Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
Friday, 18 April 2025
webdunia

Covid-19 : भारत में पहली बार एक दिन में 6,000 से ज्यादा मामले सामने आए

Advertiesment
हमें फॉलो करें Corona virus
, शनिवार, 23 मई 2020 (02:34 IST)
नई दिल्ली। देश में पहली बार एक दिन में कोरोना वायरस से संक्रमण के 6,000 से ज्यादा मामले आने के साथ ही अभी तक संक्रमित हुए लोगों की संख्या शुक्रवार को करीब 1.22 लाख पहुंच गई। वहीं सरकार का कहना है कि वायरस संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए देश में 25 मार्च से लागू लॉकडाउन अत्यंत प्रभावी रहा है और यदि ऐसा नहीं किया गया होता तो अभी तक संक्रमित हुए लोगों की संख्या 30 लाख तक पहुंच गई होती।
 
हालांकि, इसबीच आरबीआई का कहना है कि शुरुआती दिनों में कोविड-19 महामारी के कारण अर्थव्यवस्था को होने वाले नुकसान का जो आकलन किया गया था उसके मुकाबले इसका प्रभाव बहुत व्यापक और गंभीर हुआ है।
 
गौरतलब है कि चीन में दिसंबर में कोविड-19 का पहला मामले आने के बाद से दुनिया भर में 51.3 लाख लोग इस जानलेवा वायरस से संक्रमित हुए हैं जबकि करीब 3.3 लाख लोग की संक्रमण से मौत हुई है।
 
विभिन्न अध्ययनों और अनुसंधानों का हवाला देते हुए सरकारी अधिकारियों का भी कहना है कि कोविड-19 महामारी उन्मूलन के लिए यदि ‘‘समय पर, चरणबद्ध तरीके से, अग्रसक्रिय और पहले से स्थिति भांप कर सार्वजनिक स्वास्थ्य संबंधी उपाय’’ के रूप में लॉकडाउन लागू नहीं किया गया होता तो भारत में करीब 2.1 लाख लोगों की कोरोना वायरस संक्रमण से मौत हो गई होती।
 
केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से आज सुबह 8 बजे जारी बुलेटिन के अनुसार, देश में पिछले 24 घंटे (गुरुवार सुबह आठ बजे से शुक्रवार सुबह आठ बजे तक) में संक्रमण से 148 और लोगों की मौत होने के साथ ही देश में कोविड-19 से मरने वालों की संख्या बढ़कर 3,583 हो गई है जबकि संक्रमण के 6,088 नए मामले सामने आने के बाद संक्रमित लोगों की कुल संख्या बढ़कर 1,18,447 हो गई है। 
 
मंत्रालय ने बताया कि देश में 66,330 संक्रमित लोगों का उपचार चल रहा है, संक्रमित हुए 48,533 लोग अब स्वस्थ हो गए हैं और एक मरीज विदेश चला गया है। 

लेकिन शुक्रवार रात नौ बजकर 20 मिनट तक विभिन्न राज्यों और केन्द्र शासित प्रदेशों द्वारा घोषित कोविड-19 आंकड़ों के अनुसार, देश में अभी तक कुल 1,22,656 लोग संक्रमित हुए हैं, 3,634 लोगों की मौत हुई है जबकि इलाज के बाद 51,000 से ज्यादा लोग इस संक्रमण से मुक्त हुए हैं।
webdunia
देश में कोरोना वायरस संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए 25 मार्च से ही राष्ट्रव्यापी लॉकडाउन लागू है। इसका चौथा चरण 18 मई से शुरू हुआ है और 31 मई तक जारी रहेगा, हालांकि इस चरण में अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने के लिए सरकारों (केन्द्र और राज्य) ने काफी रियायतें दी हैं।
 
अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने के लिए ना सिर्फ आर्थिक गतिविधियों को रियायत दी गई है बल्कि चरणबद्ध तरीके से सोमवार, 25 मई से घरेलू उड़ानों को भी छूट दे दी गई है।
 
इन सबके बीच भारतीय रिजर्व बैंक ने शुक्रवार को कहा कि बृहद आर्थिक परिस्थितियों पर कोविड-19 का जो प्रभाव पड़ा है वह पहले किए गए आकलन की तुलना में बहुत गंभीर है और अर्थव्यवस्था के विभिन्न क्षेत्रों की हालत बहुत खराब है।
 
केन्द्रीय बैंक ने यह भी कहा कि आर्थिक और वित्तीय गतिविधियां ही बर्बाद नहीं हुई हैं, जीविका और स्वास्थ्य भी गंभीर रूप से प्रभावित हुआ है।
 
कई विशेषज्ञों और अर्थशास्त्रियों ने चेतावनी दी है कि अगर राष्ट्रव्यापी लॉकडाउन जारी रहा तो उसके कारण आने वाले दिनों में अर्थव्यवस्था में गंभीर सुस्ती का दौर आएगा। गौरतलब है कि 25 मार्च को महज 21 दिन के लिए लागू हुआ लॉकडाउन तीन बार बढ़ाया जा चुका है।
 
नीति आयोग के सदस्य (स्वास्थ्य) और एक महत्वपूर्ण उच्चाधिकार प्राप्त समूह के अध्यक्ष डॉक्टर वी. के. पॉल ने कोविड-19 हालात पर आयोजित संवाददाता सम्मेलन में कहा कि भारत में समय पर, चरणबद्ध तरीके से, अग्रसक्रिय और पहले से स्थिति भांपकर सार्वजनिक स्वास्थ्य संबंधी उपाय के रूप में लॉकडाउन को लागू किया गया और यह सरकार की व्यापक नीति और रणनीति का हिस्सा था।
 
