नई दिल्ली। वैज्ञानिकों का कहना है कि अवसाद, तनाव और अकेलापन शरीर की प्रतिरोधक क्षमता को कमजोर करके कोविड-19 टीके समेत विभिन्न टीकों की प्रभावकारिता को कम कर सकता है।
'पर्सपेक्टिव ऑन साइकोलॉजिकल साइंस' में प्रकाशित होने के लिए स्वीकार की गई एक रिपोर्ट के अनुसार व्यायाम और टीका लगवाने से 24 घंटे पहले रात में अच्छी नींद लेने समेत साधारण कोशिशों से टीके की प्रारंभिक प्रभावकारिता बढ़ सकती है।
अनुसंधानकर्ताओं ने कहा कि व्यापक जांच से पता चला है कि अमेरिका में वितरण के लिए मंजूर किए गए टीके मजबूत प्रतिरोधक प्रतिक्रिया पैदा करने के मामले में बेहद कारगर है। हर किसी को तत्काल इसका पूरा फायदा नहीं मिलेगा।
उन्होंने कहा कि पर्यावरण कारक, व्यक्तिगत अनुवांशिकी तथा शारीरिक एवं मानसिक परेशानियां शरीर की प्रतिरोधक क्षमता को कमजोर कर सकती हैं, जिससे टीके का असर धीमा पड़ सकता है।
अमेरिका के ओहायो विश्वविद्यालय के अनुसंधानकर्ता एनेलीज मेडिसन ने कहा कि कोविड-19 महामारी से शारीरिक दिक्कतों के साथ-साथ मानसिक दिक्कतें भी पेश आई हैं, जिसके चलते तनाव, अवसाद और अन्य संबंधित परेशानियां पैदा हुई हैं। इस तरह के भावनात्मक तनाव पैदा करने वाली परेशानियां किसी व्यक्ति की प्रतिरोधक क्षमता को प्रभावित कर सकती हैं।
इस रिपोर्ट में टीके की प्रभावकारिता और इस बात पर प्रकाश डाला गया है कि किस तरह स्वास्थ्य हालात और भावनात्मक तनाव पैदा करने वाली परेशानियां प्रतिरोधक प्रतिक्रिया विकसित करने की शरीर की क्षमता को नुकसान पहुंचा सकती हैं।
टीका प्रतिरोधक प्रणाली को चुनौती देते हुए अपना काम करता है लिहाजा टीके की प्रभावकारिता काफी हद तक प्रतिरोधक क्षमता पर निर्भर करती है। (भाषा)