इंदौर। कोरोना की तीसरी लहर की आशंका के मद्देनजर एहतियात के रूप में विभिन्न तैयारियां की जा रही हैं। तीसरी लहर में आशंका व्यक्त की जा रही है कि अधिकांश रूप से गर्भवती महिलाएं, नवजात शिशु एवं अन्य बच्चे प्रभावित हो सकते हैं।
इसे देखते हुए डॉक्टर्स एवं पैरामेडिकल स्टाफ को गर्भवती महिलाओं, नवजात शिशु एवं अन्य बच्चों के प्रभावित होने की स्थिति में उनकी देखरेख और उपचार के लिए विशेष रूप से प्रशिक्षित किया जा रहा है।
इसी सिलसिले में आज इंदौर के एमजीएम मेडिकल कॉलेज के अन्तर्गत संचालित चाचा नेहरू बाल चिकित्सालय एवं अनुसंधान केन्द्र से एक विशेष कार्यशाला ऑनलाइन आयोजित की गई। कार्यशाला में प्रदेश के सभी मेडिकल कॉलेजों के लगभग 200 चिकित्सकों और नर्सेस आदि ने ऑनलाइन भाग लिया।
शुभारंभ इंदौर के सांसद शंकर लालवानी और संभागायुक्त डॉ. पवन कुमार शर्मा ने किया। लालवानी ने कहा कि तीसरी लहर की आशंका को देखते हुए सभी आवश्यक व्यवस्थाएं अभी से तैयार रखें। उन्होंने कहा कि तीसरी लहर के मद्देनजर महिलाओं और बच्चों के उपचार के लिए चिकित्सकों को विशेष रूप से प्रशिक्षित करने की जरूरत है।
संभागायुक्त डॉ. पवन कुमार शर्मा ने कार्यशाला आयोजन के उद्देश्यों की जानकारी देते हुए बताया कि इंदौर संभाग के सभी अस्पतालों के चिकित्सकों और नर्सेस को गर्भवती महिलाओं और बच्चों के उपचार के लिए विशेष रूप से प्रशिक्षित किया जा रहा है। जिलेवार मास्टर ट्रेनर्स भी बनाए जा रहे हैं।
उन्होंने बताया कि दूसरी लहर में मेडिकल कॉलेज के चिकित्सालयों में ब्लैक फंगस के भर्ती मरीजों का समुचित उपचार किया गया। कार्यशाला के नोडल अधिकारी एवं एमजीएम मेडिकल कॉलेज इंदौर के डीन डॉ. संजय दीक्षित ने कार्यशाला के विषय में जानकारी दी।
मेडिकल कॉलेज इंदौर के शिशु रोग विभाग के विभागाध्यक्ष एवं नोडल इंचार्ज डॉ. हेमंत जैन ने बताया कि इंदौर में तीसरी लहर के मद्देनजर चिकित्सकों एवं नर्सों को प्रशिक्षित करने का विशेष माड्यूल बनाया गया है। इसके अनुसार डॉक्टर्स एवं नर्सेस को प्रशिक्षित किया जा रहा है।
जुलाई माह में अभी तक 15 कार्यशाला आयोजित की जा चुकी है। चयनित डॉक्टर्स एवं नर्सेस को मास्टर ट्रेनर्स के रूप में भी प्रशिक्षित किया जा रहा है।
यह मास्टर ट्रेनर्स के रूप में अपने-अपने जिलों में प्रशिक्षण देंगे। आज संपन्न हुई ऑनलाइन कार्यशाला का संचालन प्राध्यापक शिशु रोड एमजीएम मेडिकल कॉलेज डॉ. निर्भय मेहता ने किया। कार्यशाला में डॉ. बीपी पांडे, डॉ. यामिनी गुप्ता, डॉ. सलिल भार्गव तथा डॉ. अरोरा ने भी प्रशिक्षण दिया।