नई दिल्ली। दिल्ली में पहले दिन महज 53 फीसदी लोगों के कोरोनावायरस (Coronavirus) का टीका लगवाने का मुख्य कारण लोगों द्वारा 'इंतजार करो और देखो' का रुख, संवाद की कमी और कोविन ऐप में खामियां थीं। यह बात रविवार को विशेषज्ञों ने कही।दिल्ली में रविवार को कोरोनावायरस के 246 नए मामले सामने आए और नए मरीजों की यह संख्या करीब 8 महीनों में सबसे कम है। वहीं 8 और संक्रमितों की मौत हुई है।
महामारी के खिलाफ दुनिया के सबसे बड़े टीकाकरण अभियान के पहले दिन दिल्ली में शनिवार को 4319 स्वास्थ्यकर्मियों को टीका लगाया गया जो पंजीकृत लोगों का महज 53 फीसदी हैं। राजीव गांधी सुपरस्पेशलिटी अस्पताल के चिकित्सा निदेशक बीएल शेरवाल ने कहा, कुछ संशय है (टीके के बारे में)। साथ ही भारत में लोग महत्वपूर्ण मामलों में इंतजार करो और देखो का रुख अपनाते हैं, चाहे वह नई कार खरीदनी हो या नया उपकरण। लोग फैसला लेने से पहले दूसरों के अनुभव देखते हैं। अस्पताल में शनिवार को 45 लोगों को टीका लगा।
उन्होंने कहा, लोगों के बीच ज्यादा जागरूकता फैलाने की जरूरत है। शनिवार को टीके से जुड़ा कोई बड़ा दुष्प्रभाव देखने को नहीं मिला, जिससे दूसरे भी टीका लेने के लिए प्रोत्साहित होंगे। कोविड-19 का टीका लेने के बाद एम्स के एक सुरक्षा गार्ड में एलर्जिक रिएक्शन देखने को मिला। उसे अस्पताल में चिकित्सकों की निगरानी में रखा गया है। यह जानकारी शनिवार को एक अधिकारी ने दी।
अधिकारियों के मुताबिक, टीकाकरण के पहले दिन महानगर में लाल चकता, इंजेक्शन लगने के स्थान पर सूजन या बुखार जैसे छोटे रिएक्शन के कुल 51 मामले सामने आए। शेरवाल ने कहा कि 53 फीसदी लोगों का टीका लगवाना सामान्य माना जा सकता है। उन्होंने कहा, चूंकि लोग स्वेच्छा से टीका लगवा रहे हैं, कई बार लोग महत्वपूर्ण कार्य की वजह से नहीं आ पाते हैं।
उन्होंने कहा, पोलियो के उन्मूलन में 20 वर्षों तक काफी प्रयास करना पड़ा। इसका विरोध हुआ। कोविड-19 टीकाकरण अभियान में इसी तरह के प्रयास की जरूरत होगी। लोक नायक जयप्रकाश नारायण अस्पताल के चिकित्सा निदेशक सुरेश कुमार ने कहा कि कोविन ऐप में खामियां भी लोगों के पहले दिन टीका नहीं लगवाने का कारण हो सकता है। कोविन, कोविड-19 टीका आपूर्ति पर निगरानी रखने का ऑनलाइन मंच है। एलएनजेपी अस्पताल में शनिवार को महज 32 लोगों को टीका लगाया जा सका।
कुमार ने कहा, हमारे अस्पताल में ऐप में कुछ समस्या आ गई। अभियान के दौरान हमें संख्या में बढ़ोतरी की उम्मीद है। भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद के पूर्व महानिदेशक एनके गांगुली ने कहा कि टीके के बारे में लोगों के अधिक जागरूक होने के बाद संख्या में धीरे-धीरे बढ़ोतरी होगी। उन्होंने कहा, सरकार को सूचना देने की प्रक्रिया मजबूत करनी होगी। टीका केंद्रों तक पहुंच गया है, अब सूचना हर किसी तक पहुंचाने की जरूरत है।
गांगुली ने कहा कि लोगों को कोविन ऐप चलाने में भी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। प्रक्रिया को सुचारू बनाने के लिए तकनीकी खामियों को जल्द दुरूस्त करने की जरूरत है। टीके के प्रभाव पर भी सवाल उठे हैं, खासकर भारत बायोटेक के कोवैक्सीन पर।
राम मनोहर लोहिया अस्पताल के रेजिडेंट्स डॉक्टर्स एसोसिएशन ने शनिवार को अस्पताल प्रशासन से आग्रह किया कि उन्हें सीरम इंस्टीट्यूट का कोविशील्ड टीका लगाया जाए न कि कोवैक्सीन। एसोसिएशन ने पत्र लिखकर कहा कि चिकित्सक कोवैक्सीन को लेकर चिंतित हैं क्योंकि इसका पूरी तरह परीक्षण नहीं किया गया।
