नई दिल्ली। केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री डॉ. हर्षवर्धन (dr harshvardhan) ने रविवार को कहा कि मंत्रालय एक प्रारूप तैयार कर रहा है, जिसमें सभी राज्य और केंद्र शासित प्रदेश उन लक्षित आबादी समूहों की सूची पेश करेंगे, जिन्हें पहले कोरोनावैक्सीन दी जानी चाहिए। इस माह के अंत तक इस सूची के पूरी होने की संभावना है।
संडे संवाद में कोरोना वैक्सीन के आने के बारे में डॉ. हर्षवर्धन ने कहा कि देश में कोरोना वैक्सीन पर वैज्ञानिकों की उच्च स्तरीय टीम लगातार काम कर रही है। उन्होंने कहा कि मोटे तौर पर कहा जा सकता है कि देश में कोरोना की वैक्सीन जुलाई 2021 तक आ सकती है।
सरकार युद्धस्तर पर इस दिशा में काम कर रही है कि जब कोरोना वैक्सीन तैयार हो, तो लोगों के बीच इसका समान वितरण सुनिश्चित हो पाए। दुनिया के अन्य देशों की तरह केंद्र सरकार भी इसी बात पर ध्यान दे रही है कि किस तरह हर व्यक्ति को कोरोना वैक्सीन मुहैया कराई जाये। इसके लिए उच्च स्तरीय विशेषज्ञ समूह का गठन किया गया है, जो कोरोना वैक्सीन के सभी पहलुओं पर ध्यान दे रही है।
उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य मंत्रालय राज्यों के साथ मिलकर एक खाका तैयार कर रहा है कि कोरोना वैक्सीन पहले किनको दी जाए। मंत्रालय फिलहाल एक फॉर्मेट तैयार कर रहा है, जहां राज्य सरकारें उन आबादी समूहों की सूची पेश करेंगी, जिन्हें कोरोना वैक्सीन पहले दी जानी है। इसमें अग्रिम मोर्चे पर डटे कोरोना स्वास्थ्यकर्मी तथा कोरोना के टेस्ट, ट्रैक और ट्रीट की रणनीति को लागू करने में शामिल कर्मचारी शामिल होंगे। उम्मीद है कि यह सूची अक्टूबर के अंत तक तैयार हो जाएगी।
डॉ. हर्षवर्धन ने कहा कि राज्य सरकारों को साथ ही यह निर्देश दिया गया है कि वे कोल्ड चेन फैसिलिटी और कोरोना वैक्सीन के वितरण से संबंधित अन्य आधारभूत ढांचों की पूरी जानकारी भी दें। केंद्र सरकार इसके अलावा वैक्सीन के समुचित और समान वितरण के लिए मानव संसाधन, प्रशिक्षण और निरीक्षण संबंधी क्षमता में विस्तार की योजना पर काम कर रही है।
ऐसा अनुमान है कि जुलाई 2021 तक करीब 20 से 25 करोड़ लोगों को कोरोना वैक्सीन दी जाएगी। यह भी अनुमान जताया गया है कि तब तक कोरोना वैक्सीन के 40 से 50 करोड़ डोज खरीदे जाएंगे और उनका वितरण किया जाएगा। उन्होंने बताया कि सरकार इन योजनाओं को अंतिम रूप देने के समय कोरोना से संबंधित रोगप्रतिरोधक आंकड़ों पर नजर बनाए हुए है।