वॉशिंगटन। कोरोना वायरस महामारी के कारण पैदा हालात से निपटने में अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की भूमिका और संवाददाताओं पर उनकी तीखी टिप्पणी अमेरिकी मीडिया में सुर्खिंयां बटोर रही हैं। एक अग्रणी अखबार ने तो यहां तक टिप्पणी की है कि वे अमेरिकी इतिहास के सबसे खराब राष्ट्रपति हैं।
'सीएनएन' की एक रिपोर्ट के मुताबिक ट्रंप संवाददाता सम्मेलन में इन दिनों बचाव की मुद्रा में आ जाते हैं और तुरंत अपना आपा खो देते हैं। कोरोना वायरस संकट से निपटने में सरकार की कमियों के बारे में सवालों को भी वे अनसुना कर देते हैं। अमेरिका में कोरोना वायरस से 12,700 लोगों की मौत हो चुकी है और 1,38,000 लोग संक्रमित हुए हैं।
सोमवार को ट्रंप ने स्वास्थ्य और मानव सेवा विभाग के एक अनुभवी अधिकारी की एक रिपोर्ट को बकवास बताया जिसमें उन्होंने देश में अस्पतालों में दवाओं की आपूर्ति में कमी की बात कही थी। ट्रंप ने कहा कि अधिकारी का बयान राजनीति से प्रेरित है।
संवाददाता सम्मेलन के दौरान मौजूदा हालात पर उठाए जाने वाले सवालों पर भी ट्रंप असहज हो जाते हैं। महामारी के कारण अब तक के सबसे बड़े संकट के समय उनके नेतृत्व पर उठते सवालों से भी वे नाखुशी जताते हैं।
वायरस के लिए समुचित मात्रा में जांच नहीं होने के सवाल पर ट्रंप ने कहा कि हम संघीय सरकार हैं। हम नहीं मानते कि जांच के लिए चौराहे पर खड़े हो जाएं। 'न्यूयार्क टाइम्स' की एक खबर में कहा गया है कि ट्रंप कोरोना वायरस महामारी से पैदा चुनौती का सामना नहीं कर पा रहे हैं। 'वॉशिंगटन पोस्ट' की एक रिपोर्ट के मुताबिक महामारी से निपटने में उनकी लापरवाही से साबित हो गया है कि वे अमेरिकी इतिहास के सबसे खराब राष्ट्रपति हैं।
बहरहाल, ट्रंप भी अखबारों पर हमला करने का कोई मौका नहीं छोड़ते और 'न्यूयॉर्क टाइम्स' और 'वॉशिंगटन पोस्ट' को 'फेक न्यूज' का स्रोत बताते रहे हैं। (भाषा)