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Special Story : नेपाल में गलियां सूनी हैं, बाजार खाली हैं...

Corona ने ग्राहक के आत्मविश्वास पर किया है सीधा प्रहार-उजया शाक्य

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डॉ. रमेश रावत

, गुरुवार, 14 मई 2020 (13:14 IST)
यह सुखद है कि भारत के पड़ोसी देश नेपाल में कोरोना वायरस (Corona Virus) से एक भी व्यक्ति की मौत नही हुई है। हालांकि 200 से ज्यादा लोगों को संक्रमण जरूर हुआ है। लेकिन, नेपाल के लिए यह चुनौतीपूर्ण होगा कि संक्रमण का ग्राफ और ऊपर न जाए। इस सबके बावजूद बदलाव वहां भी आए हैं और लोग इसको महसूस भी कर रहे हैं। 
 
'आउटरीच नेपाल' के संस्थापक एवं प्रंबध निदेशक तथा 'Brandsutra' के लेखक उजया शाक्य ने वेबदुनिया से बातचीत में बताया कि नेपाल में किस तरह के परिवर्तन आए हैं और लोग इन बदलावों को किस तरह ले रहे हैं। शाक्य को प्रबंधन, ब्रांड एवं सामाजिक संचार में बीस साल का अनुभव है। सफलतापूर्वक विज्ञापन अभियान, जनसंपर्क योजना एवं संचार कार्यक्रमों के जरिए व्यहवार में परिवर्तन पर काम किया है। उजया मानते हैं कोविड 19 ने ग्राहक के आत्मविश्वास पर सीधा प्रहार किया है। आइए जानते हैं कि शाक्य से वेबदुनिया की विस्तृत बातचीत के प्रमुख अंश-
 
प्रश्न : कोविड 19 के कारण नेपाल में किस प्रकार के परिवर्तन हुए हैं?
उत्तर : यह एक ऐसा अभूतपूर्व समय है जिसके प्रभाव से विज्ञापन व्यवसाय भी अछूता नहीं रहा है। जो अभी हो रहा है ऐसा पहले कभी अनुभव नहीं किया। कोविड 19 ने सीधे तौर पर ग्राहक के आत्मविश्वास पर प्रहार किया है। इसके साथ ही ग्राहक एवं हर व्यक्ति के प्रतिदिन के जीवन के जीने के तरीकों में भी बदलाव हुआ है।
 
प्रश्न : घर पर रहने के दौरान आप किस प्रकार के कार्य कर रहे हैं?
उत्तर : मेरा अधिकतम समय नेपाल में अपने ग्राहकों एवं सहकर्मियों से कॉन्फ्रेंस कॉल के जरिए जरिए ग्राहकों के नए ट्रेंड एवं बदलाव को लेकर बातचीत में व्यतीत होता है। इसके साथ ही कोविड 19 के बाद हम अपने ग्राहकों की किस प्रकार से मदद कर सकते हैं, इस पर भी विचार विमर्श चलता है। हमने इस समय एक कैंपेन भी लांच किया है। जिसका साधारण संदेश "empathy – #Basichumanity" है। यह ऐसा समय है जिसमें हमें लागों के प्रति सहानुभूति एवं मदद रखते हुए अपने हितों की ओर ध्यान नहीं देना चाहिए। हमें याद रखना चाहिए कि इस समय पूरे विश्व में बहुत से लोग इस वायरस से संक्रमित हैं। हमें अपने पसंदीदा भोजन का प्रदर्शन छोड़ना चाहिए एवं मानवता को ध्यान रखना चाहिए। 
 
यह समय हमें संवेदनशील बनाने के लिए भी है। हम इस कठिन समय के साक्षी भी हैं एवं यह भी जानते हैं कि समाज के गरीब एवं निचले तबके के लोग अभूतपर्व आर्थिक तंगी को भी झेल रहे हैं। हाल ही की एक घटना मुझे याद आती है जिसमें एक 12 साल की लड़की अपने घर पर पहुंचने के लिए तीन दिनों तक पैदल चली एवं बाद में वह मर गई। उसके मरने का कारण उसे तीन दिन तक भोजन नहीं मिलने के कारण कुपोषण एवं डिहाइड्रेशन था। यदि समाज थोड़ा जागरूक एवं जिम्मेदार होता तो उसे बचाया जा सकता था। यदि यह घटना एक व्यक्ति की आत्मा को भी झकझोरती है तो इसे हम संचार का एक प्रभाव कह सकते हैं। 
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प्रश्न : आप खुद को व्यस्त कैसे रखते हैं?
उत्तर : कॉन्फ्रेंस कॉल के साथ ही मैं प्रतिदिन प्रातः व्यायाम एवं मेडिटेषन करता हूं। कभी-कभी सायंकाल फिल्म भी देखता हूं। मेरा सबसे अच्छा समय मेरे माता-पिता के साथ, बच्चों के साथ एवं अन्य परिजनों के साथ व्यतीत होता है। इस समय के दौरान हम सभी एक दूसरे के और नजदीक आ रहे हैं। मैं अपनी पांच साल की बेटी एवं 12 साल के बेटे के साथ भी प्रतिदिन खेलता हूं।
 
