बीजिंग। अमेरिका में कोरोनावायरस के नए मामले 2 महीने के उच्चतम स्तर पर पहुंच गए और एक बार फिर उसी जगह नजर आ रहे हैं जहां वे बीमारी के चरम के दौरान थे।जॉन हॉपकिंस विश्वविद्यालय द्वारा संयोजित आंकड़ों के मुताबिक मंगलवार को अमेरिका में संक्रमण के 34,700 मामले सामने आए। ये आंकड़े बुधवार को प्रकाशित किए गए।
इससे पहले दो ही ऐसे मौके आए जब अमेरिका में संक्रमण के इससे ज्यादा मामले सामने आए थे- 9 अप्रैल और 24 अप्रैल को जब 36,400 मामले सामने आए थे।
अमेरिका में 6 हफ्तों तक गिरावट के बाद बीते करीब एक हफ्ते से ज्यादा समय से नए मामले बढ़ रहे हैं। पहले हॉटस्पॉट में शामिल रहे न्यूयॉर्क और न्यूजर्सी जैसे शहरों में मामलों में लगातार गिरावट देखने को मिल रही है, अब विषाणु दक्षिण और पश्चिम में पांव पसार रहा है।
एरिजोना, कैलिफोर्निया, मिसिसिपी, नेवाडा और टेक्सास समेत कई राज्यों में एक दिन में सर्वाधिक मामले दर्ज किए गए। दुनिया के अन्य देशों में भी बुधवार को कोरोना वायरस संक्रमण के मामलों में बढ़ोतरी देखी गई। भारत में संक्रमण के करीब 16 हजार नए मामले दर्ज किए गए। मैक्सिको जहां जांच की दर कम है वहां भी रिकॉर्ड 6200 नए मामले सामने आए।
चीन हालांकि कोरोना वायरस संक्रमण पर काबू पाता नजर आ रहा है और एक बार फिर उसने बड़े पैमाने पर संसाधनों की उपलब्धता सुनिश्चित कराने की अपनी क्षमता दिखाते हुए 11 दिन में करीब 25 लाख लोगों की जांच की है।
एरिजोना में मंगलवार को संक्रमण के 3,600 नए मामले सामने आए थे। वहां एक बड़े चर्च में सैकड़ों युवा रूढ़िवादी अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के चुनावों में उनका समर्थन करने के आह्वान को सुनने पहुंचे। सप्ताहांत पर हुई अपनी ओक्लाहोमा रैली की तरह ही ट्रंप ने यहां भी वायरस की उत्पत्ति के लिए चीन की तरफ इशारा किया।
ट्रंप के कार्यक्रम से पहले फीनिक्स की डेमोक्रेटिक मेयर केट गालेगो ने स्पष्ट किया कि उन्हें नहीं लगता कि शहर में सुरक्षित तरीके से भाषण हो सकता है और राष्ट्रपति से मास्क पहनने का अनुरोध किया। हालांकि ट्रंप ने ऐसा नहीं किया। ट्रंप ने सार्वजनिक रूप से मास्क पहनने से इंकार कर दिया और इसके बदले इसे रिपब्लिकन और डेमोक्रेट्स के सांस्कृतिक मुद्दे में बदल दिया।
इससे पहले मंगलवार को डॉ. एंथोनी फाउसी ने कांग्रेस को बताया कि संक्रमण को रोकने के लिहाज से अगले कुछ हफ्ते अहम हैं। नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ हेल्थ में संक्रामक रोग के प्रमुख डॉ. फाउकी ने कहा कि सबसे पहले, भीड़-भाड़ वाली जगह मत जाइए। दूसरी बात अगर आप जाते हैं तो यह सुनिश्चित करें कि आप मास्क लगाए हों।
चीन की राजधानी बीजिंग में इस महीने संक्रमण की चपेट में 200 से ज्यादा लोगों के आने के बावजूद इसका असर कम होता दिख रहा है। चीन में बुधवार को 12 मामले सामने आए जबकि इसके एक दिन पहले 22 मामले सामने आए थे। बीजिंग में संक्रमण के 7 नए मामले सामने आए जबकि एक दिन पहले यहां संक्रमण के 13 मामले मिले थे।
बीजिंग में अधिकारियों ने कहा कि उन्होंने 12 से 22 जून के बीच 24 लाख से ज्यादा लोगों की जांच की। यह शहर की करीब दो करोड़ की आबादी के 10 प्रतिशत से ज्यादा है।
अधिकारियों ने खाने के बाजारों और उसके आसपास लोगों की जांच शुरू की। उन्होंने रेस्तरां के कर्मियों और शहर के 1 लाख से ज्यादा डिलिवरी कर्मियों की भी जांच की। चीन ने यह भी कहा कि उसने उन लोगों का पता लगाने के लिए बड़े आंकड़ों का इस्तेमाल किया जो बाजार के आसपास थे और उनकी जांच की।
अधिकारियों ने कहा कि इनमें से अधिकतर में संक्रमण नहीं मिला। हालांकि सुपर मार्केट से किराने के समान की कूरियर डिलिवरी करने वाला एक व्यक्ति संक्रमित मिला। आधिकारिक शिन्हुआ संवाद समिति ने कहा कि एक जिले में एक चलित प्रयोगशाला दिनभर में 30 हजार जांच करने में सक्षम है।
संक्रमण के पहले दौर पर सफलतापूर्वक काबू पाने वाले दक्षिण कोरिया में मामले फिर से बढ़ते नजर आ रहे हैं। संक्रमण की पहली लहर का केंद्र जहां देश का चौथा बड़ा शहर था, वहीं मौजूदा मामले सियोल क्षेत्र में केंद्रित नजर आ रहे हैं, जहां अधिकतर दक्षिण कोरियाई रहते हैं।
अधिकारियों ने बताया कि बुधवार को 51 मामले सामने आए। मामलों में यह बढ़ोतरी बढ़ती सार्वजनिक गतिविधियों और सामाजिक दूरी के प्रति लोगों की उदासीनता के बीच हो रही है।
भारत में सवा अरब से ज्यादा की आबादी है और ऐसे में घनी आबादी वाले उसके मुंबई और दिल्ली जैसे शहर सबसे बुरी तरह प्रभावित हैं। देश में संक्रमण के मामले साढ़े चार लाख के पार पहुंच चुके हैं जबकि 14 हजार से ज्यादा लोगों की जान महामारी के कारण जा चुकी है।
नई दिल्ली में हालात चिंता बढ़ाने वाले हैं और संक्रमित लोगों के संपर्क में आए लोगों का पता लगाने की खराब व्यवस्था और अस्पतालों में बिस्तरों की कमी की केंद्र सरकार ने आलोचना की है।
मैक्सिको में बुधवार को संक्रमण से 800 से ज्यादा लोगों की मौत हुई। देश में कोविड-19 के एक लाख 90 हजार से ज्यादा मामले सामने आ चुके हैं जबकि 23 हजार से ज्यादा लोगों की जान जा चुकी है। अधिकारी हालांकि देश में बेहद कम जांच होने की वजह से इन आंकड़ों को कम बता रहे हैं।
मैक्सिको में अब तक महज पांच लाख के करीब जांच हुई हैं जो औसतन देश के 250 लोगों पर एक व्यक्ति की जांच के बराबर है। अमेरिका के जॉन हॉपकिंस विश्वविद्यालय द्वारा जुटाए गए आंकड़ों के मुताबिक दुनिया भर में 92 लाख से ज्यादा लोग संक्रमण की चपेट में आ चुके हैं जबकि 4.77 लाख से ज्यादा लोगों की इस महामारी से मौत हो चुकी है। (भाषा)