बेड कर दी गई है। यही नहीं सैंपलिंग की सुविधा जिला अस्पताल के साथ-साथ कसया क्षेत्र के सपहां में आरक्षित किए गए 30 बेड के सीएचसी में भी कर दी गई है, ताकि संदिग्ध व्यक्तियों की संख्या बढ़े भी तो उनकी सैंपलिंग से लगायत भर्ती कर इलाज में कोई असुविधा न हो।
दिल्ली, पंजाब, मुंबई, गुजरात सहित विभिन्न शहरों व प्रांतों से अपनी घरों को बड़ी तादाद में लोग कुशीनगर लौट रहे हैं। इसकी वजह से कोरोना वायरस के संक्रमण का खतरा और बढ़ गया है।
प्रारंभिक जांच में तो अभी ये स्वस्थ दिख रहे हैं, लेकिन कोरोना का संक्रमण एक सप्ताह से लेकर 14 दिन बाद तक परिलक्षित होने की आशंका है। हर दिन सैकड़ों की संख्या में परदेसी जिले की सीमा में प्रवेश कर रहे हैं। यही वजह है कि इनकी बढ़ती तादाद को देखते हुए स्वास्थ्य विभाग की तरफ से परदेसियों को होम क्वारंटीन किया जा रहा है।
अब तक करीब 8000 लोग होम क्वारंटीन किए जा चुके हैं। इन सभी को कम से कम 14 दिनों तक अपने घरों में ही रहने की चेतावनी दी गई है।
मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. नरेंद्र कुमार ने बताया कि कोरोना के अभी तक 11 संदिग्ध मरीजों की सैंपलिंग कराई गई है, जो जांच में कोरोना निगेटिव पाए गए हैं। अब तक लगभग आठ हजार लोग होम क्वारंटीन किए गए हैं, जिन्हें अपने घरों में रहने को कहा गया है। स्वास्थ्य टीम उनकी नियमित निगरानी कर रही है। बाहर से आने वाले लोगों की संख्या को देखते हुए आइसोलेशन वार्ड की क्षमता 10 बेड से बढ़ाकर 50 कर दी गई है तथा सैंपलिंग की व्यवस्था दो जगह की गई है।