दुनिया आज कोरोनावायरस (Coronavirus) कोविड-19 महामारी से जूझ रही है। तमाम दावों के बीच स्वास्थ्य व्यवस्थाएं बुरी तरह से चरमराई हुई हैं। संक्रमित मरीजों की बढ़ती संख्या के साथ ही वायरस से मौत के आंकड़े भी बढ़ते जा रहे हैं। कोरोना के बढ़ते मामलों के बीच सोशल मीडिया पर आजकल ऐसी कई खबरें या मैसेज फॉरवर्ड हो रहे हैं, जिनमें कोरोनावायरस पर भ्रम की स्थिति पैदा हो रही है।
सोशल मीडिया पर फर्जी खबरों और जानकारियों की बाढ़ आ गई है। कोरोना के इलाज के देसी नुस्खे और दवाइयां बताई जा रही हैं। ऐसे मैसेज से भय और डर का माहौल बन रहा है। कोरोना से जंग लड़ रहे मरीजों के लिए यह वक्त हौसलाअफजाई का है।
सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म का प्रयोग सकारात्मक रूप से किया जा सकता है। महामारी के भयावह माहौल में जान से खिलवाड़ न करते हुए ऐसे मैसेज और जानकारी को फॉरवर्ड करने के बजाए उसके सचाई और सोर्स का पता लगाएं। फिजूल का ज्ञान किसी के जीवन के लिए घातक बन सकता है।
कोरोना से जूझ रहे लोगों को भी ऐसे मैसेज के प्रति सावधान रहना होगा। किसी भी मैसेज में बताई दवाई और घरेलू उपचार से पहले डॉक्टर की सलाह लें।
कोरोना से जंग लड़ रहे लोगों को यह वक्त हौसला देने का है, न कि ज्ञान बांटने का। हमें सोशल मीडिया पर भी सकारात्मक माहौल बनाना होगा ताकि जल्द से जल्द यह कोरोना महामारी को खत्म किया जा सके।