- भारत जैसे बडी आबादी वाले देश में वैक्सीन के वितरण को लेकर अब तक कोई योजना नजर नहीं आ रही है।
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वैक्सीन का स्टोरेज और परिवहन माइनस 70 डिग्री सेल्सियस पर किया जाएगा, ऐसे में भारत और अफ्रीका समेत अन्य गर्म देशों में इसके लिए क्या व्यवस्था होगी।
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मान लें कि वैक्सीन को दिल्ली से भोपाल तक परिवहन करना है तो कैसे और क्या व्यवस्था होगी।
संक्रमण की त्रासदी से जूझ रही दुनिया को सिर्फ कोरोना वायरस की वैक्सीन का इंतजार है। यह इंतजार हालांकि बहुत हद तक खत्म हो चुका है। खबर है कि अमेरिका की प्रमुख दवा कंपनी फाइजर को कोरोना के खिलाफ असरकार वैक्सीन बनाने में सफलता मिली है। फाइजर इंक ने 18 नवंबर 2020 को दावा किया कि उनके द्वारा बनाई गई कोरोना वैक्सीन अपने अंतिम चरण के ट्रायल में 95 फीसदी कारगर साबित हुई है।
वैक्सीन के इस काम को अंतिम रूप देने के लिए करीब 43 हजार वॉलिंटियर्स पर इसे आजमाया गया। इस परीक्षण के बाद वैक्सीन के अच्छे-बुरे परिणाम भी सामने आए हैं।
अब ऐसे में जब मेडिकल टीमें वैक्सीन बनाने के बेहद करीब पहुंच गई हैं, यह जानना जरुरी है कि आखिर भारत में इसके कलेक्शन, वितरण यानि डिस्ट्रिब्यूशन और खुराक को लेकर क्या व्यवस्था रहेगी। यानि वैक्सीन का रखरखाव और इसका आम लोगों में वितरण कैसे होगा।
सबसे पहले जानते हैं इसके रखरखाव के बारे में।
वैक्सीन के बारे में कहा जा रहा है कि एक खास तरह के तापमान में रखना और उसी तापमान में उसका परिवहन करना जरूरी है।
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फाइजर के मुताबिक फाइजर-बायोएनटेक, मॉडर्ना की वैक्सीन का कलेक्शन और परिवहन मायनस 70 डिग्री सेल्सियस तापमान पर होगा।
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फाइजर और मॉडर्ना कंपनियों की वैक्सीन में से मॉडर्ना की वैक्सीन 5 दिन रेफ्रिजरेटर तापमान पर और फाइजर की वैक्सीन 30 दिन रेफ्रिजरेटर तापमान पर रह सकती है, वहीं 12 घंटे तक कमरे के तापमान पर रखाव होगा।
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वहीं वैक्सीन की खुराक की बात करें तो मॉडर्ना की वैक्सीन की तीन सप्ताह में दो खुराक होगी और फाइजर की चार सप्ताह में दो बार खुराक होगी।
भारत में कैसे होगा वितरण और रखाव
जैसा कि कहा जा रहा है फाइजर और मॉडर्ना की वैक्सीन परिवहन मायनस 70 डिग्री पर ही हो सकेगा, ऐसे में भारत, अफ्रीका समेत और भी दूसरे गर्म देशों में इसका एक जगह से दूसरी जगह तक परिवहन कैसे होगा, इस बारे में अभी कोई स्थिति स्पष्ट नहीं है।
यानि अगर दिल्ली से वैक्सीन को वहां से 200 किमी की दूरी पर किसी शहर या गांव में भेजना होगा तो क्या साधन और उसके स्टोरेज के लिए क्या उपकरण का इस्तेमाल होगा। इस बारे में अभी कोई तैयारी या योजना नजर नहीं आ रही है। वितरण को लेकर भी संशय है। कहां पहले वितरित होगी, किन लोगों को पहले वैक्सीन दी जाएगी, डिस्ट्रिब्यूशन पॉलिसी क्या होगी, इस बारे में भी कोई चर्चा नहीं है।