Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
webdunia
Advertiesment

COVID-19 : कोलकाता में नर्स की हालत स्थिर, टीके के बाद बेहोश होने की वजह पता करने के लिए मेडिकल बोर्ड गठित

हमें फॉलो करें COVID-19 : कोलकाता में नर्स की हालत स्थिर, टीके के बाद बेहोश होने की वजह पता करने के लिए मेडिकल बोर्ड गठित
, रविवार, 17 जनवरी 2021 (17:23 IST)
कोलकाता। कोविड-19 का टीका लगाए जाने के बाद यहां बीमार पड़ने वाली 35 वर्षीय एक नर्स की हालत फिलहाल स्थिर है। टीका लगाए जाने के बाद उसके बेहोश होने की वजह का पता लगाने के लिए विशेषज्ञों का एक मेडिकल बोर्ड गठित किया गया है। एक वरिष्ठ अधिकारी ने रविवार को यह जानकारी दी।

स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी ने कहा कि विशेषज्ञ फिलहाल उसके स्वास्थ्य की जांच कर रहे हैं और इसका विश्लेषण करने में थोड़ा वक्त लगेगा। अधिकारी ने कहा, उसकी हालत स्थिर है। हमने उपचार प्रक्रिया की देखरेख के लिए विशेषज्ञों का एक बोर्ड गठित किया है। देखते हैं कि बीमार पड़ने की वजह का हम कितनी शीघ्रता से विश्लेषण कर पाते हैं और समाधान निकाल पाते हैं। फिलहाल, उपचार का उसके स्वास्थ्य पर सकारात्मक असर दिख रहा है।

स्वास्थ्य विभाग टीका विशेषज्ञ डॉ. शांतनु त्रिपाठी से भी सलाह ले रहा है, जो स्कूल ऑफ ट्रॉपिकल मेडिसीन से संबद्ध रह चुके हैं। अधिकारी ने कहा, हमने पाया है कि महिला दमे के गंभीर रोग से ग्रसित है और कई दवाइयों के प्रति उसका शरीर अत्यधिक संवेदनशील है।

नर्स ने शनिवार को टीका लगाए जाने के बाद बेचैनी महसूस होने की शिकायत की और बेहोश हो गई, जिसके बाद उसे यहां नील रतन सरकार मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पटिल की गंभीर देखभाल इकाई (सीसीयू) में भर्ती किया गया था।

वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, आज सुबह हमने उसकी जांच की और पाया कि उसके सभी महत्वपूर्ण स्वास्थ्य संकेतक सामान्य हैं। राज्य स्वास्थ्य विभाग ने कहा कि टीका लगाए जाने के बाद प्रदेश के विभिन्न हिस्सों 13 और लोगों पर प्रतिकूल असर पड़ने के मामले सामने आए, लेकिन उनमें से कोई भी गंभीर मामला नहीं है।

अधिकारी ने कहा, टीका लगवाने वाले इन सभी लोगों में रक्तचाप बढ़ने और बुखार महसूस होने जैसे मामूली दुष्प्रभाव नजर आए। प्राथमिक उपचार के बाद उन सभी को घर जाने दे दिया गया। उनके स्वास्थ्य पर नजर रखी जा रही है।

राज्य में टीका लगने के बाद शरीर पर प्रतिकूल प्रभाव दिखने के कुल 14 मामले सामने आए, जिनमें तीन मामले मुर्शिदाबाद जिले से और दो मामले कोलकाता से हैं।(भाषा)

Share this Story:

Follow Webdunia Hindi

अगला लेख

10वें दौर की बातचीत से पहले कृषि मंत्री तोमर का बयान, कानून वापसी की जिद छोड़ें किसान