नई दिल्ली। भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (ICMR) कोरोना संक्रमण को देखते कहा कि गर्भवती महिलाओं में लक्षण नहीं मिलने पर भी उनकी कोरोना जांच होगी। इसके लिए ICMR ने रणनीति तैयार की है।
आईसीएमआर ने कहा कि कि कोरोना वायरस संक्रमण से अति प्रभावित जिले के किसी हिस्से या संक्रमण की अधिकता वाले क्षेत्र में रह रहीं वैसी गर्भवती महिलाएं जो प्रसव पीड़ा में हों या अगले 5 दिन में बच्चे को जन्म देने वाली हों, उन्हें संक्रमण की जांच करानी चाहिए भले ही उनमें कोई लक्षण नहीं दिखते हों।
आईसीएमआर ने कहा कि वैसी गर्भवती महिलाएं, जिनमें संक्रमण के लक्षण नहीं हैं और वह बच्चे को जन्म देने वाली हैं तो उन्हें अस्पताल में इसकी जांच करानी चाहिए और नमूने जमा करने और प्रयोगशाला तक उसे भेजने की व्यवस्था होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि महिलाओं को ऐसे स्थान पर नहीं भेजना चाहिए जहां जांच की सुविधा नहीं हो।
आईसीएमआर ने कहा, ‘गर्भवती महिलाओं की जांच आईसीएमआर की जांच रणनीति के आधार पर होनी चाहिए। कोरोना वायरस संक्रमण से अति प्रभावित जिले के किसी हिस्से या संक्रमण की अधिकता वाले क्षेत्र या फिर बड़ी संख्या में बाहर से आए लोगों के जमावड़े/बचाव केंद्र वाले क्षेत्र में रह रहीं वैसी गर्भवती महिलाएं जो प्रसव पीड़ा में हैं या अगले 5 दिन में बच्चे जन्म देने वाली हैं, उन्हें संक्रमण की जांच करानी चाहिए, भले ही उनमें कोई लक्षण नहीं दिखते हों।'
टेलीफोन पर लिया जाएगा फीडबैक : भारत सरकार कोरोना वायरस के लक्षणों पर नागरिकों से प्रतिक्रिया एकत्र करने के लिए एक टेलीफोनिक सर्वेक्षण करेगा। NIC द्वारा यह सर्वेक्षण किया जाना है। इसके लिए 1921 नंबर से कॉल आपके मोबाइल फोन पर आएगी। इसमें आपको पूछे गए सवालों के जवाब देना होंगे।