Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
webdunia
Advertiesment

Corona virus के बढ़ते मामलों ने बढ़ाई सरकार की चिंता, स्वास्थ्य सचिव ने की 5 राज्यों के अधिकारियों से बात

हमें फॉलो करें Corona virus के बढ़ते मामलों ने बढ़ाई सरकार की चिंता, स्वास्थ्य सचिव ने की 5 राज्यों के अधिकारियों से बात
, मंगलवार, 26 मई 2020 (19:28 IST)
नई दिल्ली। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने प्रवासी मजदूरों की वापसी के कारण कोरोना वायरस के बढ़ते मामलों के मद्देनजर 5 राज्यों को पिछले तीन हफ्ते में कंटेनमेंट जोन में आए रुझान का आकलन करने और प्रभावी नियंत्रण रणनीति अपनाने का सुझाव दिया।
 
स्वास्थ्य मंत्रालय ने मंगलवार को जिन 5 राज्यों को सुझाव दिए हैं उनमें उत्तरप्रदेश, बिहार, झारखंड, छत्तीसगढ़ और मध्यप्रदेश शामिल हैं। स्वास्थ्य सचिव प्रीति सूदन ने इन राज्यों के मुख्य सचिवों, स्वास्थ्य सचिवों और राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (एनएचएम) के निदेशकों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए एक उच्च स्तरीय समीक्षा बैठक की।
 
मंत्रालय के बयान में कहा गया कि लॉकडाउन नियमों में ढील दिए जाने और अंतरराज्यीय पलायन की इजाजत दिए जाने के बाद इन राज्यों में पिछले तीन सप्ताह में कोविड-19 के मामलों में वृद्धि देखने को मिली है। 
 
बयान में कहा गया कि प्रभावी नियंत्रण रणनीति के लिए जिन कारकों पर ध्यान केंद्रित करने की आवश्यकता है, उनमें विशेष निगरानी टीमों के माध्यम से घर-घर सर्वेक्षण, जांच, संपर्क का पता लगाने जैसे विषयों पर प्रकाश डाला गया।
 
बयान के मुताबिक इस बात पर भी जोर दिया गया कि सूक्ष्म योजनाएं बनाने और इसके कार्यान्वयन के जरिए प्रत्येक निषिद्ध क्षेत्र का विश्लेषण किया जाएगा। 
 
यह भी कहा गया कि राज्यों को क्वारंटाइन सेंटर्स, आईसीयू, वेंटिलेटर और ऑक्सीजन बेड आदि के साथ मौजूदा उपलब्ध स्वास्थ्य ढांचे के आकलन पर ध्यान देने की जरूरत है। अगले दो महीनों की जरूरत को ध्यान में रखते हुए इसे मजबूत करने की आवश्यकता है।
webdunia
बयान के अनुसार गैर-कोविड आवश्यक स्वास्थ्य सेवाओं के संबंध में, राज्यों को याद दिलाया गया कि टीबी, कुष्ठ रोग, सीओपीडी, गैर-संचारी रोगों जैसे उच्च रक्तचाप, मधुमेह, चोटों के लिए उपचार और दुर्घटनाओं के कारण ट्रॉमा के लिए तत्काल उपाय करने की आवश्यकता है।
 
यह सलाह दी गई कि मोबाइल मेडिकल यूनिट (एमएमयू) क्वारंटाइन सेंटर्स पर लगाई जा सकती है। मौजूदा भवनों में अस्थायी उप-स्वास्थ्य केन्द्र स्थापित किए जा सकते हैं। अपने गृह राज्य आने वाले प्रवासी श्रमिकों की संख्या में वृद्धि से निपटने के लिए आशा और एएनएम को अतिरिक्त प्रोत्साहन दिया जा सकता है।
 
बयान में कहा गया कि राज्यों को सलाह दी गई कि वे अग्रणी मोर्चे पर काम कर रही टीमों के संबंध में पीपीई दिशा-निर्देशों का पालन सुनिश्चित करें। राज्य अपनी ताकत बढ़ाने के लिए एनओजी, एसएचजी, निजी अस्पतालों, स्वयंसेवी समूहों आदि को अपने साथ लें।
 
राज्यों को सलाह दी गई कि वे गर्भवती महिलाओं, 5 साल से कम उम्र के बच्चों, बुजुर्गों तथा गंभीर रोगियों पर विशेष ध्यान दें और जिलों में आंगनवाड़ी कार्यबल को भी जुटाएं। इस पर भी जोर दिया गया कि 5 वर्ष से कम उम्र के बच्चों के बीच पोषण की जांच की जानी चाहिए। (भाषा)

Share this Story:

Follow Webdunia Hindi

अगला लेख

भारत में धमाका मचाने आ रही है Maruti Suzuki की नई Jimny, 5 डोर ऑप्शन के साथ हो सकती है लांच