हैदराबाद। डॉ. रेड्डीज लैब ने शुक्रवार को कोरोनावायरस (Coronavirus) कोविड-19 की वैक्सीन स्पुतनिक वी को भारतीय बाजार में सादे ढंग से पेश किया और दवा कंपनी के वरिष्ठ कार्यपालक दीपकसपरा ने पहला टीका लगवाया। कंपनी ने कहा कि इस आयातित दवा की एक खुराक का खुदरा मूल्य 948 रुपए है। इस पर 5 प्रतिशत की दर से जीएसटी के साथ टीके का मूल्य 995.40 रुपए प्रति खुराक बैठता है।
डॉ. रेड्डीज लैबोरेटरीज ने एक वक्तव्य में कहा, आयातित टीके की वर्तमान में कीमत 948 रुपए और इसके ऊपर पांच प्रतिशत की दर से जीएसटी देय होगा। स्थानीय स्तर पर इसका उत्पादन शुरू होने के बाद दाम में कुछ कमी आ सकती है।
डॉ. रेड्डीज के सीईओ ब्रांड बाजार (भारत और उभरते बाजार) एमवी रमना ने कहा, मौजूदा कीमतें आरडीआईएफ (रूसी प्रत्यक्ष निवेश कोष) से आयातित कीमत पर आधारित हैं और हम विभिन्न राज्य सरकारों के साथ चर्चा कर रहे हैं, हालांकि अभी मात्रा तय नहीं हुई है, हम आरडीआईएफ के साथ चर्चा कर रहे हैं और हमें उम्मीद है कि दो महीनों में आरडीआईएफ से 3.6 करोड़ खुराकें मिलेंगी।
मेरे पास साझा करने के लिए बहुत स्पष्ट मासिक योजना नहीं है। उन्होंने वैक्सीन की कीमत को सही ठहराते हुए कहा कि इसे आयात और लोगों तक पहुंचाने की लागत के आधार पर तय किया गया है। उन्होंने कहा कि स्थानीय विनिर्माण शुरू होने के बाद कीमत में कमी आ सकती है। आरडीआईएफ ने वैक्सीन के निर्माण के लिए छह भारतीय दवा कंपनियों के साथ गठजोड़ किया है।
उन्होंने बताया कि स्पुतनिक वी को शून्य से 18 डिग्री सेंटीग्रेड नीचे संग्रहित करने की जरूरत है। कंपनी ने कहा कि रूस से आयातित टीके स्पुतनिक वी की पहली खेप एक मई को भारत पहुंची। इस टीके को केन्द्रीय दवा प्रयोगशाला, कसौली से 13 मई 2021 को मंजूरी मिली।
इस दवा की और खेप आने वाले महीनों में भारत पहुंचने वाली है। उसके बाद भारतीय विनिर्माता भागीदारों से भी इसकी आपूर्ति शुरू हो जाएगी।डॉ.. रेड्डीज लैब ने कहा कि टीके की समय पर और निर्बाध आपूर्ति के लिए वह भारत में अपने छह फर्मों के साथ संपर्क में है।
हैदराबाद स्थित कंपनी ने कहा कि वह राष्ट्रीय टीकाकरण अभियान में सहयोग के लिए सरकार और निजी क्षेत्र के साथ मिलकर काम करेगी ताकि स्पुतनिक वी टीके को व्यापक स्तर पर पहुंचाया जा सके। डॉ. रेड्डीज के सह-अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक जीवी प्रसाद ने कहा, भारत में कोरोनावायरस के बढ़ते मामलों के बीच कोविड-19 से लड़ने में टीकाकरण सबसे प्रभावी हथियार है।
भारत में टीकाकरण अभियान में भागीदारी निभाने के जरिए भारतीयों को स्वस्थ और सुरक्षित रखने में मदद करना हमारी सबसे बड़ी प्राथमिकता है।देश में अब तक केवल दो टीकों को इस्तेमाल में लाया जा रहा है। भारत बायोटेक की कोवैक्सीन और सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया द्वारा बनाई जा रही कोविशील्ड ही मुख्य तौर पर इस्तेमाल में लाई जा रही है।
केन्द्र सरकार ने गुरुवार को कहा कि अगस्त से दिसंबर 2021 की पांच माह की अवधि में दो अरब से अधिक टीके देश में उपलब्ध होंगे जो कि समूची आबादी को टीका लगाने के लिए काफी होंगे।(भाषा)