हालांकि कोरोना के चलते उत्तर नेपाल से बाहर दो महत्पवूर्ण यात्राएं मैंने रद्द की हैं। मुझे नहीं लगता कि अब में जल्द ही देश के बाहर कहीं यात्रा कर पाऊंगा। वैशाख में नेपाल में नववर्ष मनाया जाता है, जिसे हमने सेलीब्रेट नहीं किया। इसे हमने घर पर ही अपने तरीके से मनाया है। हमने बहुत सी व्यापारिक गतिविधियों को रद्द किया है मगर ऑनलाइन कॉन्फ्रेंस का आयोजन भी किया, जिससे कुछ सकारात्मक ट्रेंड भी डेवलप हुए हैं। 
 
प्रश्न : घर के बाहर क्या घट रहा है? 
उत्तर : हम काठमांडू में करीब 40 दिनों से लॉकडाउन को फेस कर रहे हैं। गलियां, बाजार सभी खाली हैं। कुछ ग्रॉसरी की दुकानें जरूर खुली हुई हैं। यह लॉकडाउन बहुत ही प्रभावशाली रहा है। सरकार ने अंतरराष्ट्रीय उड़ानें भी रद्द की हैं। कोरोना से बचने का एक ही मुख्य और अच्छा कदम यह है कि घर पर रहे एवं नियमों का पालन करें।
 
प्रश्न : इस दौर में मीडिया की भूमिका को किस तरह देखते हैं?
उत्तर : सकारात्मक संदेशों के माध्यम से मीडिया मदद कर सकता है। अनचाहे घटनाक्रमों को रोककर, तथ्यों को सामने लाकर मीडिया अवेयरनेस क्रिएट करने में मदद कर सकता है। इस संकट की घड़ी में मीडिया को जो अभी घट रहा है उस संबंध में सकारात्मक चीजों को परोसना चाहिए। सकारात्मक सोच एवं सकारात्मक वातावरण तैयार करने की भी जरूरत है।
 
प्रश्न : कोविड 19 को बढ़ने से रोकने एवं जिंदगियों को बचाने के लिए आपके देश की सरकार ने जो कदम उठाए हैं, उनके बारे में क्या सोचते हैं?
उत्तर : मैं अपने देश की सरकार एवं उन सभी लोगों को धन्यवाद देता हूं जो कि इसं संकट की घड़ी में आगे आकर काम कर रहे हैं। इनमें डॉक्टर्स, नर्स, हैल्थ वर्कर, पुलिस, सुरक्षा प्रहरी, डिलेवरी करने वाले ग्रॉसरी दुकानदार आदि सभी हैं जो कि अपना बेस्ट दे रहे हैं। हमें सुरक्षित रखे हुए हैं। मैं इन सभी को सैल्यूट करता हूं।
 
प्रश्न : इस दौर में देश में किस प्रकार के परिवर्तन देखने को मिल रहे हैं?
उत्तर : हमें संकट से हटकर देखना शुरू करना होगा। हम नई तकनीक को तेजी से अपनाने का हिस्सा बन सकते हैं एवं उपभाक्ताओं की आदतों के अनुसार परिवर्तन कर सकते हैं, जो कि उनके डिजिटल जुड़ाव में सोशल डिस्टेंसिंग के कारण देखने को मिल रही है। इसलिए हमें नेपाल में ग्राहकों की आवश्यकता के अनुसार अनेक बिंदुओं का पता लगाकर कार्य करना होगा। लॉकडाउन के बाद उपभोक्ताओं के व्यहवार में परिवर्तन हो सकता है। घर से बाहर की गतिविधियों में भी परिवर्तन आएगा।
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अब उपभोक्ता की बाहरी गतिविधियां, पार्टियों एवं समारोह के आयोजन में भाग लेने की प्रवृत्ति एवं पब, क्लब एव रेस्टोरेंट में भी आने-जाने में कमी होगी। इसलिए हमें अब डाइनिंग इन के लिए अवसरों की तलाश करनी होगी। स्वच्छता की आदत भी डालनी होगी। लोग स्वास्थ्य के बारे में अधिक जागरूक हो रहे हैं। वित्तीय स्थिति के अनुसार लोगों का अपने खर्चों के प्रति भी व्यहवार बदलेगा। इसी के संदर्भ में ही हमें अपने व्यापार मॉडल को विकसित करना होगा।
 
