नई दिल्ली। केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री डॉ. हर्षवर्धन (Dr. Harshvardhan) ने गुरुवार को विश्व स्वास्थ्य संगठन दक्षिण पूर्व एशिया क्षेत्र के 73वें सत्र में हिस्सा लेते हुए कोविड-19 आपात तैयारियों पर मंत्रियों की गोलमेज बैठक में कोरोना से निपटने में भारत के प्रयासों की चर्चा की।
वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से हुए कार्यक्रम में दूसरे दिन विश्व स्वास्थ्य संगठन दक्षिण पूर्व एशिया क्षेत्रीय कार्यालय की निदेशक डॉ. पूनम खेत्रपाल सिंह, विश्व स्वास्थ्य सगंठन के भारत में प्रतिनिधि और डब्ल्यूएचओ स्वास्थ्य आपात कार्यक्रम के क्षेत्रीय आपात निदेशक डॉ. रोडरिको ओफरिन भी उपस्थित रहे।
डॉ. हर्षवर्धन ने कोविड-19 आपात तैयारियों पर पहली बार उन 3 महत्वपूर्ण हस्तक्षेप पर चर्चा की, जिनका इस्तेमाल भारत में कोविड-19 के प्रबंधन और गैर-कोविड स्वास्थ्य सेवाएं जारी रखने के लिए किया गया था। उन्होंने स्वास्थ्य में अधिक निवेश और स्वास्थ्य आपात तैयारियों तथा अंतरराष्ट्रीय स्वास्थ्य विनियमों की क्षमता सुनिश्चित करने के लिए रणनीति पर चर्चा की। इस दौरान भारत में सार्स – सीओवी-2 के संक्रमण को इस वर्ष जनवरी से रोकने तथा बचाव के जनस्वास्थ्य उपायों पर चर्चा की गई।
उन्होंने बताया कि केन्द्र सरकार ने यात्रा परामर्श जारी करने, विदेशों से आने वाले यात्रियों में से कोविड-19 के पुष्ट पाए गए लोगों की क्वारंटीन सुविधाओं के विकास, सामुदायिक स्तर पर दिशा-निर्देश जारी करने और जांच केन्द्रों की वृद्धि करने, सभी संदिग्ध मामलों की पहचान और जांच करने, लक्षणरहित से लेकर हल्के, मध्यम और गंभीर मामलों के उपचार के लिए कोविड केयर सेंटर विशेष कोविड स्वास्थ्य केन्द्र और विशेष कोविड अस्पताल के रूप में त्रिस्तरीय स्वास्थ्य उपचार केन्द्र स्थापित करने जैसे उपाय किए।
डॉ. हर्षवर्धन ने कोविड-19 के रोगियों के उपचार के लिए आवश्यक पीपीई, वेंटीलेटर और अन्य चिकित्सा मदों की देश में विनिर्माण क्षमता बढ़ाने का जिक्र करते हुए कहा कि इससे भारत में स्वास्थ्य क्षेत्र को फायदा हुआ। उन्होंने कहा कि भारत ने संक्रमण नियंत्रण और रोकथाम, जांच प्रोटोकॉल, नैदानिक प्रबंधन और जैव चिकित्सा कचरा प्रबंधन तथा कोविड और गैर-कोविड स्वास्थ्य केन्द्रों में अपनाए जाने वाले दिशा-निर्देश विकसित किए।
उन्होंने राज्यों और केन्द्र शासित प्रदेशों के लिए वेब आधारित पोर्टल के विकास का उल्लेख किया, जिनसे जांच, अस्पताल में भर्ती, मरीजों को छुट्टी देने, मृत्यु और कोविड-19 के रोगियों के लिए चिकित्सा मदों की आवश्यकता के भावी अनुमान की सूचना और जानकारी तेजी से दी जा सकती है। सभी राज्यों और केन्द्र शासित प्रदेशों को गैर-कोविड आवश्यक स्वास्थ्य देखभाल सेवाओं की सूचना प्रदान करने के लिए निर्देश भी जारी किए गए।
घोषणा-पत्र को स्वीकार किया : समापन पर सदस्य देशों ने दक्षिण पूर्व एशिया क्षेत्र में कोविड-19 की सामूहिक कार्रवाई पर घोषणापत्र स्वीकार किया। इस घोषणापत्र पर सभी सदस्य देशों के स्वास्थ्य मंत्रियों ने सहमति दी और इस सत्र की अध्यक्षता थाइलैंड के उप प्रधानमंत्री तथा स्वास्थ्य मंत्री अनुतिन चरनविराकुल ने की।
इसमें कहा गया है कि सदस्य देश कोविड-19 और गैर-कोविड-19 दोनों स्थितियों में जनता की गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवाओं तक पहुंच के लिए सुरक्षा चक्र के रूप में सार्वभौम स्वास्थ्य कवरेज और प्राथमिक स्वास्थ्य देखभाल के महत्व के प्रति संकल्पबद्ध हैं। सभी देश सार्वभौम स्वास्थ्य कवरेज और प्राथमिक स्वास्थ्य देखभाल में निवेश की प्राथमिकता की आवश्यकता पर जोर देते हैं, ताकि निर्बल लोगों समेत सभी जनता के लिए सभी आवश्यक स्वास्थ्य सेवाओं तक महामारी के दौरान बिना किसी वित्तीय बाधा के एक समान पहुंच सुनिश्चित की जा सके। (वार्ता)