लखनऊ। पानी में कोरोनावायरस मिलने से हड़कंप मच गया है। 3 स्थानों से लिए गए सैंपल में एक सैंपल पॉजिटिव मिला है। अब पानी में फैले वायरस का मनुष्य पर कितना असर होगा, इस पर रिसर्च किया जा रहा है।
इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च और वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन के अध्ययन में पानी में भी कोरोनावायरस पाया गया है। रिसर्च एसजीपीजीआई का माइक्रोबायोलॉजी विभाग द्वारा की जा रही है।
विभिन्न नदियों में शव बहाए जाने के बाद आईसीएमआर और डब्ल्यूएचओ ने देशभर में अध्ययन कराने की योजना बनाई थी। पिछले दिनों लोगों ने गंगा नदी में कई शव बहाए थे।
मीडिया खबरों के मुताबिक कुछ समय पूर्व पीजीआई के मरीजों में रिसर्च किया गया था उस वक्त यह पाया गया था कि मल में मौजूद वायरस पानी में पहुंच सकता है।
ऐसे में आशंका जताई जा रही है कि कोरोनावायरस से पीड़ित तमाम मरीजों के स्टूल (मल) से सीवेज तक कोरोनावायरस पहुंचा हो। कई अन्य रिचर्स पेपर में भी यह बात सामने आई है कि 50 प्रतिशत मरीजों के स्टूल के वायरस सीवेज तक पहुंच जाते हैं।