नई दिल्ली। देश में कोरोनावायरस का कहर कितनी तेजी से बढ़ रहा है। इसकी गवाही सरकारी आंकड़े चीख चीखकर दे रहे हैं। मात्र 4.5 माह में कोरोना संक्रमितों की संख्या 1 करोड़ से बढ़कर 2 करोड़ से ज्यादा हो गई।
7 अगस्त 2020 तक देश में कुल संक्रमितों की संख्या 20 लाख से ज्यादा थी जो 16 सितंबर को बढ़कर 50 लाख के पार हो गई। कोरोना की रफ्तार पर यहां भी ब्रेक नहीं लगा और देखते ही देखते 19 दिसंबर तक कोरोना ने 1 करोड़ से ज्यादा लोगों को अपनी चपेट में ले लिया।
इसके बाद नए मरीजों की संख्या में तेजी से गिरावट आई। फरवरी में एक समय ऐसा लगने लगा था कि देश से कोरोना खत्म हो रहा है। नए मरीज बहुत कम आ रहे थे। एक्टिव मरीजों की संख्या भी तेजी से कम हो रही थी। सब कुछ सामान्य होने लगा था।
अचानक देश में कोरोना की नई लहर ने तबाही मचा दी। 2 माह बाद ही यहां प्रतिदिन 3 लाख से ज्यादा मामले सामने आने लगे। 4 मई को तो देश में 4 लाख नए मरीज मिले।
पहली लहर में लगभग 130 दिनों में 80 लाख लोग कोरोना के शिकार हुए थे तो ताजा लहर में 19 दिसंबर से 4 मई तक मात्र 136 दिनों में 1 करोड़ से ज्यादा संक्रमित मिले।
नए मामले और कुल मामलों के साथ ही कोरोना के एक्टिव मरीजों की संख्या भी हैरान करने वाली है। भारत में इस समय 34,47,133 मरीजों का उपचार चल रहा है। देश में इस समय अस्पतालों की कमी है, मरीजों के लिए बेड्स नहीं है, मेडिकल ऑक्सीजन के लिए मरीज तरस रहे हैं और दवाइयों की कमी ने हजारों मरीजों को तड़प तड़प कर मरने पर मजबूर कर दिया है।