वैक्सीन के साथ ही इसे लेकर तमाम तरह की अटकलों का दौर शुरू हो गया है। उत्तर प्रदेश के मुरादाबाद में एक स्वास्थ्यकर्मी की मौत हो गई, कहा जा रहा है कि एक दिन पहले ही उसे कोरोना का टीका लगाया गया था।
इसके बाद स्वास्थ्य विभाग ने अपना रुख साफ किया है। स्वास्थ्य विभाग ने कहा है कि अभी मौत की वजह के बारे में कुछ भी साफ नहीं है, मौत कैसे और किन वजहों से हुई हैं, इस बारे में पोस्टमार्ट रिपोर्ट और दूसरी जांचों के बाद ही स्पष्ट हो सकेगा।
इसके साथ ही स्वास्थ्य मंत्रालय ने उन लोगों के आंकडें भी जारी किए हैं, जिनमें वैक्सीन के बाद प्रतिकूल प्रभाव नजर आए हैं। स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा दिए गए डेटा के मुताबिक़, इनमें से कुल 447 लोगों में कोरोना की वैक्सीन लगने के बाद प्रभाव नजर आए हैं।
मीडिया में आई रिपोर्ट्स के मुताबिक मृतक के बेटे ने इसके लिए वैक्सीन को जिम्मेदार ठहराया है। स्वास्थ्य विभाग का कहना है कि ये वैक्सीन का रिऐक्शन नहीं है। पोस्टमॉर्टम और आगे की जांच से मौत की वजह का पता चलेगा।
स्वास्थ्यकर्मी का नाम महिपाल सिंह है। 48 साल के महिपाल मुरादाबाद के जिला अस्पताल में वार्ड बॉय थे। 16 जनवरी को जब देशभर में कोरोना का टीकाकरण शुरू हुआ था, उसी दिन महिपाल को कोरोना का टीका दिया गया था। अगले दिन यानी 17 जनवरी की शाम महिपाल की तबियत बिगड़ने लगी। महिपाल के परिजनों ने इमरजेंसी हेल्पलाइन 108 पर कॉल करके जानकारी दी।
मीडिया में आई खबरों के मुताबिक एम्बुलेंस आने तक महिपाल की तबियत और बिगड़ गई। आनन-फ़ानन में महिपाल को अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने महिपाल को मृत घोषित कर दिया।
महिपाल के बेटे विशाल ने मीडिया को बताया कि---
पापा वार्ड बॉय थे। जब सुबह ड्यूटी से आए थे, तब से उनकी तबियत ख़राब थी। पापा को कोरोना की वैक्सीन लगी थी। मेरे पास उनका साढ़े 12 बजे कॉल आया था। उन्होंने मुझसे कहा था कि बेटा आप ऑटो से ज़िला अस्पताल आ जाओ। मुझे कोरोना की वैक्सीन लगेगी और मुझसे गाड़ी नहीं चलेगी। मैं उसके बाद सिविल लाइन अस्पताल पहुंचा। वहां से क़रीब डेढ़ बजे वैक्सीन लगने के बाद उनको अपने साथ घर ले आया। वो खांस रहे थे। वो पहले कोरोना पॉज़िटिव नहीं थे।
महिपाल की मौत की असल वजह क्या है, इस बारे में पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद ही पता चल सकेगा। हालांकि मुरादाबाद की इस घटना के बाद तमाम तरह की अटकलें लगाई जा रही हैं।
देश में कोरोना का वैक्सीनेशन शुरू होने के बाद देशभर में 2 लाख 24 हज़ार 3 सौ लोगों को कोरोना की वैक्सीन लगायी जा चुकी है। स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा दिए गए डेटा के मुताबिक़, इनमें से कुल 447 लोगों में कोरोना की वैक्सीन लगने के बाद प्रतिकूल प्रभाव देखे गए हैं। हालांकि इनमें से सिर्फ 3 लोगों को अस्पताल में भर्ती करने की आवश्यकता पड़ी है।