जिन लोगों को कोवैक्सीन का टीका लगाया जा रहा है उनसे अलग से सहमति पत्र पर हस्ताक्षर कराया जा रहा है जिसमें वर्णित है कि तीसरे चरण के परीक्षण के बगैर टीका लगाया जा रहा है। राजधानी दिल्ली में पिछले 24 घंटे के दौरान नए मामलों की तुलना में स्वस्थ होने वालों की संख्या अधिक होने से सक्रिय मामले अब 2,500 के करीब रह गए हैं। राहत की एक और बात यह है कि राजधानी में मरीजों के स्वस्थ होने की दर बढ़कर 97.89 फीसदी पहुंच गई है।
दिल्ली में रविवार को सक्रिय मामले 147 और घटकर अब 2,544 रह गए। राजधानी में स्वस्थ होने वाले लोगों की संख्या में वृद्धि होने से सक्रिय मामलों में कमी दर्ज की गई है। दिल्ली के स्वास्थ्य विभाग की ओर से आज जारी बुलेटिन के अनुसार इस अवधि में 246 नए मामले सामने आने के बाद संक्रमितों की कुल संख्या 6,32,429 तक पहुंच गई है जबकि 385 और मरीजों के स्वस्थ होने से कोरोना मुक्त लोगों की संख्या बढ़कर 6,19,139 हो गई। राजधानी में मरीजों के स्वस्थ होने की दर बढ़कर 97.89 फीसदी पहुंच गई है।
इस दौरान आठ और मरीजों की मौत होने से मृतकों का आंकड़ा 10,746 पर पहुंच गया है। राजधानी में मृत्यु दर महज 1.70 फीसदी रह गई है। मृतकों के मामले में पूरे देश में दिल्ली चौथे स्थान पर है। राजधानी में पिछले 24 घंटों के दौरान 67,463 नमूनों का परीक्षण किया गया। इसके साथ ही अब तक हुई जांच संख्या बढ़कर 98.73 लाख के पार पहुंच गई है। प्रत्येक 10 लाख आबादी पर जांच का औसत 5,19,635 है। इस बीच, राजधानी में निषिद्ध क्षेत्रों की संख्या घटकर 2,269 रह गई जो शनिवार को 2,416 थी।
दिल्ली में रविवार को कोरोनावायरस के 246 नए मामले सामने आए और नए मरीजों की यह संख्या करीब आठ महीनों में सबसे कम है। वहीं, आठ और संक्रमितों की मौत हुई है। स्वास्थ्य विभाग ने बताया कि यहां संक्रमण की दर भी गिरकर 0.36 फीसदी रह गई है। स्वास्थ्य विभाग के बुलेटिन के मुताबिक राष्ट्रीय राजधानी में संक्रमण के कुल 6,32,429 मामले हो गए हैं तथा संक्रमण के कारण मरने वालों की संख्या 10,746 पर पहुंच गई है।
नए साल के पहले महीने में यह 14वीं बार है जब संक्रमण के नए मामलों की संख्या 500 से कम रही है तथा लगातार आठवीं बार नए मामलों की संख्या 400 से कम है। दिल्ली में 16 जनवरी को कोविड-19 के 299 मामले आए थे और 15 जनवरी को 295 मरीज सामने आए थे। 14 जनवरी को संक्रमण के 340 नए मामले सामने आए थे और चार लोगों की संक्रमण से मौत हुई थी। कई महीने बाद राजधानी में कोरोनावायरस संक्रमण से मरने वालों की संख्या एक अंक में पहुंची थी।
विभाग की ओर से बताया गया कि उपचाराधीन मामलों की संख्या भी 2,544 रह गई जो एक दिन पहले 2,691 थी। इसमें बताया गया कि अब तक 6,18,754 मरीज संक्रमणमुक्त हो गए या राज्य से चले गए। बुलेटिन के अनुसार कोविड अस्पतालों में कुल 11,088 बिस्तरों में से 9,987 बिस्तर खाली हैं। संक्रमण की जांच के लिए एक दिन में 40,102 नमूनों की आरटी-पीसीआर जांच और 27,361 नमूनों की रैपिड एंटीजन जांच समेत कुल 67,463 नमूनों की कोविड-19 जांच की गई थी जिनमें से 246 में संक्रमण की पुष्टि हुई।
दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन ने रविवार को कहा, बीते कुछ दिन से संक्रमण की दर 0.5 फीसदी से कम बनी हुई है। हम कह सकते हैं कि संक्रमण की तीसरी लहर अब कम हो रही है। उन्होंने कहा, संक्रमण के मामले घट रहे हैं। फिर भी मैं लोगों से अपील करता हूं कि वे एहतियात बरतें और मास्क लगाएं।(भाषा)