लखनऊ। कोरोनावायरस (Coronavirus) कोविड-19 के रोगियों को आमतौर पर बुखार, सूखी खांसी, थकान और स्वाद या सूंघ न आने जैसी परेशानियों का सामना करना पड़ता है। वहीं गले में जलन, सिरदर्द, शरीर में दर्द, दस्त, त्वचा पर दाने और आंखें लाल हो जाना जैसे लक्षण भी दुर्लभ मामलों में देखे जाते हैं। अगर आप इनमें से कोई भी लक्षण खुद में महसूस करते हैं तो आपको तुरंत खुद को दूसरों से अलग कर लेना चाहिए।
जिसको लेकर एम्स के डॉक्टरों ने कोविड-19 पॉजिटिव रोगियों के लिए होम आइसोलेशन और दवाइयों को लेकर एक वेबिनार किया।इसमें उन्होंने बताया कि हल्के लक्षण यानी माइल्ड सिम्पटम वाले रोगियों को होम आइसोलेशन में किस तरह रहना है और किन दवाइयों को लेना है।
संक्रमण के लक्षण हैं, पर रिपोर्ट नेगेटिव है तो क्या करें?
एम्स के डॉक्टर नीरज इस पर कहते हैं कि 80 फीसदी संक्रमित मरीजों में बेहद हल्के लक्षण होते हैं। यदि आरटी-पीसीआर टेस्ट निगेटिव आता है, लेकिन लक्षण मौजूद हैं, तो दूसरे टेस्ट के लिए जाएं। अस्पताल में भर्ती होने की आवश्यकता है या नहीं?
यह बीमारी कितनी गंभीर है, इसके आधार पर तय किया जाता है। उन्होंने आगे कहा कि दवाओं को उचित मात्रा में और सही समय पर लेना चाहिए। दवा के बारे में जानना ही काफी नहीं है, मरीजों को यह भी पता होना चाहिए कि उन्हें कैसे और कब दवाई लेनी है।
इसके साथ ही जो लोग संक्रमित हैं, उनके लिए कुछ उपाय दिए गए हैं :
हर चीज के लिए बनाएं योजना : कोविड-19 पॉजिटिव हैं तो नियमित दवाएं लें। स्वच्छता और सफाई का ख्याल रखें। मेडिकल ग्रेड मास्क पहले से स्टॉक करके रखें। इसके साथ ही दैनिक आवश्यक चीजों की योजना बनानी चाहिए और स्वास्थ्य संबंधी जानकारी, स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं, हॉटलाइन आदि के लिए नंबरों की सूची तैयार रखें। इसके साथ ही आपातकालीन स्थितियों के लिए दोस्तों, परिवार के अन्य सदस्यों और पड़ोसियों के कॉन्टैक्ट नंबर भी संभालकर रखें।
होम आइसोलेशन में रखें पूरा ख्याल : हल्के और बिना लक्षण वाले मरीजों को होम आइसोलेशन में रखा जाता है। ऐसे रोगियों को परिवार के अन्य सदस्यों, विशेषकर बच्चों से सुरक्षित दूरी बनाए रखना चाहिए। जरूरी दवाएं रोगियों को आसानी से उपलब्ध होनी चाहिए।
देखभाल करने वाले और डॉक्टर के बीच उचित और नियमित संचार आवश्यक है। पॉजिटिव मरीजों को हमेशा थ्री लेयर मास्क पहनना चाहिए। मास्क को हर 8 घंटे में उचित सैनिटाइजेशन के बाद फेंक देना चाहिए। रोगी और देखभाल करने वाले दोनों को एक-दूसरे के साथ बातचीत करते समय एन-95 मास्क पहनना चाहिए।
ऐसे करें ऑक्सीमीटर का उपयोग : कोविड-19 रोगी को शरीर में ऑक्सीजन के स्तर की निगरानी के लिए पल्स ऑक्सीमीटर का उपयोग बहुत सावधानी से करना चाहिए। आर्टिफिशियल नाखून या नेल पॉलिश का उपयोग करने से पहले हटा देना चाहिए और ठंडा होने पर रोगी के हाथ को गर्म करना चाहिए। ऑक्सीमीटर से चेक करने से पहले कम से कम पांच मिनट आराम करें।
अगर रीडिंग पांच सेकंड के लिए स्थिर है, तो यह आपके शरीर में ऑक्सीजन के स्तर को दर्शाता है। डॉ. नीरज कहते हैं कि रेमडेसिविर को कभी भी घर में नहीं लेना चाहिए। होम आइसोलेशन में हैं तो पॉजिटिव रहें और नियमित व्यायाम करें।
ऑक्सीजन 94 से नीचे जाती है तो क्या करें?
डॉ. मनीष इस पर कहते हैं कि यदि ऑक्सीजन का स्तर 94 से नीचे चला जाता है, तो मरीजों को भर्ती किया जाना चाहिए। ऑक्सीजन के स्तर की जांच करते समय रोगी की उम्र और अन्य पुरानी बीमारियों को भी ध्यान में रखना चाहिए।
आइवरमेक्टिन और एजिथ्रोमाइसिन कब खाएं?
डॉ. मनीष इस पर कहते हैं कि आइवरमेक्टिन दवाई का उपयोग रोगी की इम्यूनिटी पॉवर और स्थिति पर निर्भर करता है। पेरासिटामाल के उपयोग के लिए भी उन्होंने यही कहा। इसलिए होम आइसोलेशन में केवल डॉक्टरों द्वारा बताई गई दवा ही लेनी चाहिए।
वहीं एजिथ्रोमाइसिन पर उन्होंने कहा कि कई रोगी एजीथ्रोमाइसिन के उपयोग पर जोर देते हैं, लेकिन स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा माइल्ड सिम्पटम्स वाले रोगियों के लिए जो नए दिशा-निर्देश जारी किए गए हैं, उनमें इस गोली के बारे में नहीं बताया गया है। रेविडोक्स के बारे में भी यही कहा गया है। उन्होंने कहा कि होम आइसोलेशन में रेविडोक्स का इस्तेमाल नहीं किया जाना चाहिए।