नई दिल्ली। कोरोनावायरस (Coronavirus) जनित महामारी की संभावित तीसरी लहर से निपटने को तैयार दिल्ली के कई निजी अस्पतालों ने ऑक्सीजन उत्पादन करने वाले अपने प्लांट लगाने शुरू कर दिए हैं। गौरतलब है कि महामारी की दूसरी लहर के दौरान शहर में ऑक्सीजन संकट पैदा हो गया था जिसके कारण जयपुर गोल्डन अस्पताल और बत्रा अस्पताल समेत कई अस्पतालों में ऑक्सीजन की किल्लत से मरीजों की मौत हो गई थी।
हाल ही में स्वास्थ्य सेवा महानिदेशालय ने सौ से अधिक बिस्तरों वाले सभी निजी अस्पतालों से अपने प्रेशर स्विंग एब्सॉर्पशन (पीएसए) ऑक्सीजन प्लांट लगाने, प्लांट को रिफिल करने या सामान्य आवश्यकता से दोगुना अधिक ऑक्सीजन उत्पादन करने वाला ढांचा बनाने को कहा था।
पचास से 90 बिस्तरों वाले अस्पतालों और नर्सिंग होम को ऑक्सीजन की सामान्य आवश्यकता को पूरा करने के लिए पर्याप्त अवसंरचना का निर्माण करने को कहा गया है। सरोज सुपर स्पेशलिटी के कार्यकारी निदेशक डॉ. पीके भारद्वाज ने बताया कि 250 बिस्तरों वाले अस्पताल में 10 दिन पहले ऑक्सीजन उत्पादक प्लांट लगाया गया।
जयपुर गोल्डन अस्पताल के चिकित्सा निदेशक डॉ. डीके बलूजा ने कहा कि सभी परिसरों में पीएसए प्लांट तीन महीने में काम करना शुरू कर देंगे। इस अस्पताल में 24 अप्रैल को ऑक्सीजन की कमी होने के चलते कोविड-19 से गंभीर रूप से पीड़ित 20 मरीजों की मौत हो गई थी।
बत्रा अस्पताल के कार्यकारी निदेशक सुधांशु बनकटा ने कहा कि उनका अस्पताल एक विश्वसनीय आपूर्तिकर्ता ढूंढने की प्रक्रिया में है। बत्रा में पांच सौ बिस्तर हैं और इस अस्पताल में एक मई को ऑक्सीजन की कमी से आठ मरीजों की जान चली गई थी।
माता चानन देवी अस्पताल के चिकित्सा निदेशक डॉ. एसी शुक्ला ने कहा कि महामारी की दूसरी लहर में दिल्ली में ऑक्सीजन की कमी का सामना किया गया था, जिसके चलते आज हर अस्पताल में पीएसए लगाना जरूरी हो गया है।(भाषा)