लखनऊ, कोरोना संक्रमण से उबरे लोगों का दिल कमजोर हो रहा है। जिन लोगों को दिल की बीमारी नहीं थी, उन्हें भी इस तरह की समस्या हो रही। 25 से 30 साल के युवा दिल की गंभीर बीमारी की चपेट में आ रहे हैं। जिसके चलते हंसते-खेलते, डांस करते अचानक फर्श पर गिरे और सांसें थम जाने की घटनाएं लगातार सामने आ रही हैं।
दिल की पंपिंग हुई कमजोर : लोहिया संस्थान में कॉर्डियोलॉजी विभाग के अध्यक्ष डॉ. भुवन चन्द्र तिवारी व अन्य डॉक्टरों की मानें तो कोरोना से उबरे लोग कई तरह की बीमारियां की चपेट में आ रहे हैं। चिकित्सा विज्ञान में इसे पोस्ट कोविड कॉर्डियक इलनेस बताया है। डॉक्टरों के मुताबिक कई मरीजों में दिल की पंपिंग कमजोर हुई है। दिल की धमनियों में दबाव बढ़ने से नसों में सिकुड़न भी आ रही है। इससे दिल में खून का प्रवाह प्रभावित हुआ है। दिल के सर्किट में तब्दीली आई है। यह बदलाव कार्डिएक अरेस्ट की वजह हो सकता है। डॉक्टरों की मानें तो ऐसे लोगों में उत्साह बढ़ने या क्षमता से अधिक काम करने से दिल अचानक थम सकता है और व्यक्ति की मौत हो सकती है।
कार्डिएक अरेस्ट की चपेट में युवा : कॉर्डियोलॉजी विभाग के डॉक्टरों के अनुसार रोजाना 8 से 10 लोग दिल का दौरा पड़ने के बाद अस्पताल लाए जा रहे हैं। इनमें 25 से 30 साल के युवाओं की संख्या करीब 70 फीसदी है। केजीएमयू में रोजाना 10 से 12 मरीज और पीजीआई में 8 से 10 मरीज दिल के दौरे पर आ रहे। डॉक्टर की सलाह है कि लोगों को नियमित व्यायाम करना चाहिए। रोजाना 30 मिनट पैदल चलना या ब्रिस्क वॉकिंग करना चाहिए। धुम्रपान और शराब के अत्याधिक सेवन से बचना चाहिए। इसका फायदा यह है कि दिल में अतिरिक्ति छोटी-छोटी धमनियों का निर्माण होता रहता है और ऐसे लोगों में दिल का दौरा पड़ने की आशंका को 25 फीसदी तक कम किया जा सकता है।