नई दिल्ली। जीनोम अनुक्रमण के लिए सरकार द्वारा गठित समूह इंसाकॉग उस मामले का जीनोमिक विश्लेषण कर रहा है जिसके बारे में बीएमसी के अधिकारियों ने कहा है कि एक महिला एक्सई स्वरूप से संक्रमित हुई थी। हालांकि, वैज्ञानिक अध्ययन में अब तक इस बारे में कोई सबूत नहीं मिले हैं। आधिकारिक सूत्रों ने बुधवार को यह जानकारी दी।
बृहन्मुंबई महानगरपालिका (BMC) ने बुधवार को कहा कि फरवरी के अंत में दक्षिण अफ्रीका से महिला भारत आई थी और मार्च में उसके एक्सई स्वरूप से संक्रमित होने की पुष्टि हुई है। एक्सई स्वरूप का पहला मामला ब्रिटेन में आया था।
हालांकि आधिकारिक सूत्रों ने स्पष्ट किया कि मौजूदा सबूत से ऐसे संकेत नहीं मिले हैं कि यह एक्सई स्वरूप का मामला है।
एक आधिकारिक सूत्र ने कहा, इंडियन सार्स कोव-2 जीनोमिक कंसोर्टियम (इंसाकॉग) के विशेषज्ञों ने नमूने की फास्टक्यू फाइल का विश्लेषण किया है और अनुमान लगाया है कि मुंबई की महिला को संक्रमित करने वाले वायरस की जीनोमिक संरचना एक्सई स्वरूप की जीनोमिक संरचना के अनुरूप नहीं है। अधिकारी ने कहा, मुंबई में एक्सई से संक्रमण की पुष्टि के बाद इंसाकॉग मामले का जीनोमिक विश्लेषण कर रहा है।
बीएमसी के अधिकारी के मुताबिक सीरो सर्वेक्षण के दौरान कोरोना वायरस के कप्पा स्वरूप के एक मामले की भी पुष्टि हुई है। उन्होंने कहा कि जीनोम अनुक्रमण प्रयोगशाला में 11वें बैच के 376 नमूनों के अनुक्रमण में इस परिणाम का पता चला। कप्पा स्वरूप के मामले मुंबई में पहले भी आए थे।