रुपाली बर्वे एवं समीर सिद्धश्वेर
कोरोना वायरस (Corona Virus) के संक्रमण के बीच अब व्यापार-व्यवसाय भी धीरे-धीरे शुरू हो रहा है। महाराष्ट्र के सांस्कृतिक शहर पुणे में भी दुकानें, रेस्टोरेंट, खाद्य सामग्री बनाने वाली फैक्ट्रियां शुरू हो चुकी हैं। लेकिन, इसके साथ ही अब नया संकट शुरू हो गया है। वर्करों के अभाव में व्यवसायियों के लिए काम करना मुश्किल हो गया है।
मुंबई, पुणे, नागपुर जैसे महाराष्ट्र के बड़े शहरों से बड़ी मात्रा में वर्कर पलायन कर चुके हैं। कई मजदूर तो अपने घरों तक भी नहीं पहुंचे हैं। अभी भी घर पहुंचने की आस में पैदल चल रहे हैं। इस बीच, यहां काम शुरू हो गया है। आपको बता दें कि पुणे में संक्रमित लोगों की संख्या 3 हजार 598 है, जबकि इनमें से 199 लोगों की मौत हो चुकी है। 1800 के करीब लोग स्वस्थ होकर अपने घरों को जा चुके हैं।
रेड जोन को छोड़कर पुणे के ज्यादातर इलाकों में सुबह 7 बजे से लेकर शाम 7 बजे तक कारोबार शुरू हो चुका है। छोटी दुकानें खुल चुकी हैं। रेस्टोरेंट भी खुल गए हैं, लेकिन फिलहाल वहां खाने की व्यवस्था नहीं है। लोग वहां से खाने के सामान पैक करवाकर ले जा सकते हैं। होम डिलेवरी की शुरुआत भी हो चुकी है। पब्लिक ट्रांसपोर्ट के साथ ही शॉपिंग सेंटर और मॉल्स पूरी तरह बंद रहेंगे।
जानकारी के मुताबिक सीमित कर्मचारियों के साथ निजी दफ्तर भी शुरू हो चुके हैं। शराब की होम डिलेवरी शुरू की गई है, लेकिन एमआरपी से ज्यादा मूल्य पर इसे नहीं बेचे जाने के निर्देश हैं। यही कारण है कि शराब की दुकानों पर भीड़ घट गई है। स्ट्रीट फूड फिलहाल पूरी तरह बंद रहेगा। पेट्रोल पंप खुल गए हैं, लेकिन एक बार में दो वाहनों में पेट्रोल भरा जा सकेगा। इसी दौरान, पेट्रोल पंप पर लंबी-लंबी लाइनें देखी गईं। हर किसी को अपनी बारी आने का इंतजार था।
नए माहौल में लोग पूरी सतर्कता भी बरत रहे हैं। मास्क का उपयोग कर रहे हैं। शहर की एक नामी खाद्य, डेयरी व मिठाई की दुकान में टैंपरेचर चेक करने बाद ही ग्राहक को भीतर प्रवेश दिया जा रहा है। शहर में कंटेनमेंट जोन भी पहले की तुलना में बढ़ गए हैं। 66 से बढ़कर अब इनकी संख्या 99 हो गई है।
पिंपरी चिंचवड़ में नमकीन फैक्ट्री के मालिक चिन्मय जांभेकर ने वेबदुनिया से बातचीत में बताया कि वर्करों के पलायन के कारण रेस्टोरेंट और फूड फैक्ट्रीज का कामकाज काफी प्रभावित हुआ। आने वाले समय में बिजनेस पर इसका व्यापक असर देखने को मिलेगा। इसके साथ ही रॉ फूड मटेरियल सप्लाय कम होने की वजह से भी दिक्कत आ रही है।
जांभेकर ने बताया कि दुकानों पर सोशल डिस्टेंसिंग का पालन हो रहा है, वहीं कुछ व्यवसायी अब भी दुकान खोलने से डर रहे हैं। कोरोना के डर से कई स्थानों पर दुकानदारों ने दुकान के बाहर रस्सी बांध दी है ताकि लोग दुकान में न घुसें। वे उन्हें बाहर से ही सामान दे रहे हैं। पिज्जा, बर्गर आदि खाने की वस्तुओं की होम डिलेवरी भी शुरू हो चुकी है। नए माहौल में लोगों ने भी खुद को ढालना शुरू कर दिया है।