चेन्नई। कोरोनावायरस (Coronavirus) कोविड-19 महामारी के चलते तमिलनाडु में 10 मई से लागू सख्त लॉकडाउन में राज्य सरकार के छूट देने के बाद सोमवार को चाय दुकान, सैलून और शराब की दुकानों पर लोगों की भीड़ नजर आई।
सरकार संचालित तमिलनाडु राज्य विपणन निगम लिमिटेड (टीएएसएमएसी) की दुकानों पर ज्यादातर स्थानों पर लोगों की लंबी कतारें नजर आईं। राज्य के कुछ जिलों में शराब का सेवन करने वाले लोगों ने शराब की दुकानें फिर से खोले जाने पर नारियल फोड़कर इसका स्वागत किया।
राज्य के पश्चिमी हिस्से के सात जिलों और कावेरी डेल्टा क्षेत्र के चार जिलों को छोड़ अन्य जिलों में आज सुबह शराब की फिर से बिक्री शुरू हो गई। इन जिलों में कोरोनावायरस संक्रमण की दर के मद्देनजर लॉकडाउन के सख्त नियमों में छूट नहीं दी गई है। नई छूट शेष 27 जिलों में दी गई है, जिनमें चेन्नई भी शामिल है।
कुछ स्थानों पर ग्राहकों से सामाजिक दूरी के नियमों का पालन कराने के लिए इन दुकानों पर पुलिसकर्मी भी तैनात किए गए थे। शराब की दुकानें फिर से खोले जाने से पहले टीएएसएमएसी ने इसके प्रबंधकों को रविवार को एक परिपत्र भेजा था।
इसमें उनसे भीड़ से सामाजिक दूरी के नियमों का सख्त अनुपालन कराने, मास्क पहनने, दुकानें पूर्वाह्न 10 बजे से शाम पांच बजे तक खोलने के नियमों का सख्ती से पालन करने को कहा गया था। सैलून, ब्यूटी पार्लर और स्पा को सुबह छह बजे से शाम पांच बजे तक खोलने की अनुमति दी गई है।
वहीं चाय या कॉफी पीना पसंद करने वाले लोगों को इसे दुकानों से पार्सल के जरिए घर ले जाने की अनुमति दी गई है। हालांकि इस छूट से भी इन दुकानदारों के चेहरों पर मुस्कान है। एस सतीश नाम के एक दुकानदार ने कहा, मुझे खुशी है कि सरकार ने चाय दुकानों को खोलने और दुकान से पार्सल ले जाने की अनुमति दी है।
इस बीच, पीएमके संस्थापक डॉ. एस रामदास ने महामारी को फैलने से रोकने के लिए शराब की सभी दुकानों को बंद करने की राज्य सरकार से अपील की है। उनकी पार्टी राज्य में अन्नाद्रमुक की सहयोगी है। रामदास ने ट्विटर पर कहा कि सरकार को शराब के बुरे प्रभावों से लोगों को बचाने के लिए पूर्ण शराबबंदी लागू करनी चाहिए।
अन्नाद्रमुक और भाजपा, दोनों ही पार्टियां शराब की बिक्री का विरोध कर रही हैं और उन्होंने राज्य की द्रमुक सरकार पर दोहरे मानदंड अपनाने का आरोप लगाते हुए कहा कि यह कदम संक्रमण को फैला सकता है।(भाषा)