Corona वायरस के मद्देनजर सोशल मीडिया पर तरह-तरह के अंधविश्वास, भ्रम फैलाए जा रहे हैं। टोने-टोटके से लेकर उपचार बताए जा रहे हैं। लेकिन, इस तरह की बातों पर भरोसा बिलकुल भी नहीं करना चाहिए क्योंकि कोरोना का अभी सिर्फ एक ही इलाज है- घर में ही रहें। आइए जानते हैं ऐसे ही कुछ भ्रमों के बारे में जो लोगों के बीच फैलाए जा रहे हैं, ताकि लोग सावधान रहें...
1. कोरोना कवच : हाल ही में कोरोना कवच को लेकर एक फोटो और वीडियो काफी वायरल हुआ था, जिसमें संक्रमण से लड़ने के लिए कोरोना चालीसा पढ़ने की बात कही गई थी। इसका संबंध शिवपुराण से जोड़ा गया था। इस संबंध में जयपुर जिले की शाहपुरा तहसील के पंडित सोमप्रकाश शर्मा ने वेबदुनिया से बातचीत करते हुए कहा कि शिवपुराण में ऐसे किसी चालीसा और कवच का उल्लेख नहीं मिलता।
पंडित शर्मा ने बताया कि किसी को भी इस तरह की बातों पर भरोसा नहीं करना चाहिए। इतना ही नहीं किसी भी व्यक्ति को कोरोना वायरस के संक्रमण को हलके में नहीं लेना चाहिए एवं न ही इस प्रकार की अफवाहों पर ध्यान देना चाहिए। उन्होंने कहा कि कुछ समय पहले उलटा चांद दिखने की भी अफवाह फैलाकर लोगों में भय पैदा करने की कोशिश की गई थी।
2. उल्लू पर हाथ फेरो, भागेगा कोरोना : एक वीडियो और वायरल हो रहा है, जिसमें दावा किया जा रहा है कि घुग्घू (उल्लू) पर हाथ फेरने से कोरोना खत्म हो जाएगा। वीडियो में एक व्यक्ति ने अपना परिचय देते हुए कहा कि मेरा नाम अर्जुन लाल गुर्जर है। जिला जयपुर (राजस्थान) का रहने वाला हूं।
इनका कहना है कि कोरोना छूत की बीमारी है। यह सुई (इंजेक्शन) एवं गोलियों के इलाज से नहीं जाएगी। इस व्यक्ति का कहना है कि उल्लू के ऊपर हाथ फेरो एवं उसके बाद कोरोना संक्रमित मरीज के ऊपर हाथ फेर दें तो वह ठीक हो जाएगा।
इस संबंध में भी पंडित सोमप्रकाश शर्मा कहते हैं कि इस तरह के टोटकों पर बिलकुल भी भरोसा नहीं करना चाहिए, बल्कि इस तरह के भ्रम फैलाने वालों पर कार्रवाई होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि इस तरह के अंधविश्वास से उल्लू का अस्तित्व भी खतरे में पड़ सकता है। पंडित शर्मा ने कहा कि जैसा कि हम सब मीडिया में पढ़ और देख रहे हैं कि कोरोना का कोई इलाज नहीं, सिर्फ घर में रहकर या सोशल डिस्टेंसिंग का पालन कर ही इससे बच सकते हैं।