भोपाल। मध्यप्रदेश में कोविड-19 के मामलों में तेजी से हो रही बढ़ोतरी के मद्देनजर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने मंगलवार को कहा कि प्रदेश के 52 में से 43 जिलों में कोविड केयर सेंटर आरंभ हो गए हैं और इनके संचालन में स्वयंसेवी संस्थाओं और सामाजिक संगठनों का भी सहयोग लिया जाएगा। चौहान ने मीडिया प्रतिनिधियों से संवाद में कहा कि 43 जिलों में कोविड केयर सेंटर आरंभ हो गए हैं। इनमें 7,215 सामान्य बिस्तर उपलब्ध हैं। इसके अतिरिक्त हल्के लक्षणों वाले मरीजों के लिए 4,847 बिस्तरों की व्यवस्था है। प्रदेश के 9 जिलों में कोविड केयर सेंटर अभी बनने हैं।
उन्होंने कहा कि प्रदेश में संक्रमण बढ़ रहा है, खास तौर से भोपाल, इंदौर, ग्वालियर, जबलपुर में तेजी से वृद्धि हुई है। चौहान ने कहा कि नयी दिल्ली बात कर भोपाल स्थित अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) के शेष खाली बिस्तर कोविड-19 मरीजों के लिए आरक्षित किए गए हैं। भविष्य में भी एम्स में जो बिस्तर रिक्त होंगे, वे कोरोना मरीजों के लिए आरक्षित रहेंगे।
उन्होंने कहा कि कोविड-19 मरीजों के लिए बिस्तर, ऑक्सीजन, रेमडेसिविर इंजेक्शन की व्यवस्था और हर जिले में कोविड केयर सेंटर स्थापित किए जा रहे हैं। चौहान ने मीडिया से कोरोना संक्रमण रोकने के लिए जन-जागरूकता का वातावरण बनाने और विश्वास बनाए रखने में सहयोग की अपील की। उन्होंने कहा कि वे स्वयं रहवासी संघों और कॉलोनियों के प्रतिनिधियों से संवाद कर सहयोग की अपील करेंगे।
उन्होंने बताया कि कोरोना संक्रमण के विरूद्ध अभियान में जुड़े स्वयं-सेवकों का प्रशिक्षण आरंभ हो गया है। चौहान ने बताया कि भोपाल में आरकेडीएफ और पीपुल्स अस्पताल तथा इंदौर में इंडेक्स मेडिकल कॉलेज में बिस्तरों की व्यवस्था की गई है। राज्य में आज 13 अप्रैल को कोविड-19 मरीजों के लिए 36,446 बिस्तर उपलब्ध हैं। इनमें से 19,410 शासकीय और 13,036 बिस्तर निजी अस्पतालों में हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में 12 अप्रैल को 267 मीट्रिक टन ऑक्सीजन उपलब्ध कराई गई। 8 अप्रैल को 130 मीट्रिक टन ऑक्सीजन ही उपलब्ध थी। इस दिशा में प्रयास निरंतर जारी हैं। प्रदेश में ऑक्सीजन की आपूर्ति टैंकरों से होती है। टैंकरों की संख्या बढ़ाने के प्रयास किए जा रहे हैं। टैंकरों के निर्बाध आवागमन के लिए ऑक्सीजन टैंकर को एम्बुलेंस जैसी सेवा घोषित किया गया है।
उन्होंने कहा कि अस्पतालों को ऑक्सीजन की आपूर्ति के लिए मध्यप्रदेश के अपर मुख्य सचिव एसएन मिश्रा और नियंत्रक खाद्य एवं औषधि प्रशासन तथा आयुक्त खाद्य सुरक्षा पी. नरहरि को दायित्व सौंपा गया है। चौहान ने बताया कि प्रदेश में अब तक 31,000 रेमडेसिविर इंजेक्शन प्राप्त हो चुके हैं। आज 2,000 इंजेक्शन और मिलेंगे। इसके साथ ही 16 अप्रैल को 10,000 रेमडेसिविर इंजेक्शन प्राप्त होंगे।
उन्होंने कोरोना संक्रमण को रोकने में प्रदेश की जनता से सहयोग की अपील की। उन्होंने कहा कि संसाधनों की सीमा है। हमें संक्रमण से बचने के लिए एहतियात बरतने होंगे, अनावश्यक यात्राओं को टालना होगा। चौहान ने कहा कि संयम और साथ मिलकर चलने से ही हम स्थिति पर नियंत्रण पा सकेंगे। (भाषा)