कानपुर। उत्तरप्रदेश के कानपुर में कोरोनावायरस से बचाव के लिए 2 साल से 6 साल तक के बच्चों पर ट्रायल शुरू हो गया है। भारत बायोटेक की स्वदेशी वैक्सीन कोवैक्सिन ने बच्चों पर ट्रायल शुरू किया है।
आर्यनगर स्थित प्रखर अस्पताल में कोवाक्सिन का बच्चों में ट्रायल मंगलवार से शुरू हुआ। बच्चों को 2 साल से 6 साल, 6 साल से 12 साल और 12 साल से 18 साल के 3 ग्रुपों में बांटा गया है। पहले दिन 12 से 18 साल के 40 बच्चों की स्क्रीनिंग की गई। 20 योग्य पाए गए। इन्हें वैक्सीन दी गई।
इसके बाद बुधवार को छह से 12 साल के 10 बच्चों की स्क्रीनिंग की गई। इनमें 5 को वैक्सीन लगाई गई। वैक्सीन लगाने के 45 मिनट तक बच्चों को आब्जर्वेशन में रखा गया।
कोरोना संक्रमित बच्चों को लेकर गाइडलाइंस : इस बीच सरकार ने गाइडलाइंस जारी कर कहा कि कोरोनावायरस से संक्रमित बच्चों के उपचार में रेमडेसिविर का इस्तेमाल नहीं किया जाना चाहिए।
इनमें कहा गया है कि 18 साल से कम उम्र के बच्चों में रेमडेसिविर के इस्तेमाल को लेकर पर्याप्त सुरक्षा और प्रभावी आंकड़ों का अभाव है। डीजीएचएस ने कहा है कि बच्चों के मामले में हाई रेजोल्यूशन सीटी (एचआरसीटी) का युक्तिपूर्ण उपयोग किया जाना चाहिए।
गाइडलाइंस में बच्चों के लिए 6 मिनट के वॉक टेस्ट का सुझाव दिया गया है। 12 साल से बड़े बच्चों को उनके माता-पिता या अभिभावक की देखरेख में 6 मिनट का वॉक टेस्ट करने की सलाह दी गई है।
वॉक टेस्ट में बच्चे की उंगली में पल्स ऑक्सिमीटर लगाकर उसे लगातार 6 मिनट तक टहलने के लिए कहा जाए। इसके बाद उसके ऑक्सीजन सैचुरेशन लेवल और पल्स रेट को मापा जाए।