बॉस्टन कंसल्टिंग ग्रुप के एक मॉडल के आधार पर उन्होंने बताया कि लॉकडाउन ने 1.2 से 2.1 लाख लोगों की जान बचाई है वहीं 36 से 70 लाख लोगों को कोरोना वायरस से संक्रमित होने से भी बचाया है।

श्रीवास्तव ने कहा कि पब्लिक हेल्थ फाउंडेशन ऑफ इंडिया के मॉडल के अनुसार, लॉकडाउन के कारण करीब 78,000 लोगों की जान बची है। उन्होंने दो और स्वतंत्र अर्थशास्त्रियों के मॉडल का हवाला देते हुए बताया कि लॉकडाउन ने करीब 23 लाख लोगों को कोरोना वायरस से संक्रमित होने और करीब 68,000 लोगों को संक्रमण से मरने से बचाया है।
 
स्वास्थ्य मंत्रालय में संयुक्त सचिव लव अग्रवाल ने शुक्रवार को संवाददाता सम्मेलन में कहा कि अभी तक कोविड-19 के 48 हजार 534 व्यक्ति संक्रमण मुक्त हो चुके हैं जो कुल मामलों का करीब 41 फीसदी है।उन्होंने कहा कि पिछले 24 घंटे में 3234 रोगी उपचार के बाद संक्रमण मुक्त हुए हैं।
webdunia

अग्रवाल ने बताया कि कोविड-19 के कारण मृत्यु दर 19 मई को 3.13 फीसदी से कम होकर 3.02 फीसदी हो गई है क्योंकि अब ध्यान इसे रोके जाने के उपायों और मामलों के क्लीनिक प्रबंधन पर है।
 
आईसीएमआर के एक अधिकारी के मुताबिक शुक्रवार को दोपहर एक बजे तक कोविड-19 के लिए 27 लाख 55 हजार 714 जांच किए गए हैं जिसमें एक लाख तीन हजार 829 जांच एक दिन में किए गए। अधिकारी ने बताया कि पिछले चार दिनों में हर दिन कोविड-19 के एक लाख से अधिक जांच किए गए हैं।
 
वी. के. पॉल ने कहा कि कोरोना वायरस के मामलों में चार अप्रैल से काफी कमी आई है, जब लॉकडाउन के कारण मामलों की संख्या में बढ़ोतरी पर लगाम लगी।पॉल ने कहा कि भारत में कोविड-19 के मामले कुछ क्षेत्रों तक ही सीमित रहे और 80 फीसदी सक्रिय मामले सिर्फ पांच राज्यों में हैं।
 
उन्होंने कहा कि कोविड-19 से मौत के करीब 80 फीसदी मामले महाराष्ट्र, गुजरात, मध्यप्रदेश, पश्चिम बंगाल और दिल्ली में रहे हैं। महाराष्ट्र कोरोना वायरस से ज्यादा प्रभावित है। राज्य में एक दिन में सबसे ज्यादा 2,940 नए मामले आए हैं और अभी तक 44,852 लोगों के कोरोना वायरस से संक्रमित होने की पुष्टि हुई है।
 
राज्य में इस वायरस संक्रमण से अभी तक कुल 1,517 लोगों की मौत हुई है। गौरतलब है कि राज्य में लगातार छह दिन से संक्रमण के 2,000 से ज्यादा मामले सामने आ रहे हैं।लॉकडाउन के दौरान आज पहली बार शुरू हुई बस सेवा में महाराष्ट्र में 457 रूट पर 11,151 यात्रियों ने यात्रा की। एमएसआरटीसी के अधिकारियो ने यह जानकारी दी।
 
राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली की हालत भी कुछ ऐसी ही है। यहां भी एक दिन में 660 नए मामले आए हैं और अभी तक कुल 12,319 लोग कोरोना वायरस से संक्रमित हुए हैं। राजधानी में अभी तक 208 लोगों की संक्रमण से मौत हुई है।
 
गुजरात में आज कोविड-19 के 363 नए मामले सामने आने के साथ ही राज्य में अभी तक कोरोना वायरस से संक्रमित हुए लोगों की संख्या बढ़कर 13,273 हो गई है। राज्य की प्रधान सचिव (स्वास्थ्य) जयंती रवि ने बताया कि पिछले 24 घंटे में और 29 संक्रमित लोगों की मृत्यु हो गई जिससे इस रोग से मरने वालों की संख्या अब 802 हो गई है।
 
राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) के एक अधिकारी के कोरोना वायरस से संक्रमित होने की पुष्टि हुई है और यह बल में संक्रमण का पहला मामला है। वहीं सीएपीएफ में कोरोना वायरस संक्रमण के 43 नए मामले सामने आए हैं।

केन्द्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ), भारत-तिब्बत सीमा पुलिस (आईटीबीपी), सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ), केन्द्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (सीआईएसएफ) और सशस्त्र सीमा बल (एसएसबी) वाले केन्द्रीय सशस्त्र पुलिस बल में बृहस्पतिवार से अभी तक कुल 43 नए मामले सामने आए हैं। (भाषा)

Share this Story:

Follow Webdunia Hindi

अगला लेख

ICC Guideline : अभ्यास के दौरान शौचालय नहीं जा पाएंगे खिलाड़ी, अंपायर को नहीं सौंप सकते कैप