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फ्री में कैसे, कब और कहां लगवाएं कोरोना का ‘बूस्टर डोज, क्‍यों है बूस्‍टर डोज लेना जरूरी?

हमें फॉलो करें फ्री में कैसे, कब और कहां लगवाएं कोरोना का ‘बूस्टर डोज, क्‍यों है बूस्‍टर डोज लेना जरूरी?
, शनिवार, 16 जुलाई 2022 (17:36 IST)
बूस्‍टर डोज के लिए लोगों के पास मैसेज आने लगे हैं। इधर कोरोना के ग्राफ में भी तेजी देखी गई है। ऐसे में जानना जरूरी है कि बूस्‍टर डोज कहां और कैसे लगवाए जाए। साथ ही कैसे निशुल्‍क बूस्‍टर डोज लगाना है। आइए जानते हैं इन सारे सवालों के जवाब।

दरअसल, स्‍वास्‍थ्‍य मंत्रालय के नए आदेशों के मुताबिक 18 से 59 साल की उम्र के लोग कोरोना का बूस्टर डोज मुफ्त में लगवा सकते हैं। पहले ये डोज 9 महीने के अंतराल पर लग रहे थे। अब 6 महीने के बाद लगाया जा सकता है।

कब लगेगी बूस्‍टर डोज?
दरअसल, ICMR के साथ ही दूसरी स्टडी में सामने आया है कि कोरोना वैक्सीन की दोनों डोज लेने के करीब 6 के महीने बाद शरीर में एंटीबॉडी का स्‍तर कम हो जाता है। इसलिए बूस्टर डोज लेना जरूरी है। ऐसे में आजादी का अमृत महोत्‍सव के तहत निशुल्‍क बूस्टर डोज लगाने का काम 15 जुलाई से शुरू हो गया है। यह सुविधा अगले 75 दिनों के लिए होगी।

कहां लगेगी निशुल्‍क बूस्‍टर डोज?
निशुल्‍क बूस्टर की डोज सिर्फ सरकारी सेंटरों पर ही उपलब्‍ध होगी। अगर किसी निजी अस्पताल या सेंटर में बूस्टर डोज लगवाने जाएंगे। तो आपको पैसे देने होंगे। रिपोर्ट के मुताबिक बूस्टर डोज लगवाने में टोटल खर्च 350-400 रुपए के बीच आ सकता है। हालांकि ​​​​​​सरकार की गाइडलाइन के मुताबिक निजी अस्पताल बूस्टर डोज लगाने के लिए 150 रुपए से ज्यादा सर्विस चार्ज नहीं ​​ले सकते।

क्‍यों लेना चाहिए बूस्‍टर डोज?
डॉक्‍टरों और विशेषज्ञों के मुताबिक कोरोना वैक्सीन की दोनों डोज लेने के करीब 6 महीने के बाद शरीर में एंटीबॉडी का स्‍तर कम हो जाता है। अगर एंटीबॉडी का स्‍तर कम होगा तो फिर से वायरस हमला कर सकता है। इसलिए बूस्टर डोज या प्रिकॉशन डोज लेना जरूरी है।

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