नई दिल्ली, काउंसिल ऑफ साइंटिफिक ऐंड इंडस्ट्रियल रिसर्च (सीएसआईआर) और इसकी घटक प्रयोगशालाएं कोरोना वायरस के खिलाफ लड़ाई में अधिकतम समर्थन देने के लिए प्रतिबद्ध दिख रही हैं। कोविड-19 के खिलाफ सेंटर फॉर सेलुलर ऐंड मॉलिक्यूलर बायोलॉजी (सीसीएमबी) की मुहिम में अब एक और आयाम जुड़ गया है।
कोविड-19 के परीक्षण के लिए सीसीएमबी अब हैदराबाद विश्वविद्यालय के साथ मिलकर काम कर रहा है। दोनों संस्थानों की इस साझा पहल के तहत सीसीएमबी हैदराबाद विश्वविद्यालय के वालंटियर्स को कोविड-19 के परीक्षण के लिए प्रशिक्षण दे रहा है।
हैदराबाद स्थित सीसीएमबी कोविड-19 के विभिन्न आयामों पर काम कर रही है। इन आयामों में कोविड के परीक्षण के अलावा दवाओं की रिपर्पजिंग, वायरस कल्चर, वायरस की जीनोम सीक्वेंसिंग और वैक्सीन का विकास शामिल हैं। सीसीएमबी देश के उन चुनिंदा संस्थानों में से है, जिन्हें कोविड-19 के परीक्षण की जिम्मेदारी मिली है।
हैदराबाद और आसपास के इलाकों में कोविड-19 के परीक्षण के दायरे को बढ़ाने के लिए हाल में हैदराबाद विश्वविद्यालय को भी परीक्षण केंद्र के रूप में चुना गया है। विश्वविद्यालय के वालंटियर्स को सीसीएमबी के विशेषज्ञ परीक्षण के बारे में जानकारी दे रहे हैं। तकनीकी स्टाफ को आईसीएमआर से मान्यता प्राप्त आरटी-पीसीआर परीक्षण के लिए सीसीएमबी द्वारा प्रशिक्षित किया जा रहा है।
सीसीएमबी के अलावा राज्य में कोविड-19 के परीक्षण केंद्रों में उस्मानिया मेडिकल कॉलेज, गांधी अस्पताल, गवर्न्मेंट एमजीएम अस्पताल वारंगल, फीवर अस्पताल, इंस्टीट्यूट ऑफ प्रिवेंटिव मेडिसन और निजाम इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज शामिल हैं।
इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (आईसीएमआर) द्वारा सीसीएमबी को कोविड-19 के परीक्षण के लिए काफी पहले ही चुना जा चुका है। तेलंगाना के 33 जिलों के सरकारी मान्यता प्राप्त अस्पतालों से प्राप्त नमूनों का परीक्षण इस संस्थान में किया जा रहा है। कोविड-19 के परीक्षण में प्रशिक्षण देने के लिए विशेष रूप से वीडियो मैन्यूअल बनाया गया है, जिसमें चरणबद्ध तरीके से नमूनों से आरएनए को अलग करने और आरटी-पीसीआर के बारे में जानकारी दी गई है।
कोविड-19 के परीक्षण के लिए नियामक मंजूरी प्राप्त डॉक्टरों, अस्पतालों और क्लीनिकों के लिए यह मैन्यूअल निशुल्क उपलब्ध है। जिन संस्थानों को परीक्षण के लिए मंजूरी मिल चुकी है, वे इन संसाधनों को प्राप्त करने के लिए सीसीएमबी के निदेशक को सीधे ईमेल कर सकते हैं। (इंडिया साइंस वायर)