नई दिल्ली। कोरोनावायरस (Coronavirus) कोविड-19 दवाओं के वितरण को लेकर दिल्ली उच्च न्यायालय की आलोचना का सामना कर रहे भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) सांसद गौतम गंभीर ने बुधवार को कहा कि भले ही उनके खिलाफ हजारों जनहित याचिकाएं दायर की जाएं, लेकिन वह लोगों की जान बचाना जारी रखेंगे।
पूर्वी दिल्ली से भाजपा सांसद ने कहा कि उन्होंने वही किया जो उन्हें लोगों की सेवा के लिए आवश्यक लगा और वे किसी भी सजा का सामना करने के लिए तैयार हैं। गंभीर ने एक सवाल के जवाब में कहा, मैंने जो दवाएं बांटी थीं, वे उस समय की जरूरत थीं। एक नहीं यदि मेरे खिलाफ हजारों जनहित याचिकाएं दायर की जाएं तो भी मैं लोगों की सेवा करता रहूंगा और उनकी जान बचाने की कोशिश करता रहूंगा।
उन्होंने कहा कि वे अदालत के फैसले को स्वीकार करेंगे। उन्होंने कहा कि जब भी ऐसा अवसर आएगा वे फिर से ऐसा करेंगे। उन्होंने कहा, सवाल यह भी पूछा जाना चाहिए कि दिल्ली में दुकानों पर दवाएं क्यों नहीं उपलब्ध थीं और अस्पताल में बिस्तरों और ऑक्सीजन की कमी क्यों थी। मैं लोगों की सेवा करने के लिए राजनीति में आया हूं, जो मैंने की।
अदालत ने किल्लत के बीच कोविड-19 दवाओं को राजनीतिज्ञों द्वारा थोक में खरीदने के मुद्दे की जांच करने के लिए सोमवार को दवा नियंत्रण को निर्देश दिए थे। गंभीर अपने निर्वाचन क्षेत्र के लोगों को ऑक्सीजन सिलेंडर, सांद्रक और कोविड दवा फैबीफ्लू के वितरण में शामिल रहे हैं।
दिल्ली पुलिस ने अदालत के आदेश के तहत इस संबंध में उनका बयान भी मांगा है। गंभीर ने कहा कि वह लोगों के जीवन को बचाने के लिए हरसंभव प्रयास करेंगे। उन्होंने कहा कि मानवता उनके लिए सबसे बड़ा धर्म है।(भाषा)