- ब्राजील को को-वैक्सीन के 50 लाख डोज दिए जाएंगे
-
को-वैक्सीन और कोवीशील्ड 100% सुरक्षित
-
जुलाई तक 30 करोड़ लोगों को टीका देने का लक्ष्य है
-
जिन 22 हजार लोगों को टीका दिया गया, उनमें कोई साइड इफेक्ट नहीं
-
आधा डोज 90% तक कारगर
-
दो पूरे डोज 62% तक कारगर
-
दूसरा डोज लेने के 2 हफ्ते बाद होगी एंटीबॉडीज डेवलप
-
कोवीशील्ड के करीब 7.5 करोड़ और कोवैक्सीन के करीब 1 करोड़ डोज तैयार
पूरी दुनिया में कोरोना वायरस वैक्सीन का इंतजार है, ठीक उसी वक्त भारतीय कंपनी भारत बायोटेक की वैक्सीन को-वैक्सीन पर दुनिया की नजर है। जैसे ही भारत की इस वैक्सीन को मंजूरी मिली है इसकी ग्लोबल डिमांड भी बढ गई है।
मीडिया रिपोर्ट की माने तो ब्राजील भारत की को-वैक्सीन के 50 लाख डोज खरीदने की तैयारी कर रहा है। इसके बाद अटकलें लगाई जा रही हैं कि दुनिया के कुछ दूसरे देश भी वैक्सीन के लिए भारत का रुख कर सकते हैं। यानी हो सकता है कि आने वाले दिनों में भारत की वैक्सीन की ग्लोबल डिमांड हो जाए।
ब्राजीलियन एसोसिएशन ऑफ वैक्सीन क्लीनिक्स (ABCVAC) ने भारत बायोटेक के साथ समझौता किया है। इस समझौते के मुताबिक भारत ब्राजील को को-वैक्सीन के 50 लाख डोज दिए जाएंगे। इस पर ब्राजीलियन हेल्थ रेग्युलेटर अन्विसा की अनुमति अभी ली जानी है।
बता दें कि 3 जनवरी को ड्रग्स कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया (DCGI) ने ऑक्सफोर्ड-एस्ट्राजेनेका की कोवीशील्ड और को-वैक्सीन के आपात इस्तेमाल की मंजूरी दे दी है। को-वैक्सीन अपने तीसरे चरण के ट्रायल में है। इससे पहले ही इसके आपात इस्तेमाल की मंजूरी दी गई। भारत बायोटेक ने अभी यह भी नहीं बताया है कि यह कितनी असरदार है। हां, यह जरूर बताया है कि यह इस्तेमाल के लिए 100% सुरक्षित है। इस बीच दिल्ली AIIMS के डायरेक्टर डॉक्टर रणदीप गुलेरिया ने कहा कि दूसरा डोज लेने के 2 हफ्ते बाद शरीर में एंटीबॉडीज डेवलप होंगी।
सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया के CEO अदार पूनावाला ने बताया, अभी हम टीका सिर्फ सरकार को देंगे। जब हमारे पास स्थायी लाइसेंस होगा, तब हम निर्यात भी कर सकते हैं, इसमें कोई परेशानी नहीं। ट्रायल में कोवीशील्ड का वॉलेंटियर्स को पहले हाफ फिर फुल डोज दिया गया। हाफ डोज 90% असरदार रहा। एक माह बाद फुल डोज दिया गया। जब दोनों फुल डोज दिए गए तो असर 62% रह गया। दोनों ही तरह के डोज में औसत प्रभावशीलता 70% रहेगी।
100 प्रतिशत सुरक्षित, मामूली साइफ इफेक्ट
डीसीजीआई ने कहा कि दोनों टीके से सामान्य या मामूली साइड इफेक्ट हैं। जैसे- हल्का बुखार, एलर्जी आदि हैं। लेकिन दोनों ही टीके 100 प्रतिशत सुरक्षित हैं। टीके से नपुंसक होने जैसी बातें निराधार हैं। मंजूर किए गए दोनों टीको की दो-दो डोज लगेंगी, जुलाई तक 30 करोड़ लोगों को टीका देने का लक्ष्य है।
सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया के सीईओ अदार पूनावाला के मुताबिक-- अभी हम टीका सिर्फ सरकार को देंगे। जब हमारे पास स्थायी लाइसेंस होगा, तब हम निर्यात भी कर सकते हैं, इसमें कोई परेशानी नहीं।
स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक कोवीशील्ड के करीब 7.5 करोड़ और कोवैक्सीन के करीब 1 करोड़ डोज तैयार हैं।