नई दिल्ली। देश में कोविड-19 का टीकाकरण शुरू होने से पहले दिल्ली में कोरोनावायरस के पहले मरीज ने सोमवार को लोगों से बिना संकोच टीका लगवाने और इसके बारे में नकारात्मक बातें करने वालों या गलत जानकारी देने वालों की ना सुनने की अपील की है। भारत में 16 जनवरी से कोविड-19 टीकारकरण अभियान शुरु होगा। दिल्ली में 1 मार्च को संक्रमित पाए गए रोहित दत्ता ने कहा कि यह अवास्तविक लगता है।
शहर के पहले कोविड-19 के मरीज ने कहा कि कुछ महीने पहले तक हम संघर्ष कर रहे थे। बड़ी संख्या लोगों की मौत हो रही थी। अज्ञात वायरस का डर चरम सीमा पर था। हमारे डॉक्टरों, नर्सों और अन्य स्वास्थ्यकर्मियों ने 2020 में एक कठिन लड़ाई लड़ी इसलिए कोरोना योद्धा ही इसकी पहली खुराक के हकदार हैं।
पेशे से व्यपारी दत्ता (46) दिल्ली के मयूर विहार में रहते हैं। उन्होंने टीका बनाने के लिए प्रयोगशालाओं में दिन-रात मेहनत करने वाले वैज्ञानिकों की भी तारीफ की। उन्होंने कहा कि जब मैं कोरोनावायरस से संक्रमित हुआ था, तब कई लोग खुद ही चिकित्सक विशेषज्ञ बन गए थे और नए वायरस पर अपनी अलग-अलग राय दे रहे थे। कई लोगों ने इसको लेकर गलत जानकारियां भी दीं। तब वैज्ञानिक भी इस नए वायरस का समझने की कोशिश ही कर रहे थे। अब कोविड-19 टीके के साथ भी यही हो रहा है।
चमड़े के व्यपारी ने कहा कि कई लोग इसके लगने से पहले इसको लेकर गलत जानकारियां फैला रहे हैं। हमें अपने वैज्ञानिकों को एक मौका देना चाहिए। भारत के औषधि नियामक ने सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया के ऑक्सफोर्ड कोविड-19 टीका कोविशील्ड और भारत बायोटेक के स्वदेश में विकसित टीके कोवैक्सीन के देश में सीमित आपात इस्तेमाल को मंजूरी दी है।
दत्ता ने कहा कि मैं अपने साथी नागरिकों से अपील करना चाहूंगा कि जब भी मौका मिले, टीका लगावाने में संकोच ना करें। इंग्लैंड की रानी और उनके पति प्रिंस फिलिप ने भी टीका लगवाया है और भारतीय नेताओं को भी इसी तरह का उदाहरण पेश करना चाहिए ताकि लोगों में विश्वास कायम किया जा सके। (भाषा)