नई दिल्ली। देश में कोरोनावायरस की रफ्तार में लगातार बढ़ोतरी हो रही है। कोरोना संक्रमण को रोकने के लिए राज्यों ने कई सख्त कदम उठाए हैं। इस बीच भारतीय स्टेट बैंक (SBI) इकोनॉमिक रिसर्च डिपार्टमेंट की डराने वाली रिपोर्ट सामने आई है। 
 
									
			
			 
 			
 
 			
					
			        							
								
																	
	 
	रिपोर्ट में दावा किया गया है कि भारत फरवरी से कोविड-19 के नए मामलों में तेजी देख रहा है और दूसरी लहर की तरफ स्पष्ट रूप से इंगित करता है। अगर 15 फरवरी से गणना की जाए तो कोरोना की दूसरी लहर 100 दिनों तक चल सकती है। इन 100 दिनों की शुरुआत 15 फरवरी से माना जा रहा है, वहीं जिस तरह से 23 मार्च तक का ट्रेंड रहा है। अनुमान है कि इस लहर में कुल 25 लाख नए मामले सामने आ सकते हैं।
 
									
										
								
																	
									
											
									
			        							
								
																	
	एसबीआई ने इस बारे में 28 पेज की एक रिपोर्ट दी है। बैंक की चीफ इकोनॉमिस्ट एडवाइजर सौम्य कांति घोष की लिखी इस रिपोर्ट के मुताबिक स्थानीय स्तर पर पाबंदियां या लॉकडाउन लगाना बेअसर रहा है। यह भी कहा गया है कि बड़े पैमाने में लगाया जा रहा टीकाकरण एक उम्मीद है कि हम कोरोनावायरस के खिलाफ लड़ाई जीतेंगे। जिस तरह का ट्रेंड अभी देखने को मिल रहा है, ऐसा लगता है कि अप्रैल महीने के दूसरे हाफ में कोरोनावायरस की दूसरी लहर का पीक देखने को मिलेगा।
 
									
											
								
								
								
								
								
								
										
			        							
								
																	
									
			                     
							
							
			        							
								
																	
	रिपोर्ट के मुताबिक वैक्सीनेशन के कारण भारत संक्रमण रोकने की बेहतर स्थिति में है। कोरोनावायरस संक्रमण से बचने का सबसे कारगार तरीका है तेजी से वैक्सीनेशन करना। दुनिया भर के देशों में कोरोनावायरस संक्रमण की दूसरी लहर पहले के मुकाबले ज्यादा तीव्र रही है। हालांकि अब वैक्सीन होने से हालात अलग रहेंगे। ऐसे में भारत मौजूद हालात में पहले से बेहतर ढंग से निपट सकता है। अब तक देश में करीब 5.3 करोड़ लोगों को कोरोनावायरस से बचाव का टीका लग चुका है।
 
									
			                     
							
							
			        							
								
																	लॉकडाउन रहा नाकाम : रिपोर्ट में कहा गया है कि इसलिए टीकाकरण की गति बढ़ाने से ही महामारी के खिलाफ लड़ाई जीती जा सकती है। पिछले साल इस दिन जब पूरे देश में लॉकडाउन लागू किया गया था, तब संक्रमण के कुल मामले 500 से अधिक नहीं थे और लॉकडाउन की अवधि विस्तारित होने के साथ-साथ मामले बढ़ते चले गए। उन्होंने महाराष्ट्र और पंजाब सहित कई राज्यों का उदाहरण देते हुए कहा कि लॉकडाउन कारगर नहीं रहे हैं। गौरतलब है कि बुधवार को देश में संक्रमण के करीब 53,500 नये मामले सामने आए।