अलवर। राजस्थान में कोरोना के चलते जीवनदायिनी बनी ऑक्सीजन गैस का महत्व देखते हुए अलवर में स्थित 3 ऑक्सीजन संयंत्रों की सुरक्षा बढ़ा दी गई है। राज्य सरकार ने इसकी सुरक्षा के लिए और अधिकारी नियुक्त किए हैं। अब राज्य सरकार की निगरानी में इन संयंत्रों से ऑक्सीजन की आपूर्ति की जाएगी। पहली प्राथमिकता राजस्थान को रखने के बाद ही अन्य राज्यों को उनके हिस्से की ऑक्सीजन आपूर्ति की जाएगी। रास्ते में कोई व्यवधान पैदा नाहो इसलिए ऑक्सीजन के टैंकरों को पुलिस सुरक्षा में भेजा जा रहा है।
सूत्रों ने आज बताया कि संयंत्रों की सुरक्षा के लिए उच्चस्तर के अधिकारियों को निगरानी एवं सुरक्षा के लिए तैनात किया गया है। भिवाड़ी स्थित आईनॉक्स ऑक्सीजन संयंत्र से अब मध्यप्रदेश को ऑक्सीजन की आपूर्ति नहीं की जाएगी। भारत सरकार ने इस कंपनी से आपूर्ति की जा रही निर्णय को पलटते हुए मध्यप्रदेश का कोटा समाप्त कर दिया है। अब नए कोटे के अनुसार राजस्थान को 80 किलोलीटर, दिल्ली एवं हरियाणा को 20-20 किलोलीटर की आपूर्ति होगी।
सूत्रों ने बताया कि जहां गंभीर हालत है वहां ग्रीन कॉरिडोर बनाकर ऑक्सीजन टेंकरो को भेजा जा रहा है जिससे समय पर अस्पतालों को ऑक्सीजन मिल सके। भिवाड़ी की इस कंपनी में रोजाना 120 किलोलीटर ऑक्सीजन का उत्पादन हो रहा है। यहां से जाने वाले हर टैंकर के साथ पुलिस अधिकारी साथ रहते हैं।
अलवर जिला कलेक्टर नन्नू मल पहाड़िया ने अलवर के उद्योग नगर स्थित सिनर्जी ऑक्सीजन संयंत्र को शुक्रवार को अधिग्रहीत कर लिया है। उन्होंने ऑक्सीजन संयंत्र पर 24 घंटे पुलिस अधिकारी एवं पर्याप्त बल लगाने के निर्देश दिए गए हैं। इस संयंत्र की उत्पादन क्षमता 100 सिलेंडर प्रति दिन है। इससे अलवर जिले की मांग को प्राथमिकता में रखकर आसपास के जिलों को भी गैस की आपूर्ति की जाएगी। इस संयंत्र का अधिग्रहण करने के बाद यहां उत्पादित ऑक्सीजन गैस का उपयोग राजस्थान सरकार के निर्देशानुसार होगा। जिला कलेक्टर ने अलवर जिले में ऑक्सीजन की आवश्यकता को देखते हुए 5000 ऑक्सीजन सिलेंडर अधिग्रहीत करने के निर्देश दिए हैं। (वार्ता)