जम्मू। कोरोना वायरस के खतरे के बावजूद कश्मीर में सेना के ऑपरेशन ऑलआउट के साथ ही अब नागरिक प्रशासन ने ऑपरेशन 'तलाश’आरंभ किया है।
ऑपरेशन 'तलाश' का मकसद उन लोगों की तलाश करना है जो देश-विदेश से घूमकर वापस लौटे हैं और कोरोना वायरस के संदिग्धों की सूची में हैं और अभी तक वे घरों में ही छुपे हुए हैं।
यही नहीं, अब प्रदेश के प्रत्येक जिले के उपायुक्त द्वारा ऐसे संदिग्धों को चेतावनी दी गई है कि अगर वे दो दिनों के भीतर खुद सामने नहीं आए तो उनके विरुद्ध एफआइआर दर्ज की जाएगी तथा उन्हें गिरफ्तार किया जाएगा।
इतना जरूर था कि ऑपरेशन 'तलाश' के दो दिनों के भीतर ही 1200 से अधिक संदिग्धों को तलाश भी कर लिया गया था।
इनमें से 400 के बारे में उनके पड़ोसियों द्वारा ही खबर दी गई थी। इनमें 250 लोग तो सिर्फ कश्मीर के पुलवामा जिले में ही मिले हैं, लेकिन संदिग्धों की तलाश का काम यहीं खत्म नहीं हो जाता है।
प्रशासन कहता है कि हजारों अभी अपने घरों में छुपे बैठे हैं। उन्हें बाहर निकलने के लिए दो दिनों की अंतिम चेतावनी जारी की गई है।
साथ ही पड़ोसियों से कहा गया है कि ऐसे व्यक्तियों के बारे में सूचनाएं देने वालों को इनाम दिया जाएगा और छुपकर बैठने वालों को गिरफ्तार करने के साथ ही उनके विरुद्ध मामला दर्ज किया जाएगा।
प्रशासन ने एक वेबसाइट भी लांच की है जिसके जरिए यात्रा हिस्ट्री छुपाने वालों को खुद प्रशासन तथा स्थानीय अधिकारियों से मिलने का अवसर प्रदान किया जाएगा।
अधिकारियों के मुताबिक घरों में छुप कर बैठने वाले ये व्यक्ति किसी सुसाइड बम्बर से कम नहीं हैं जो कोरोना वायरस के बमों को अपने भीतर छुपाए हो सकते हैं।
दरअसल स्वास्थ्य अधिकारियों का कहना है कि दो चार दिनों के बाद प्रदेश में संक्रमितों की संख्या में जबरदस्त उछाल आने की आशंका इसलिए है, क्योंकि प्रदेश में टेस्ट करने की दर देश से सबसे अधिक है।
ऐसे में वे कहते थे कि घबराने की जरूरत नहीं है सिवाय बचाव के। ऐसी ही आशंका मुख्य सचिव की ओर से भी प्रकट की गई है जिन्होंने सभी से आग्रह किया है कि लॉकडाउन का पालन करें और प्रतिबंधों का उल्लंघन करने वालों से सख्ती से निपटते हुए उन्हें जेलों में ठूंसने की धमकी दी गई है।