प्रश्न : नेपाल में व्यापार पर किस प्रकार का प्रभाव पड़ रहा है?
उत्तर : इसके लिए हमें उपभोक्ता के विश्वास के संकेतों पर ध्यान रखना चाहिए एवं अपनी वृत्ति पर भी भरोसा रखना चाहिए। हमें हमारे व्यवसाय के प्रमुख दिनों या तारीखों का लाभ कैसे उठाएं इस पर ध्यान रखते हुए योजना बनानी चाहिए। इसका प्रभाव पूरे देश एवं इंडस्ट्री पर भी एक सा नहीं होगा। हम जिस प्रकार के व्यावसाय में हैं उसके लिए निष्कर्ष भी बहुत विशिष्ट होने चाहिए। हम सोचते हैं कि सब कुछ स्थापित होने के बाद विज्ञापन के प्रतिमानों में बदलाव होगा। उपभोक्ता से जुड़ने एवं इसके नित नए तरीके भी हमें देखने को मिल सकते हैं। एक कहावत है कि भविष्य अतीत के कंटेनरों में फिट नहीं होता है। 
 
प्रश्न : विज्ञापन, ब्रांडिंग, सेलिंग एवं मार्केटिंग पर किस प्रकार के प्रभाव सामने आए हैं?
उत्तर : हमारे पास इन व्यवसायों के बारे में कोई डेटा नहीं है, लेकिन हम महसूस कर सकते हैं कि सभी व्यवसायों में भारी गिरावट आई है। भले ही टीवी के दर्शकों की संख्या बढ़ी है एवं डिजिटल प्लेटफार्म पर भी लोग काफी संख्या में जुड़े हैं। स्वास्थ्य, स्वच्छता और वितरण तंत्र से परे ब्रांड इन स्थितियों का लाभ उठाने में सक्षम नहीं हैं।
 
यदि हम तीन प्रश्नों का उत्तर दे सकते हैं तो हो सकता है कि हमें इस स्थिति से उबरने में मदद मिल सके। पहला, हमारा ग्राहक हमारी आशा के अनुरूप किस प्रकार से अपना व्यवहार परिवर्तित करता है। दूसरा, हम कैसे हमारी टीम को नई वास्तविकताओं के अनुरूप कितना सिखाने और स्वीकार करने में कैसे सक्षम बना सकते हैं। तीसरा, हम एक फ्रेश पेपर पर या शीट पर किस तरीके से नई शुरुआत कर सकते हैं। 
 
प्रश्न : क्या कोरोना के चलते नेपाल की अर्थव्यवस्था पर भी असर हुआ है?
उत्तर : नेपाल में भी यह अन्य देशों की तरह ही है। भगवान दयालु है एवं हम फिर से पूर्व की स्थिति तक पहुंचने में सक्षम हैं। इसके साथ ही मंदी को ज्यादा दिन तक न खेंचकर इसके प्रभाव को बरकरार नहीं रखेंगे।
 
प्रश्न : नेपाल में पर्यटन पर किस तरह का असर पडा है?
उत्तर : नेपाल की जीडीपी में लगभग 10 प्रतिशत का योगदान पर्यटन क्षेत्र का है। इसलिए यह निश्चित है कि कोविड 19 के कारण नेपाल की जीडीपी पर बड़ा प्रभाव जरूर आएगा। नेपाल में बड़े स्तर पर टूरिज्म इन्फ्रास्ट्रक्चर में इन्वेस्टमेंट किया गया है, जो कि विदेशी पर्यटकों पर निर्भर है। 
प्रश्न : नेपाल के ग्रामीण, कस्बे एवं शहरी क्षेत्र में कोविड 19 के प्रभाव के बारे में आप का क्या मत है?
उत्तर : नेपाल का ग्रामीण क्षेत्र काफी हद तक कृषि एवं प्रवासी श्रमिकों पर निर्भर है। कृषि के क्षेत्र में बड़े स्तर पर संभावनाएं छिपी हुई हैं। यदि हम इसमें आधुनिक उपकरणों एवं तकनीक का प्रवेश करा दें तो इसमें काफी अवसर हैं एवं आगे बढ़ने की उम्मीद है। कस्बे एवं शहरी क्षेत्रों में बड़े स्तर पर सकारात्मक एवं नकारात्मक प्रभाव हो सकते हैं। यह निर्भर करता है कि किस प्रकार से छोटे एवं मध्यम एंटरप्राइजेज कोविड 19 के बाद किस प्रकार से परफॉर्म करते हैं। लघु एवं मध्यम एंटरप्राइजेज का नेपाल की जीडीपी में 25 प्रतिशत योगदान है। साथ ही इन क्षेत्रों में बड़े स्तर पर नियोक्ता भी हैं। 
 
अंत में यही कहूंगा कि यह एक अभूतपूर्व समय है एवं पूरी दुनिया थम सी गई है। हम एक ऐसे अदृश्य दुश्मन से लड़ रहे हैं जिस पर विजय पाने का हमारे पास कोई उपाय भी नहीं है। इसलिए यह महत्वपूर्ण है कि हम घर पर ही रहें, आवश्यक सावधानियां बरतें, अपनी सरकार का समर्थन करें एवं नियमों का पालन करें। क्यों कि एकमात्र यही एक रास्ता है एवं तरीका है खुद को एवं दूसरों को सुरक्षित रखने का। घर पर रहें, सुरक्षित रहें। 
 
 

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